जनसंख्या के मामले में देश का छठा सबसे बड़ा महानगर चेन्नई भीषण जल-संकट से जूझ रहा है। जब पीने के लिए पानी नहीं है तो बाकी दैनिक उपयोग के लिए कहना ही क्या। यह एक भीषण जल संकट है। आए दिन बारिश के मौसम में जहाँ लोग बाढ़ से हलकान रहते थे, बाढ़ के कारण शहर डूब जाया करता था, वहाँ आज पानी नहीं है, यह चिंता का विषय है। चेन्नई के जल संकट के बारे में यहाँ हम आपको सबकुछ बताएँगे- क्या दिक्कतें हैं, सरकार ने क्या किया, कोर्ट ने क्या कहा, स्थानीय लोग कैसे रह रहे हैं, सबकुछ। सबसे पहले वहाँ पानी के मूल्य की बात करते हैं। वहाँ के एक मोहल्ले में जब पानी ख़त्म हुए तो एक प्राइवेट सप्लायर को बुलाया गया और पानी का टैंकर वहाँ पहुँचा।
India’s 6th biggest city has run out of water.
— AJ+ (@ajplus) June 19, 2019
Reservoirs in Chennai have run dry and residents are waiting in queues for up to 2 hours to collect hand-pumped water. The entire country has been struck with a major heatwave, with temperatures reaching up to 124°F in some places. pic.twitter.com/lOE7DtlPeu
1600 रुपए में 12,000 लिटर पानी आया, जिसे उस अपार्टमेंट के 5 परिवारों ने शेयर किया। यह 3 दिन तक चला। समान मात्रा में पानी अगर चेन्नई वाटर सप्लाई बोर्ड से आता तो सिर्फ़ 1000 रुपए ख़र्च आता। अतः, अब पानी के लिए वहाँ सक्षम लोग डेढ़ से दोगुना ज्यादा रुपया दे रहे हैं। शहर के आसपास के पानी के जो भी स्रोत उपलब्ध थे, वे सारे के सारे सूख चुके हैं। आम जनता की तो छोड़िए, इससे कंस्ट्रक्शन सेक्टर पर इतनी भीषण मार पड़ी है कि उन्हें भी पानी का टैंकर ज्यादा मूल्य देकर ख़रीदना पड़ रहा है या फिर निर्माण कार्य रोकना मजबूरी हो जा रही है। निर्माण कार्यों की लागत बढ़ गई है।
मद्रास हाईकोर्ट ने तमिलनाडु सरकार पर समुचित व्यवस्था न करने के लिए फटकार लगाईं है। मुख्यमंत्री पलानीस्वामी का कहना है कि मीडिया मुद्दे को बढ़ा-चढ़ा कर ज्यादा भाव दे रहा है। कोर्ट ने कहा कि मानसून के कम स्तर पर रहने की उम्मीद के बावजूद सरकार ने उचित क़दम नहीं उठाए, यह चिंता का विषय है। कोयम्बटूर का एक झील सूख गया और उसमें मछलियाँ मरी हुई पाई गई। आईटी हबों में से एक होने के कारण कम्पनियों को भी ख़ास इंतजाम करने पड़ रहे हैं। चेन्नई व आसपास के इलाक़े में 100 के करीब होस्टलों को बंद कर दिया गया है क्योंकि पानी का इंतजाम नहीं हो पा रहा।
Tamil Nadu: Locals in Chennai complain of water crisis in the city, alleging that water supply through tankers is not regular in their area. Say, “Water supply has become erratic now, earlier it was regular. We’re suffering. This locality doesn’t have piped water supply.” (18.06) pic.twitter.com/VZMvQiIJII
— ANI (@ANI) June 19, 2019
अगले कुछ दिनों में और भी होस्टलों को बंद कर दिया जाएगा। आईटी कम्पनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की सुविधा दे दी है, ताकि पानी की बर्बादी न हो और उन्हें पानी का इंतजाम न करना पड़े। वाटर सप्लाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वीआईपी कॉलोनीज, सरकारी कॉलोनीज व अन्य प्रभावशाली लोगों के मुहल्लों में पानी की सप्लाई एकदम ठीक रखने का आदेश है, इससे पानी की सप्लाई में काफ़ी असंतुलन पैदा हो गया है। यही कारण है कि आमजनों को ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। चेन्नई का एक बड़ा स्कूल, जिसमें ढाई हज़ार से भी अधिक छात्र हैं, ने छुट्टी की घोषणा कर दी है।
कुछ स्कूलों ने अपनी टाइमिंग में बदलाव किया है और सिर्फ आधे दिन के लिए ही बच्चों की पढ़ाई हो रही है। कुछ स्कूलों ने तो पानी के टैंकरों के लिए बच्चों से अतिरिक्त शुल्क लेना भी शुरू कर दिया है। कुछ बड़े-बड़े होटलों ने तो खाने-पीने की चीजों में कमी कर दी है, मेनू में से कई चीजें हटा दी गई है। पाँच सितारा होटलों को भी तय से आधा पानी ही नसीब हो रहा। एक बात आश्चर्यजनक है कि चेन्नई में पानी की कमी का भी वही कारण है, जो 2015 में आई भीषण बाढ़ का था और वो समस्या है- चेन्नई व आसपास के रिजरवायर्स और कैनाल्स का सही तरीके से प्रबंधन नहीं होना।
#ChennaiWaterScarcity Scenes of the dried up Thiruneermalai, Chembarambakkam, Perumbakkam and Korattur lake in Chennai.
— The New Indian Express (@NewIndianXpress) June 15, 2019
All major reservoirs supplying water to Chennai dry up, read: https://t.co/r1YCRn1Pf3#தவிக்கும்தமிழ்நாடு pic.twitter.com/3Qr3jvIZk5
अब इस समस्या का एक ही उपाय है और वो है ग्राउंडवाटर लेवल में सुधार करना, जो कि सरकार की इच्छाशक्ति व लोगों ने सहयोग से ही संभव है। इसके लिए एक योजना तैयार करनी पड़ेगी, समय लगेगा लेकिन उसपर अमल करना होगा।