दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती के बाद केजरीवाल सरकार पाकिस्तान से आए तीनों हिन्दू बच्चों को स्कूल में दाखिला देने के लिए मान गई। 17 अक्टूबर को मामले में सुनवाई के बाद न्यायधीश राजीव शकधर ने बच्चों के तुरंत दाखिले के आदेश दिए। कुछ दिन पहले बड़ी उम्र का हवाला देकर स्कूल से अचानक निकाल दिए गए संजिना बाई, मूना बाई और रवि कुमार को भाटी माइन्स के सरकारी स्कूल में कक्षा नौंवी में दाखिला मिला।
3 Pakistani siblings get admission in Delhi Govt school after Delhi High Court intervention pic.twitter.com/HzdEjxGSRq
— Ashok Agarwal (@socialjurist) October 17, 2019
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान के जुल्मों सितम से परेशान होकर दिल्ली आए इन हिन्दू बच्चों को महीनों से तालीम के अधिकार के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा था। लेकिन कुछ दिन पहले बच्चों के पिता गुलशेर ने सुप्रीम कोर्ट के वकील अशोक अग्रवाल की मदद से दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर करवाई। जिसके बाद न्यायधीश राजीव शकधर ने इस पर संज्ञान लिया और 11 अक्टूबर को दिल्ली सरकार को नोटिस भेजा।
नोटिस में दिल्ली सरकार से पूछा गया कि आखिर उन्हें बच्चों को दाखिला देने में क्या दिक्कत है? इस दौरान कोर्ट ने दिल्ली सरकार को जवाब देने का समय और अगली सुनवाई की तारीख 17 अक्टूबर तय की।
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17 तारीख को मामले की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार के वकील रमेश सिंह ने न्यायधीश से कहा कि वो अपने आदेश में इस दाखिले को ‘इंसानियत के आधार पर (humanitarian ground )’ पर लिया फैसला बताएँ, लेकिन बच्चों के अधिकार की लड़ाई लड़ रहे वकील अशोक अग्रवाल ने कहा, “कौन सी इंसानियत के आधार पर? हम भिखारी नहीं हैं, हम अपने अधिकारों की माँग कर रहे हैं? राज्य कभी दान नहीं करता, यह संविधान के अनुसार काम करता है।
इसके बाद न्यायधीश शकधर ने वकील अशोक अग्रवाल की बात से सहमत होते हुए कहा, “मिस्टर अग्रवाल सही बोल रहे हैं, राज्य कभी दान नहीं देता, संविधान के तहत यह बच्चों का अधिकार है।”
बता दें कि 14 मई को पाकिस्तान से दिल्ली आए ये बच्चे छतरपुर के भाटी माइन्स में अपने पिता गुलशेर के साथ रहते हैं। बीते दिनों आगे की शिक्षा जारी रखने के लिए इन्हें कई तरह की परेशानियों से होकर गुजरना पड़ा। स्कूल ने पहले दाखिला दिया भी, लेकिन फिर बड़ी उम्र का हवाला देकर स्कूल से कुछ ही दिन में निकाल दिया। बच्चों के पिता इस बीच दिल्ली सरकार के कई अधिकारियों से मिले, लेकिन उनकी गुहार अनसुनी ही रही। अंत में उन्होंने थक हारकर वकील अशोक अग्रवाल की मदद से न्यायपालिका की ओर रुख किया। जिसके बाद दिल्ली सरकार को उन्हें दाखिला देने के लिए मानना ही पड़ा।
पूरा मामला जानने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें- ऑपइंडिया एक्सक्लूसिव: पाकिस्तान से आए हिंदू बच्चों को स्कूल ने निकाला, केजरीवाल सरकार में अनसुनी फरियाद