Monday, November 18, 2024
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‘शराब की लत किसी को भी, मेरे साथ भी… महिलाओं को इसे लेकर और अधिक ओपन माइंडेड होने की जरूरत’

"मास्क की तरह मेकअप करना होता है, अपनी असुरक्षा को ढँकना पड़ता है, मानो कोई आँक रहा हो। ऐसा लग रहा है जैसे कोई पूछ रहा हो कि क्या मासिक धर्म रुक गया है?" - पूजा भट्ट ने 'बॉम्बे बेगम्स' पर खुल कर की बात।

बॉलीवुड अभिनेत्री पूजा भट्ट ने लंबे समय के बाद एक बार फिर से फिल्मी पर्दे पर एक एक्ट्रेस के तौर पर वापसी की है। करीब तीन दशकों के अपने फिल्मी करियर में पूजा भट्ट ने एक्टिंग के साथ प्रोडक्शन औऱ डायरेक्शन भी किया है। एक बार फिर से पूजा ने एक्टिंग की शुरुआत की है। लंबे समय के बाद अपनी पहली फिल्म ‘बॉम्बे बेगम्स’ को लेकर एक इंटरव्यू में बातचीत के दौरान उन्होंने शराब की लत समेत कई मुद्दों पर बात की।

पूजा भट्ट ने फिल्म को लेकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा है कि अब देश भर से महिलाएँ देख रही हैं कि वास्तविक जीवन में महिलाएँ किस तरीके से जीवन जीती हैं। पूजा भट्ट ने बताया कि वो देश की इन महिलाओं को देख कर काफी प्रभावित हैं।

‘बॉम्बे बेगम्स’ में अपने रोल को लेकर सवाल पर पूजा भट्ट ने कहा कि अगर एक दूसरे को नीचा दिखाने की बजाय बराबरी की बात करें तो दुनिया का दर्द कम हो जाएगा। पूजा भट्ट ने कहा कि अगर बॉम्बे बेगम्स में उनके किरदार (रानी ईरानी) को देखें, तो वह ऐसी है, जिसके पास कभी वह जीवन नहीं था, जो वो चाहती थी। उसे (रानी ईरानी) बहुत से राज को दबाना पड़ता था।

रानी ईरानी के किरदार को लेकर पूजा भट्ट का कहना है कि सभी के अपने तरीके होते हैं और कोई भी पूरी तरह से सही नहीं होता। ‘बॉम्बे बेगम्स’ की रानी को भी मास्क की तरह मेकअप करना होता है और अपनी असुरक्षा को ढँकना पड़ता है, मानो कोई उसे आँक रहा हो। ऐसा लग रहा है जैसे कोई उससे पूछ रहा हो कि क्या उसका मासिक धर्म रुक गया है? अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए पूजा भट्ट कहती हैं कि बुढ़ापा हकीकत है औऱ हम सभी ऐसी दुनिया में जीते हैं, जो बढ़ती उम्र को लेकर प्रभावित होती है। उन्होंने कहा कि जीवन के इस पड़ाव पर ‘रानी ईरानी’ का रोल निभाने से उन्हें खुशी मिली है।

‘रानी ईरानी’ के रोल को लेकर पूजा भट्ट ने कहा, “रानी को यौन शोषण का दंश झेलना पड़ता है। रानी जिस तरीके से इसे सह गई, मैं ऐसा नहीं कर पाती। यही वो चीज है, जिसने मुझे उसकी ओर खींचा। जब मुझे इस फिल्म के लिए कहा गया तो मुझे लगा कि जिंदगी मेरे दरवाजे पर दस्तक दे रही है। मैं अपना दरवाजा बंद नहीं कर सकती।”

शराब पीने की आदत को लेकर पूजा भट्ट ने कहा कि लोग कई चीजों को छुपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन चार साल पहले जब उन्होंने यह फैसला किया तो तय किया इस पर खुल कर बात करेंगी। पूजा भट्ट ने कहा, “मैंने 1989 में आई डैडी फिल्म से अपने करियर को शुरू किया था। इसमें एक ऐसी लड़की थी, जो अपने पिता को शराब पीने से रोकती है। इसी परेशानियों से मुझे भी जूझना पड़ा। मैंने लोगों को बताया कि यह (शराब की लत) किसी के भी साथ हो सकता है। खास तौर पर महिलाओं को इसके बारे में और अधिक ओपन माइंडेड होना चाहिए।”

‘शादी के बिना अधूरी नहीं जिंदगी’

‘खुशहाल शादी’ के मुद्दे पर जब पूजा भट्ट से पूछा गया तो उन्होंने कहा, “इस बात से फर्क ही नहीं पड़ता कि हम महिलाएँ विश्व में क्या हासिल कर रही हैं। हम में से कई घर आती हैं और हमारी सफलता को लेकर कह दिया जाता है- ‘हाँ ठीक है न, तुमने नोबल प्राइज जीत लिया मगर अभी खाने में क्या है? तुम एक माँ हो या नहीं? तुम शादीशुदा हो या नहीं? मैं अब इनसे आगे बढ़ गई हूँ। मैंने शादी की, कोशिश की और लोगों को रिकमेंड भी किया। लेकिन अब मेरा जीवन अधूरा नहीं है क्योंकि मैं वैसे ही जीना चाहती हूँ जैसे मैं रहती हूँ।”

बता दें कि पूजा भट्ट ने मनीष मखीजा से साल 2003 में शादी की थी लेकिन शादी के 11 साल बाद यानी 2014 में दोनों एक दूसरे अलग हो गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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