इराक के युद्ध प्रभावित क्षेत्र एरबिल से आने वाली दो मासूमों को दिल्ली के डॉक्टरों ने ईद के मौक़े पर रविवार को नई जिंदगी का तोहफा दिया है। जानकारी के मुताबिक दिल की बीमारी से जूझ रही इन दोनों बच्चियों में एक को सर्जरी के जरिए ठीक किया गया जबकि दूसरी को सिर्फ़ दवाई के माध्यम से नया जीवन प्रदान किया गया।
स्टैश आजाद खलील (2) और नवीन यासीन (7) नाम की इन दोनों बच्चियों को अगर यहाँ इलाज नहीं मिलता तो उनकी जान भी जा सकती थी, क्योंकि इराक के जिस इलाके से ये आतीं है, वहाँ स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी होने के कारण इनका उपचार नहीं हो पा रहा था। जिसके बाद नई दिल्ली स्थित इंडिया फाउंडेशन और इराक स्थित ब्रिंग होप ह्यूमैनिटेरियन के साझा प्रयासों से उन्हें दिल्ली लाया गया।
The girls, Staish Azad Khalil (2) and Naveen Yaseen (7), were critical and would not have survived long without medical attention, doctors said.https://t.co/qUqPQVqkeq
— India Today (@IndiaToday) August 11, 2019
यहाँ गंगाराम अस्पताल के पेडिएट्रिक्ट कार्डिएक सर्जरी के चेयरमैन डॉ. राजा जोशी की अगुवाई में इलाज शुरू हुआ। जब जाँच हुई तो पता चला 2 साल की स्टैश का तो दिल का आधा हिस्सा ही जन्म से गायब है। जिस कारण वह बार-बार नीली पड़ती थी और उसको पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न मिलने पर उसकी साँस भी फूलने लगती थी।
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो बच्ची की हालत देखने के बाद इकोकार्डियोग्राफी और कार्डिएक कैथीटेराइजेशन स्टडी के बाद सुनिश्चित किया गया कि स्टैश के लिए एक सर्जिकल विकल्प से सब ठीक हो सकता है।
2 Iraqi girls undergo life-saving surgery https://t.co/ngqbv93PNe
— TOI Delhi (@TOIDelhi) August 11, 2019
इस जाँच के बाद ही डॉक्टर जोशी की अगुआई में सर्जरी को पूरा किया गया। बताया जा रहा है इस सर्जरी में स्टैश के दिल के पंप को लंग्स से जोड़ा गया है। जिसके बाद उसके शरीर में ऑक्सीजन का स्तर सामान्य है। साथ ही वह अब ठीक से साँस लेने में भी सक्षम है। लेकिन डॉक्टरों के मुताबिक यह सर्जरी का पहला स्टेज था। अभी बच्ची की चार साल बाद एक और सर्जरी होगी।
लेकिन, फिलहाल उन्हें अपने घर जाकर ईद मनाने के लिए अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब बच्ची को 4 साल बाद सर्जरी के लिहाज से भारत बुलाया जाएगा। स्टैश की माँ की मानें तो उन्हें बिलकुल उम्मीद नहीं थी कि यहाँ आकर इतने अच्छे इलाज के साथ उन्हें प्यार भी मिलेगा। वे यहाँ से बेहद संतुष्ट होकर घर लौट रही हैं। वहीं दूसरी बच्ची नवीन यासीन को अपनी दिल की बीमारी के लिए सर्जरी की आवश्कता नहीं पड़ी। उसे यहाँ के डॉक्टरों ने दवाई से ही ठीक कर दिया।