Saturday, November 16, 2024
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पेरिस ओलंपिक से बाहर हो सकते हैं बजरंग पूनिया, एंटी-डोपिंग एजेंसी ने लगाया बैन: ट्रायल में हार के बाद भाग खड़े हुए, अब कह रहे – मेरा वकील जवाब देगा

नाडा ने 23 अप्रैल को ही पत्र लिख कर बजरंग पूनिया को नोटिस जारी किया था। नाडा ने 7 मई तक जवाब देने का समय दिया था, लेकिन इस पत्र के बारे में जानकारी सार्वजनिक अब हुई है।

ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया पेरिस ओलंपिक से बाहर हो सकते हैं। उन पर डोपिंग टेस्ट में शामिल न होने के लिए नाडा ने अस्थाई प्रतिबंध लगा दिए हैं। बजरंग पूनिया के पास प्रतिबंधों के खिलाफ अपील करने का समय 7 मई तक का है, इसके बाद उनपर कार्रवाई को आगे बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही अब उनके ओलंपिक में हिस्सा लेने की कोशिशों पर काले बादल मंडराने लगे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग एजेंसी ने बजरंग पूनिया को अस्थाई रूप से सस्पेंड कर दिया है, क्योंकि उन्होंने मार्च महीने में सोनीपत में हुए ट्रायल में हार के बाद न तो अगले मुकाबलों में हिस्सा लिया था और न ही डोप सैंपल दिया था। नियमों के मुताबिक, हर खिलाड़ी के लिए डोप सैंपल देना अनिवार्य होता है। नाडा ने 23 अप्रैल को ही पत्र लिख कर बजरंग पूनिया को नोटिस जारी किया था। नाडा ने 7 मई तक जवाब देने का समय दिया था, लेकिन इस पत्र के बारे में जानकारी सार्वजनिक अब हुई है।

नाडा ने क्यों की इतनी बड़ी कार्रवाई?

बता दें कि पेरिस ओलंपिक के लिए अभी क्वालिफायर्स होने बाकी हैं। उससे पहले सोनीपत में ट्रायल्स का आयोजन किया गया था। यह ट्रायल्स सोनीपत में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया (SAI) की एकेडमी में हुए थे। इसमें बजरंग पूनिया का मुकाबला रोहित कुमार से हुआ। रोहित कुमार ने इन ट्रायल में बंजरंग पूनिया को 9-1 के अंतर से पटखनी दे दी। इसी के बाद स्पष्ट हो गया कि वह क्वालिफायर्स में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

इस मुकाबले के बाद उन्हें आगे भी मुकाबलों में हिस्सा लेना था, लेकिन बजरंग पूनिया ने ट्रायल्स छोड़ दिए थे। यही नहीं, उन्होंने अधिकारियों के कई बार अनुरोध करने के बाद भी डोपिंग टेस्ट के लिए सैंपल नहीं दिए और ट्रायल वाली जगह से बाहर चले गए थे। इसी के बाद अब नाडा ने उन पर अस्थाई प्रतिबंध लगाया है कि जबतक इस मामले का निपटारा नहीं हो जाता, वो किसी भी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकते।

हालाँकि बजरंग पूनिया ने दावा किया है कि उन्होंने कभी सैंपल देने से इनकार नहीं किया, बल्कि सैंपल लेने के लिए एक्सपायर्ड किट लाई गई थी, मैंने उसका विरोध किया। पूनिया ने कहा कि नाडा के पत्र का जवाब उनके वकील देंगे।

गौरतलब है कि हाल के समय में बजरंग पूनिया के प्रदर्शन में काफी गिरावट देखी गई है। इससे पहले वह 2023 एशियन गेम्स में भी हार चुके हैं। उन्हें जापान के एक पहलवान के यामागुची ने 10-0 से शिकस्त दी थी। वह एशियन गेम्स से बिना मेडल लिए ही लौट आए थे। हालाँकि पहलवान बजरंग पूनिया भारत के लिए ओलंपिक में कांस्य पदक जीत चुके हैं। टोक्यो ओलंपिक 2020 में उन्होंने 65 किलो ग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। अब अगर उनके उपर लगा यह बैन नहीं हटा तो पेरिस ओलंपिक के लिए होने वाले फाइनल ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाएँगे।

बजरंग पूनिया पिछले काफी समय से खेल के लिए प्रैक्टिस करने की जगह प्रदर्शन करते देखे गए हैं। वो कभी किसी नेता से मुलाकात करते हैं, तो कभी किसी नेता के लिए सोशल मीडिया पर बयान जारी कर रहे होते हैं। ऐसे में उनके खेल में गिरावट आने की सबसे बड़ी वजह वो खुद ही बनते चले गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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