जम्मू कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने 6 ऐसे सरकारी कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जो आतंकियों के साथ मिल कर काम कर रहे थे। ये पूरा का पूरा गिरोह आतंकी फंडिंग से जुड़ा हुआ था। ये ड्रग्स का धंधा कर के उन पैसों से आतंकियों की मदद करते थे। इसीलिए, इन सभी कर्मचारियों को तत्काल बर्खास्त कर दिया गया है। इनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। ये सब पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी ISI द्वारा बनाए गए टेरर नेटवर्क से जुड़ा होगा।
जिन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें 5 पुलिसकर्मी और एक शिक्षक शामिल है। पाकिस्तान ने पंजाब की तरह ही जम्मू कश्मीर में भी युवाओं को ड्रग्स का आदी बनाने की साजिश कर रखी है, जिसके तहत प्रदेश में ड्रग्स की सप्लाई की जाती है और इस अवैध धंधे से हुई कमाई का इस्तेमाल आतंकी वारदातों के लिए की जाती है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें पद से उठाया है।
जिन सरकारी कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है, उनमें शामिल हैं – कॉन्स्टेबल फारूक अहमद शेख, खालिद हुसैन शाह, रहमत शाह, इरशाद अहमद चाकू, सैफ दीन और सरकारी शिक्षक नज़म दीन। संविधान में उपर्युक्त अनुच्छेद के तहत प्रावधान है कि अगर कोई देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करता है तो राष्ट्रपति या LG बिना किसी जाँच के उसे तत्काल सेवा से हटा सकते हैं। 2019 में अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के बाद से लेकर अब तक 70 ऐसे गद्दार कर्मचारी बर्खास्त किए जा चुके हैं।
J&K Govt has terminated the services of 6 govt employees, including 5 police constables & 1 teacher, for their involvement in Narco Terrorism. This decisive action is part of the government's ongoing drive to root out those supporting terrorism in the valley. #Kashmir… pic.twitter.com/UIJg6WOJaj
— Gursimran Singh (@FromGursimran) August 3, 2024
जून 2024 में भी ऐसे 4 कर्मचारियों पर कार्रवाई की गई थी। इनमें भी 2 पुलिसकर्मी शामिल थे। इनमें कॉन्स्टेबल मुख़्तार अहमद पीर और इम्तियाज अहमद लोन के अलावा शिक्षा विभाग में बतौर जूनियर असिस्टेंट कार्यरत रहे अहमद मीर और ग्रामीण विकास विभाग के मोहम्मद ज़ैद शामिल थे। पाकिस्तान से बड़े पैमाने में ब्राउन शुगर और हेरोइन जम्मू कश्मीर में तस्करी कर के लाई जा रही है। फारूक अहमद शेख 2000 से ही सेवा में था और कुपवाड़ा में पदस्थापित था, खालिद हुसैन शाह 2009 से वहीं ड्यूटी में था, वहीं इरशाद अहमद चालकू 2009 से अनंतनाग में पदस्थापित था, नज़म दीन 2006 से ही पुँछ में काम कर रहा था और सैफ दीन तो 1995 से ही पुलिस में था। इन सबके पास से ड्रग्स भी बरामद हुए हैं।