कथक (Kathak) की दुनिया के सबसे मशहूर नाम पंडित बिरजू महाराज (Pandit Birju Maharaj) अब हमारे बीच नहीं हैं। उनका रविवार-सोमवार देर रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 83 वर्षीय बिरजू महाराज के जाने की खबर उनके परिवार ने सोशल मीडिया पर साझा की।
परिजनों ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “अत्यंत दुख के साथ सूचित किया जाता है कि हमारे परिवार के सबसे प्रिय सदस्य पंडित बिरजू महाराज जी का असामयिक निधन हो गया है। 17 जनवरी, 2022 को महान आत्मा अपने स्वर्गीय निवास के लिए प्रस्थान कर गई। दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करें- महाराज परिवार।”
He was under treatment for the past month. He had sudden breathlessness at around 12:15-12:30 am last night; we brought him to the hospital within 10 mins, but he passed away: Ragini Maharaj, granddaughter of Kathak maestro Pandit Birju Maharaj pic.twitter.com/hyUpruU9Eu
— ANI (@ANI) January 17, 2022
महाराज की पोती रागिनी महाराज ने बताया- “उनका पिछले माह से इलाज चल रहा था। उन्हें अचानक देर रात सांस लेने में दिक्कत हुई। हम उन्हें अस्पताल ले गए लेकिन 10 मिनट के अंदर उन्हें देह त्याग दी।”
बता दें कि कथक के जरिए बिरजू महाराज ने सिर्फ भारत में ही नहीं विश्व भर में ख्याति कमाई थी। जब वो मंच पर जाते थे तो और अपना नृत्य करते थे तो उनके चेहरे के हाव-भाव देखने लायक होते थे। उनकी कला का लोहा भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में भी देखने को मिलता था। सरोज खान जैसी नामी कलाकार ने उनके नक्शेकदम पर चलकर अपनी पहचान बनाई थी। बिरजू महाराज पद्मविभूषण जैसे अवार्डों से सम्मानित महान शख्सियत थे। उनके पास नाटक अकादमी पुरस्कार, कालिदास सम्मान, फिल्मफेयर पुरस्कार भी था।
उनके जाने से बॉलीवुड से लेकर पूरा संगीत जगत आहत है। गायिका मालिनी अवस्थी और अदनान सामी ने उन्हें सोशल मीडिया के जरिए श्रद्धांजलि दी। मालिनी अवस्थी ने लिखा, “आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कथक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नहीं रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।” वहीं सामी ने भी इस खबर को सुन शोक जताया। बाकी हस्तियों ने भी अपना दुख प्रकट किया।
आज भारतीय संगीत की लय थम गई। सुर मौन हो गए। भाव शून्य हो गए। कत्थक के सरताज पंडित बिरजू महाराज जी नही रहे। लखनऊ की ड्योढ़ी आज सूनी हो गई। कालिकाबिंदादीन जी की गौरवशाली परंपरा की सुगंध विश्व भर में प्रसरित करने वाले महाराज जी अनंत में विलीन हो गए।
— मालिनी अवस्थी Malini Awasthi (@maliniawasthi) January 17, 2022
आह!अपूर्णीय क्षति है यह
ॐ शांति🙏 pic.twitter.com/dLBEy5aPqR
उल्लेखनीय है कि बिरजू महाराज का जन्म 4 फरवरी 1938 को लखनऊ में हुआ था। उनका असली नाम पंडित बृजमोहन मिश्र था। कथक करने के अलावा उन्हें शास्त्रीय गायिकी में भी महारत हासिल थी। उनसे पहले उनके पिता अच्छन महाराज, चाचा शंभु महाराज और लच्छू महाराज भी प्रसिद्ध कथक नर्तक थे।