सेन्ट्रल रिजर्स पुलिस बल (CRPF) कमांडेंट और कीर्ति चक्र अवॉर्ड से सम्मानित चेतन चीता अस्पताल में ज़िंदगी और मौत की ज़ंग लड़ रहे हैं। उनकी पत्नी ने बताया है कि उनकी स्थिति गंभीर है। पिछले 9 दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। एक दिन पहले वेंटिलेटर हटाया गया है। हरियाणा के झज्जर AIIMS में भर्ती चेतन चीता अब कोरोना नेगेटिव हो चुके हैं, लेकिन फिर भी उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
जब 9 दिनों के बाद वेंटीलेटर निकाला गया था तो लोगों ने राहत की साँस ली थी क्योंकि उन्हें लगा था कि 45 वर्षीय CRPF अधिकारी की हालत अब स्थिर है, लेकिन गुरुवार (जून 10, 2021) की सुबह फिर से वेंटिलेटर लगाना पड़ा। डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है और उनके अंग काम कर रहे हैं। उनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल भी गिर कर 94 पर आ गया है। उन्हें अन्य बीमारियाँ नहीं हैं।
उनके परिवार ने बताया कि उनका हाथ ही एकमात्र समस्या बना हुआ है, जिसमें आतंकियों से एनकाउंटर के दौरान गोलियाँ लगी थीं। फरवरी 14, 2017 को जम्मू कश्मीर के बांडीपोरा स्थित हाजिन क्षेत्र में एक मुठभेड़ में उन्हें 9 गोलियाँ लगी थीं। चेतन चीता की पत्नी ने ‘इंडिया टुडे’ से बात करते हुए कहा, “मुझे पता है कि वो एक फाइटर हैं। हम इस लड़ाई में हथियार नहीं डाल सकते। ईश्वर ऐसा अन्याय कैसे कर सकता है!”
आँखों में आँसू लेकर चेतन चीता की पत्नी ने कहा कि उनके पति को राष्ट्र की प्रार्थनाओं की ज़रूरत है। उनका बेटा भी कोरोना पॉजिटिव है। चेतन मई 9, 2021 से ही अस्पताल में भर्ती हैं। परिवार उन्हें एम्स दिल्ली या किसी प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करना चाहता है। CRPF भी इलाज में पूरी मदद कर रहा है और एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलारिया से भी विचार-विमर्श किया गया है। डॉक्टर गुलेरिया ने अधिकारियों और परिवार को आश्वासन दिया कि वो सुरक्षित हाथों में हैं।
उनका मानना है कि अभी चेतन चीता को शिफ्ट करने से उनके इलाज पर असर पड़ सकता है। CRPF के इंस्पेक्टर जनरल राजेश कुमार ने कहा कि उनकी मॉनिटरिंग के लिए CRPF के एक डॉक्टर और एक अधिकारी को भी लगाया गया है। उन्होंने बताया कि चेतन को सर्वश्रेष्ठ मेडिकल केयर दिया जा रहा है। एम्स के ‘नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट (NCI)’ की अध्यक्ष डॉक्टर सुषमा भटनागर ने बताया था कि चेतन चीता होश में हैं, बातचीत कर रहे हैं और सेमी-सॉलिड भोजन मुँह से ले रहे हैं।
He has no comorbidities. "The only problem is his hand which took the bullets during the encounter," his family said | @kamaljitsandhu #India #CRPFCommandant #ChetanCheetah https://t.co/zfdtLLmBrm
— IndiaToday (@IndiaToday) June 11, 2021
चेतन चीता के दिमाग, दाईं आँख, पेट, दोनों बाँह, पीठ की तरफ कमर के नीचे और हाथ में गोली लगी थी। इन सबके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और लगभग एक साल बाद CRPF के दिल्ली मुख्यालय में बतौर कमांडेंट ड्यूटी शुरू की। अपनी यूनिफॉर्म के बारे में वो कहते हैं कि ये उनकी दूसरी स्किन है। एक सर्च ऑपरेशन के दौरान CRPF की 45वीं बटालियन पर आतंकियों ने गोली चलाई थी।
चेतन ने युवाओं से अपील की थी कि वो देश के लिए अपना शत-प्रतिशत दें। चेतन ने कहा था कि उन्होंने भी यही किया। बकौल चेतन चीता, उनके पास बच कर निकलने का मौका था, लेकिन उन्होंने गोलियों का सामना करना उचित समझा। उन्होंने कहा था कि कुछ समय में जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर जाएगी और इसके लिए सैनिक प्रयास कर ही रहे हैं, राजनीतिक इच्छाशक्ति भी जरूरी है। उनकी फिजियोथेरेपी भी चल रही थी।