वसीम जाफर के ऊपर मजहबी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप और उनके उत्तराखंड क्रिकेट टीम के मुख्य कोच पद से इस्तीफा देने के बाद लोग ‘क्रिकेट जिहाद’ शब्दावली का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तानी क्रिकेटर अहमद शहजाद का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो श्रीलंका के तूफानी सलामी बल्लेबाज रहे तिलकरत्ने दिलशान पर इस्लाम अपनाने के लिए दबाव बनाते हुए नजर आ रहे हैं।
ये वीडियो अभी का नहीं है, बल्कि 7 साल पुराना है। ये वीडियो अगस्त-सितम्बर 2014 का है, जब श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच मैच खेला जा रहा था। वायरल वीडियो में दिलशान बल्लेबाजी कर के लौट रहे हैं और उनके साथ चल रहे अहमद शाहजाद उन्हें कह रहे हैं कि अगर आप नॉन-मुस्लिम हैं और इस्लाम अपना लेते हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि फिर अपने जीवन में आप क्या करते हो, आप अंततः जन्नत हो जाओगे।
तब पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने भी इस वीडियो का संज्ञान लिया था और इस पर जाँच बिठाई थी। हालाँकि, दिलशान ने इस वीडियो में उन्हें क्या जवाब दिया – ये स्पष्ट नहीं है। शहजाद को इसके बाद लाहौर में PCB के मुख्यालय में बुलाया गया था। उनसे पूछताछ भी की गई थी। तब उन्होंने बोर्ड के समक्ष कहा था कि ये दिलशान के साथ उनका व्यक्तिगत संवाद था और इसका क्रिकेट से कुछ लेना-देना नहीं है।
Wasim Jaffer is not the first man to do Cricket Jihaad
— CLOWN रितिक (@hehehihi619) February 10, 2021
Here is Pakistani Player Ahmed Shahzad asking Dilshan to convert into lsIam pic.twitter.com/8j4dn8CNhK
इस मामले में किसी ने भी कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, जिस कारण PCB ने मामले को रफा-दफा कर दिया। दिलशान के पिता मुस्लिम ही थे और उनका नाम तुवान मुहम्मद था। हालाँकि, 1999 में डेब्यू करने के साथ ही उन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान को त्याग दिया था। वो खुद को सिंहला-बौद्ध ही मानते हैं। उनके कोच ने भी बताया था कि दिलशान और उनके सभी भाई-बहन अपनी माँ की तरह बौद्ध हैं।
वसीम जाफर पर आरोप लगा है कि CAU के अधिकारियों से लड़ रहे थे और मजहबी गतिविधियों के आधार पर टीम को तोड़ने की कोशिश में लगे हुए थे। टीम के कैम्प के दौरान वसीम जाफर मौलवियों को बुलाते थे। टीम के स्लोगन ‘राम भक्त हनुमान की जय’ को हटा देने के आरोप भी उन पर लगे हैं। आरोप है कि इक़बाल को आगे बढ़ाने के चक्कर में उन्होंने चंदेला को निचले क्रम का बल्लेबाज बना दिया।