क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। आलम ये है अभी तक जहाँ उनके ख़िलाफ़ केवल प्रदर्शन किए जा रहे थे, तरह-तरह की बयानबाजियाँ सामने आ रहीं थी। तो वहीं, अब उनके ख़िलाफ़ खुलकर कानूनी कार्रवाई किए जाने की माँग उठने लगी है। इस वक्त उनपर दो तरफ से मुश्किलें आई हैं। एक ओर जहाँ उनकी पार्टी के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर ने चुनाव आयोग से उनकी पार्टी के ख़िलाफ़ विदेशी चंदा मामले की जाँच का अनुरोध किया है, तो वहीं अब कोर्ट के खिलाफ कथित तौर पर टिप्पणी करने के मामले में उनके खिलाफ याचिका दायर की गई है। इस याचिका में इमरान खान को अयोग्य करार देने की माँग उठाई गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इमरान ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विदेश में इलाज कराने को लेकर कथित तौर पर कोर्ट के खिलाफ और चीफ जस्टिस आसिफ सईद पर टिप्पणी की थी। जिसके बाद एक शख्स ताहिर मसूद ने लाहौर हाईकोर्ट में इमरान के खिलाफ याचिका दायर की। याचिका में मसूद ने कहा कि इमरान खान पर कोर्ट की अवमानना का मुकदमा चलना चाहिए।
प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ़ याचिका दायर करते हुए मसूद ने ये भी आरोप लगाया है कि खान ने वरिष्ठ न्यायधीशों की आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने पिछली बार 2013 में कोर्ट के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले का भी जिक्र भी याचिका में किया और कहा कि इससे पहले भी इमरान खान कोर्ट के ख़िलाफ़ टिप्पणी कर चुके हैं। मसूद ने अपनी याचिका में अन्य नेताओं को कोर्ट के ख़िलाफ़ बोलने पर हुई सजा का हवाला दिया और इमरान खान को अयोग्य करार देने की माँग उठाई।उन्होंने निर्वाचन आयोग से खान की नेशनल असेंबली सदस्यता रद्द करने को भी कहा है।
गौरतलब है कि इससे पहले इमरान खान को उनकी पार्टी के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर द्वारा भी आड़े हाथों लिया जा चुका है और चुनाव आयोग ने भी उनकी ओर कड़ा रुख अपनाया है। जहाँ बाबर ने चुनाव आयोग से विदेशी चंदा मामले की जाँच का अनुरोध किया है। वहीं, चुनाव आयोग इस माँग से तीन दिन पहले ही पार्टी के खिलाफ़ 5 साल पुराने विदेशी चंदा मामले की सुनवाई रोजाना करने का फैसला कर लिया है।
बता दें, इस संबंध में बाबर ने नवंबर, 2014 में पार्टी को मिले विदेशी चंदे के खिलाफ एक मामला दायर किया था। इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि 21 करोड़ रुपए की रकम पार्टी को 2 विदेशी कंपनियों से हुंडी के जरिए मिली और बाद में इसे पश्चिम एशिया से पाकिस्तान स्थित खातों में भेजा गया था।