Sunday, September 8, 2024
Homeविविध विषयमनोरंजन92 साल के जिस लेखक ने टीपू सुल्तान को साबित किया मजहबी उन्मादी, उनकी...

92 साल के जिस लेखक ने टीपू सुल्तान को साबित किया मजहबी उन्मादी, उनकी कालजयी रचना पर बनेगी ‘महाभारत’: विवेक अग्निहोत्री ने की नई फिल्म की घोषणा

"कहते हैं, ऐसी कोई कहानी नहीं जिसका स्रोत महाभारत में न हो। क्या महाभारत मात्र एक काव्य है, या भारत की चेतना? फिर भी सदियों से एक प्रश्न उठता आया है कि महाभारत एक इतिहास है या फिर किंवदंती?

कन्नड़ के साहित्य जगत में एक बहुत बड़े नाम हैं – SL भैरप्पा। 2023 में पद्म भूषण, 2016 में पद्मश्री और 2015 में साहित्य अकादमी फेलोशिप से उन्हें भारत सरकार ने सम्मानित किया। उनकी एक पुस्तक कालजयी रचना मानी जाती है, जिसका नाम है – ‘पर्व’। आज ये पुस्तक खासा चर्चा में है, क्योंकि शनिवार (21 अक्टूबर, 2023) को निर्देशक विवेक रंजन अग्निहोत्री इस पर फिल्म बना रहे हैं। फिल्म का नाम होगा – PARVA – AN EPIC TALE OF DHARMA (पर्व – एन एपिक टेल ऑफ धर्मा)।

‘पर्व’ उपन्यास पर आधारित ये 3 फिल्मों की श्रृंखला होगी। महाभारत इतिहास है या फिर किंवदंती? इसी सवाल का जवाब तलाशेगी ये फिल्म। विवेक रंजन अग्निहोत्री ने फिल्म की घोषणा करते हुए कहा कि इसका एक कारण है कि क्यों ‘पर्व’ को मास्टरपीसों का भी मास्टरपीस कहा जाता है। आखिर ‘पर्व’ है क्या? इसका जवाब देते हुए उन्होंने फिल्म की घोषणा वाला वीडियो भी शेयर किया है, जिसे उन्होंने खुद नैरेट किया है। इस वीडियो में वो SL भैरप्पा के साथ करार पर हस्ताक्षर करते दिख रहे हैं।

विवेक अग्निहोत्री इस वीडियो में वरिष्ठ लेखक के पाँव छू कर उनका आशीर्वाद लेते हुए भी दिख रहे हैं। इस फिल्म का लेखन विवेक अग्निहोत्री और प्रकाश बेलावड़ी मिल कर करेंगे। वरिष्ठ पत्रकार रहे प्रकाश बेलावड़ी कई फिल्मों में बतौर अभिनेता नज़र आ चुके हैं। वहीं विवेक अग्निहोत्री हाल ही में आई फिल्म ‘द वैक्सीन वॉर’ की सफलता से भी उत्साहित हैं। ‘द वैक्सीन वॉर’ फिल्म ने मसाला मूवी न होते हुए भी अपना बजट निकाल लिया। साथ ही इसे अगले साल कई अवॉर्ड्स मिलने की भी संभावना है।

‘पर्व – एन एपिक टेल ऑफ धर्मा’ की घोषणा वाले वीडियो में विवेक अग्निहोत्री कहते हैं, “कहते हैं, ऐसी कोई कहानी नहीं जिसका स्रोत महाभारत में न हो। क्या महाभारत मात्र एक काव्य है, या भारत की चेतना? फिर भी सदियों से एक प्रश्न उठता आया है कि महाभारत एक इतिहास है या फिर किंवदंती? 17 वर्षों के कठिन रिसर्च के बाद पद्म भूषण डॉ SL भैरप्पा ने एक पुस्तक की रचना की – ‘पर्व’। कुछ तो कारण होगा कि इसे मास्टरपीसों का भी मास्टरपीस बोला जाता है।”

वीडियो में विवेक अग्निहोत्री आगे बताते हैं कि इस पुस्तक का भारत की कई भाषाओं में अनुवाद हुआ, इसके अंग्रेजी, रूसी, चीनी, मेंडेरियन और संस्कृत भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका है। निर्देशक ने बताया कि हर भाषा में ये पुस्तक बेस्टसेलर रही। उन्होंने इस पर प्रसन्नता और गौरव जताया कि इसे बड़े पर्दे पर उतारने की जिम्मेदारी SL भैरप्पा ने उन्हें सौंपी है। उन्होंने बड़ी जानकारी दी कि PARVA – AN EPIC TALE OF DHARMA पर काम शुरू हो चुका है। फिल्म का निर्माण उनके प्रोडक्शन हाउस ‘I am Buddha’ के बैनर तले किया जाएगा। पल्लवी जोशी इसकी निर्माता होंगी।

SL भैरप्पा के बारे में बता दें कि वो कन्नड़ साहित्य के उन चुनिंदा लेखकों में से एक हैं जिन्होंने खुल कर लिखा कि मैसूर का शासक टीपू सुल्तान एक मजहबी उन्मादी था जो हिन्दुओं को देखना भी नहीं चाहता था। कर्नाटक सरकार द्वारा आज भी फ़ारसी शब्द ‘बिन’ (बेटा) के इस्तेमाल के खिलाफ भी उन्होंने आवाज़ उठाई थी। उनका कहना था कि टीपू सुल्तान के समय हिन्दुओं र अत्याचार के लिए ये नियम शुरू किया गया था। उन्होंने ऐतिहासिक स्रोतों के आधार पर साबित किया कि टीपू सुल्तान हिन्दुओं का जबरन धर्मांतरण कराता था।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

ग्रामीण और रिश्तेदार कहते थे – अनाथालय में छोड़ आओ; आज उसी लड़की ने माँ-बाप की बेची हुई जमीन वापस खरीद कर लौटाई, पेरिस...

दीप्ति की प्रतिभा का पता कोच एन. रमेश को तब चला जब वह 15 वर्ष की थीं और उसके बाद से उन्होंने लगातार खुद को बेहतर ही किया है।

शेख हसीना का घर अब बनेगा ‘जुलाई क्रांति’ का स्मारक: उपद्रव के संग्रहण में क्या ब्रा-ब्लाउज लहराने वाली तस्वीरें भी लगेंगी?

यूनुस की अगुवाई में 5 सितंबर 2024 को सलाहकार परिषद की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इसे "जुलाई क्रांति स्मारक संग्रहालय" के रूप में परिवर्तित किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -