हाल ही में सम्पन्न हुए पैरालंपिक खेलों में भारत के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। भारतीय खिलाड़ियों ने इन खेलों में 29 मेडल जीते हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार (12 सितम्बर, 2024) को देश के पैरालंपिक खिलाड़ियों से मुलाक़ात की और उनकी राय जानी। उन्होंने उनका उत्साह वर्धन भी किया। इस दौरान खिलाड़ियों ने कहा कि मोदी सरकार के समर्थन के कारण मेडल की संख्या में बढ़ोतरी आई है। मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों ने पीएम मोदी को अपना परम मित्र बताया।
पीएम मोदी से मिलने पहुँचे पैरालंपिक सिल्वर मेडल विजेता शरद कुमार ने कहा, “यह मेरा दूसरा मेडल है, मैं तीन बार पैरालंपिक खेल चुका हूँ। मैं एक खिलाड़ी के तौर पर यह कहूँगा कि मुझे अपना दल देख कर गर्व महसूस होता है। हमें अब मजबूत टीम माना जा सकता है। जाने से पहले आप सबसे बात करते हैं और आप वापस आकर बात करते हैं इससे हमें बल मिलता है। लोगों ने पैरा खेलों को उस तरह नहीं अपनाया जिस तरह आपने अपनाया है।”
#WATCH | Delhi: During his interaction with Prime Minister Narendra Modi, Paris Paralympic Silver Medalist Yogesh Kathuniya said, "… I attribute my consistency to you because of the schemes you have launched- TOPS, Khelo India among others. It is because of you that we have… pic.twitter.com/CFRM95lPML
— ANI (@ANI) September 13, 2024
वहीं सिल्वर मेडल जीतने वाले योगेश कठूरिया ने कहा, “मैं अपना अनुभव साझा करना चाहता हूँ। मुझे बताना है कि आपकी वजह से लगातार हमारा प्रदर्शन सुधरा है, आपने को खेलो इंडिया उअर TOPS जैसी स्कीम चालू की हैं, आपकी वजह से हम 29 मेडल लाए हैं। बाकी लोगन के लिए पीएम का मतलब प्राइम मिनिस्टर होता है हमारे लिए परम मित्र होता है।”
#WATCH | Delhi: During his interaction with Prime Minister Narendra Modi, Paris Paralympic Silver Medalist Sharad Kumar said, "This is my second medal in Paralympics… I have been associated with the para-movement ever since its inception. It makes me immensely proud to see the… pic.twitter.com/FYdR4tPmVn
— ANI (@ANI) September 13, 2024
खेलो इंडिया और TOPS से मिली बड़ी सफलता
दरअसल, मोदी सरकार की जिन योजनाओं की खिलाड़ी तारीफ़ कर रहे हैं, उनके कारण हर प्रतिभा को आगे आने का मौक़ा मिला है। इसके अलावा शुरुआत से ही किस प्रकार खेलों को लेकर खिलाडियों को तैयार किया जा सकता है, उस दिशा में भी काम हुआ है। खिलाड़ियों ने इस दौरान खेलो इंडिया स्कीम का नाम भी लिया। खेलो इंडिया स्कीम को मोदी सरकार ने 2017 में चालू की थी। इस योजना के जरिए सरकार स्कूल स्तर से लेकर आगे तक खिलाड़ियों को मौके देती है।
खेलो इंडिया के लिए मोदी सरकार ने बड़ा बजट भी दिया है। मोदी सरकार ने 2020-24 के बीच खेलो इंडिया के तहत लगभग ₹2700 करोड़ दिए हैं। खेलो इंडिया सेंटर भी स्थापित किए गए हैं, इनमें खिलाड़ी ट्रेनिंग ले रहे हैं। खेलो इंडिया गेम्स का भी आयोजन किया जाता है, जिसमें पहचानी जाने वाली प्रतिभाओं को आगे अंतरराष्ट्रीय खेलों के लिए तैयार किया जाता है।
वहीं खिलाड़ियों ने TOPS स्कीम का नाम भी लिया है। इसका पूरा नाम टार्गेटिंग ओलंपिक पोडियम है। इसे केंद्र सरकार ने 2014 में चालू किया था। इसके तहत ओलम्पिक की तैयारी करने वाले खिलाड़ियों को ₹50,000 महीना स्टाइपेंड दिया जाता है। इसके अलावा उनकी विदेशों में ट्रेनिंग का खर्चा भी सरकार उठाती है। इस स्कीम के कारण ओलंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों में बड़ी संख्या में मेडल आए हैं। इसका एक उदाहरण नीरज चोपड़ा हैं।
पैरालंपिक को भी सरकार ने दिया बड़ा बजट
एक रिपोर्ट बताती है कि पेरिस में हुए पैरालंपिक खेलों के लिए भारत सरकार ने 2021-24 के बीच ₹74 करोड़ खर्च किए हैं। टोक्यो पैरालंपिक खेलों के लिए केंद्र सरकार ने ₹26 करोड़ खर्च किए थे, यानी इस बार के खेलों के लिए सरकार ने बजट में लगभग 2.8 गुने की बढ़ोतरी कर दी। केंद्र सरकार ने पैरालंपिक खिलाड़ियों को भी वही सुविधाएँ दी हैं जो उसने सामान्य ओलम्पिक खिलाड़ियों को दी। इसका असर पैरालंपिक में भारत के प्रदर्शन पर साफ़ तौर पर दिखा है।
मोदी सरकार के प्रोत्साहन के चलते पैरालंपिक खेलों में भारत में आने वाले मेडल की सँख्या 29 गुने बढ़ी है। वर्ष 2012 के लंदन पैरालंपिक खेलों में भारत को केवल 1 मेडल मिला था थे। वहीं 2024 में यह संख्या 29 हो गई। भारत ने उन खेलों में भी मेडल जीते हैं, जिनमे वह पहले अंतिम मुकाबले तक नहीं पहुँच पाता था। भारत ने 2024 पैरालंपिक खेलों में तीरंदाजी और शूटिंग जैसे खेलों में मेडल जीते हैं। इन 29 मेडल में से भारत ने 7 गोल्ड जीते हैं।