आँध्र प्रदेश के नेल्लोर में मंगलवार (जून 16, 2020) को पेरुमलापाडु गाँव (Perumallapadu village) के पास पेन्ना नदी तल में रेत खनन के दौरान एक मंदिर जैसी संरचना नजर आई है। लोगों का दावा है कि यह 200 वर्ष पुराना शिव मंदिर है।
उनके अनुसार, साइट की एक विस्तृत जाँच की जाएगी और इसे भावी पीढ़ी के लिए संरक्षित करने के लिए कदम उठाए जाएँगे।
Nellore: A temple-like structure was unearthed during sand mining in Penna river bed near Perumallapadu village. Locals claim that it is a 200-year-old Shiva temple. #AndhraPradesh (16.06.2020) pic.twitter.com/uh7JisGg5m
— ANI (@ANI) June 16, 2020
वहीं एंडोस्मेंट असिस्टेंट कमिश्नर वी रवीन्द्र रेड्डी कहते हैं कि मंदिर की बात सामने आने के बाद विभाग जल्द ही स्थानीय लोगों की इच्छा अनुसार मंदिर के नवीनीकरण के लिए कदम उठाएगा।
गौरतलब है कि इससे पहले ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के नयागढ़ जिले में महानदी के जल में 500 साल पुराने गोपीनाथ मंदिर के अवशेष दिखाई दिए थे। स्थानीयों ने कहा था कि जल में लीन हो चुके इस मंदिर के दर्शन 11 साल पहले हुए थे। इसके बाद इसके अग्र भाग के दर्शन पानी का स्तर कम होने से अब फिर हुए हैं।
गोपीनाथ मंदिर के अग्र भाग दिखने के बाद इसे INTACH की महानदी वैली हेरिटेज साइट्स डॉक्यूमेंटेशन प्रोजेक्ट का हिस्सा बनाया गया था। एक स्थानीय ने बताया था कि सन् 1933 में उनका गाँव सम्पूर्ण रूप से नदी में विलीन हो गया था। उस समय उनकी उम्र 6 साल थी। तब उनके पाँच भाई-बहनों ने पद्मवती यूपी स्कूल में शरण ली थी। उस साल बाढ़ आने के साथ नदी अपनी धारा बदलकर सबके लिए काल बन गई थी।
वहीं, प्रोजेक्ट सचिव ने ओडिशा में जलमग्न हुए मंदिरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया था कि ओडिशा में ऐसे बहुत से मंदिर हैं, जो पानी में डूबे हुए हैं। इसमें हीराकुद जलभंडार में 65 मंदिर शामिल हैं। नदियों में भी बहुत से मंदिर समाहित हैं, जिनका सर्वे होना चाहिए। कुछ मंदिर अभी भी खड़े हैं और कुछ ढह गए हैं। मॉडल के तौर पर गोपीनाथ मंदिर को पुन: महानदी से निकालकर जमीन में स्थापित किया जाना चाहिए।