टोक्यो ओलंपिक 2020 में हिस्सा लेकर अपने घर तमिलनाडु पहुँचीं एथलीट धनलक्ष्मी सेकर को बड़ा झटका लगा। त्रिचि लौटकर उन्हें पता चला कि जब वह ओलंपिक के लिए घर से दूर थीं, तब उनकी बहन का बीमारी के कारण निधन हो गया। उनके घर के लोगों ने भी उनसे इस बात को छिपाए रखा क्योंकि सबको मालूम था कि अगर ऐसा कुछ भी धनलक्ष्मी को मालूम चला तो उनका ध्यान भटक जाएगा।
धनलक्ष्मी, जिन्हें तमिलनाडु से एथलेटिक्स में एक उभरता चेहरा माना जाता है। उन्हें इस बार विकल्प में रखा गया था। उन्होंने गृह नगर लौटकर कहा कि वह अगली बार मेडल जीत कर देश का नाम ऊपर करेंगी। उन्होंने माना कि पहले के ओलंपिक्स में तमिलनाडु से अधिक खिलाड़ियों ने हिस्सा नहीं लिया, लेकिन धीरे-धीरे बदलाव हो रहा है और उन्हें विश्वास है कि आने वाले समय में ये संख्या बढ़ेगी।
S. Dhanalakshmi breaks down after she gets to know about the demise of her sister. The Sprinter was in #Tokyo when her sister passed away.#ITVideo #TamilNadu pic.twitter.com/c2AMXvIxZm
— IndiaToday (@IndiaToday) August 8, 2021
इस बयान के बाद ही धनलक्ष्मी को पता चला कि उनकी बहन का निधन हो गया है जिसे सुन वह टूट गईं और अचानक सबको उनके तेज-तेज रोने की आवाज सुनाई पड़ने लगी। लौटते ही ऐसी खबर सुन धनलक्ष्मी खुद को संभाल नहीं पाईं और घुटनों के बल बैठकर तेज-तेज रोईं। इस दौरान उनके रिश्तेदारों ने उनको संभालने की कोशिश भी की, लेकिन वह चुप नहीं हुईं। बताया जा रहा है कि धनलक्ष्मी की माँ ने यह जानकारी इसलिए नहीं दी थी क्योकि उन्हें मालूम था कि ओलंपिक में भाग लेने और खेलने का मतलब क्या है।
उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु के त्रिचि की धनलक्ष्मी कक्षा 6 से एथलेटिक्स में हैं। उनके पिता हमेशा से उनके सपनों का समर्थन करते थे। 4 साल से धनलक्ष्मी ओलंपिक्स के लिए प्रैक्टिस कर रही थीं। तैयारी के लिए उन्हें तमिलनाडु सरकार से भी 5 लाख रुपए की सहायता मिली। उनकी माँ ऊषा ने कहा कि सरकार द्वारा दिए गए पैसे से उनके लोन खत्म हो जाएँगे, जो उन्होंने धनलक्ष्मी की तैयारी करवाने के लिए लिए थे। बता दें कि ऊषा, मनरेगा स्कीम के तहत व अन्य घर के काम करके घर का खर्चा चलाती हैं। धनलक्ष्मी का सपना था कि उनको एथलीट बनना है। इसके लिए उनके परिवार को अपने गाय-बकरियाँ भी बेचनी पड़ीं।