Sunday, December 22, 2024
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बजरंग पूनिया फिर से सस्पेंड: डोप टेस्ट के लिए अपना पेशाब सैम्पल क्यों नहीं दिया? क्या छिपा रहे कि नाडा को दोबारा लेना पड़ा एक्शन

बजरंग पूनिया को पेरिस ओलंपिक क्वॉलिफायर्स के लिए आयोजित नेशनल सेलेक्शन ट्रायल्स में हार झेलनी पड़ी थी। टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पूनिया को रोहित कुमार ने ट्रायल्स के दौरान सेमीफाइनल में हरा दिया था।

भारत के ओलंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया को राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी ( नाडा) ने फिर से सस्पेंड कर दिया है। उन्हें नियमों के उल्लंघन और जवाब न देने की वजह से अस्थायी तौर पर सस्पेंड किया गया है। नोटिस जारी करते हुए उन्हें 11 जुलाई तक का समय दिया गया है, तब तक सस्पेंशन जारी रहेगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, नाडा ने उन्हें दूसरी बार सस्पेंड किया है। पिछली बार के सस्पेंशन के समय उन्हें नोटिस नहीं जारी किया गया था, जिसकी वजह से अनुशासनात्मक पैनल ने सस्पेंशन को रद्द कर दिया था, लेकिन इस बार उन्हें सस्पेंड करने के साथ ही नोटिस भी जारी किया गया है, जिसका जवाब देने केे लिए 11 जुलाई का समय दिया गया है। बता दें कि 10 जुलाई 2024 को सोनीपत में ट्रायल्स के दौरान बजरंग पूनिया हार गए थे और उनके पेरिस ओलम्पिक में भाग लेने की संभावनाएं खत्म हो गई थी। उन्होंने ट्रायल्स के बाद जरूरी यूरीन सैंपल देने से मना कर दिया था और ट्रायल्स के बीच ही कैंप छोड़कर चले गए थे।

नाडा ने बजरंग पूनिया को जो नोटिस भेजा है, उसमें लिखा है कि ‘डीसीओ ने आपको डोप टेस्ट के लिए यूरीन सैम्पल देने को कहा था। डीसीओ द्वारा किए गए कई अनुरोधों के बाद भी आपने इस आधार पर अपने यूरीन सैम्पल देने से इनकार कर दिया था। सैम्पल देने से इनकार के बाद नाडा के डीसीओ ने आपको इसके परिणामों के बारे में विस्तार से बताया था। आप पर राष्ट्रीय डोपिंग रोधी नियम, 2021 के अनुच्छेद 2.3 के उल्लंघन का आरोप लगा है। अब आपको अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया गया है।’

बता दें कि बजरंग पूनिया को पेरिस ओलंपिक क्वॉलिफायर्स के लिए आयोजित नेशनल सेलेक्शन ट्रायल्स में हार झेलनी पड़ी थी। टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पूनिया को रोहित कुमार ने ट्रायल्स के दौरान सेमीफाइनल में हरा दिया था। जिसके बाद पेरिस ओलंपिक 2024 में भाग लेने का भी उनका सपना टूट गया।

गौतरलब है कि किसी भी खिलाड़ी के प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के दौरान एक सप्ताह पहले और एक सप्ताह बाद के बीच के समय में अपना यूरीन सैंपल डोपिंग की जाँच के लिए देना होता है। ये अनिवार्य है। ऐसा न करने पर खिलाड़ियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाती है। ऐसा इसलिए किया जाता है, ताकि खिलाड़ी किसी तरह की डोपिंग न कर सकें। डोपिंग का मतलब किसी ऐसे पदार्थ या दवा के सेवन से है, जो खेल के दौरान खिलाड़ियों के प्रदर्शन को बेहतर करता है। ऐसा करना प्रतिबंधित है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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