Sunday, December 22, 2024
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अब टाटा भी बनाएगा iPhone, एप्पल के दो मॉडल का होगा प्रोडक्शन: बेंगलुरु में खरीदा प्लांट, सितंबर में लॉन्चिंग संभव

हर साल सितंबर के महीने में iPhone सीरीज को लॉन्च किया जाता है। इस साल एप्पल की तरफ से iPhone 15 को सितंबर में लॉन्च किया जा सकता है। 2023 में आईफोन सीरीज के चार मॉडल- आईफोन 15, आईफोन 15 प्लस, आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स इसमें शामिल हो सकते हैं।

आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल (Apple) ने अपने iPhone 15 सीरीज के दो मॉडल बनाने के लिए भारत को चुना है। टाटा ग्रुप एप्पल के अपकमिंग मॉडल iPhone 15 और iPhone 15 Plus को भारत में असेंबल करेगा। इससे पहले भारत में फॉक्सकॉन, पेगाट्रॉन और लक्सशेयर जैसी कंपनियाँ iPhone को असेंबल करती रही हैं। लेकिन अब इस रेस में टाटा ग्रुप भी शामिल हो गया है। टाटा ग्रुप भारत में iPhone बनाने वाली चौथी कंपनी बनेगी।

TrendForce की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआत में टाटा ग्रुप को iPhone 15 और iPhone 15 Plus के प्रोडक्शन का एक छोटा हिस्सा मिलेगा। यानी टाटा, दोनों मॉडल्स का सिर्फ 5 प्रतिशत ही असेंबल करेगा। वहीं, फॉक्सकॉन नए आईफोन के रेगुलर वेरिएंट के 70 प्रतिशत और लक्सशेयर रेगुलर वेरिएंट का 25 प्रतिशत असेंबल करेंगी। कहा जा है कि लक्सशेयर को प्लस वेरिएंट के असेंबली ऑर्डर का 60 प्रतिशत और पेगाट्रॉन को प्लस वेरिएंट के असेंबली ऑर्डर का 35 प्रतिशत मिला है। टाटा ग्रुप पहले ही बेंगलुरु में विस्ट्रॉन का आईफोन प्लांट खरीद चुका है, जहाँ iPhone 15 सीरीज को असेंबल किया जाएगा।

हर साल सितंबर के महीने में iPhone सीरीज को लॉन्च किया जाता है। इस साल एप्पल की तरफ से iPhone 15 को सितंबर में लॉन्च किया जा सकता है। 2023 में आईफोन सीरीज के चार मॉडल- आईफोन 15, आईफोन 15 प्लस, आईफोन 15 प्रो और आईफोन 15 प्रो मैक्स इसमें शामिल हो सकते हैं। दरअसल, कोरोना महामारी और भू-राजनीतिक संबंधों के कारण उपजे तनाव के बाद Apple का व्यवसाय प्रभावित हुआ है। वहीं चीन से दूर Apple की मैन्युफैक्चरिंग सप्लाई चेन के चल रहे बदलाव ने Tata Group को iPhone असेंबल ऑर्डर हासिल करने में मदद की है।

बता दें कि 2022 में चीन के झेंगझू में स्थित एप्पल के प्लांट में कामगारों ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था। वीडियो में प्रदर्शनकारियों को हंगामा करते और लाठी से सीसीटीवी कैमरों को तोड़ते हुए देखा गया था। इस हिंसा का कारण वेतन का भुगतान और प्लांट में कठोर कोविड गाइडलाइन को लेकर था। एप्पल के इस फैसिलिटी सेंटर में लगभग 3,00,000 कर्मचारी काम करते थे और यहाँ iPhone प्रो के 85 प्रतिशत हिस्से का काम होता था। इसकी वजह एप्पल अपनी उत्पादन फैक्ट्री को चीन से निकालकर भारत और वियतनाम जैसे एशियाई देशों में स्थानांतरित करना चाहता है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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