मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) ने पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर और लद्दाख (PoJKL) की मेडिकल शिक्षा को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। भारत में मेडिकल एजुकेशन संबंधी मानकों को देखने वाली संस्था मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से जारी सर्कुलर के मुताबिक, पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर और लद्दाख स्थित मेडिकल कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त करने वाला कोई भी व्यक्ति भारत में आधुनिक चिकित्सा की प्रैक्टिस करने के योग्य नहीं होगा।
“Any medical qualification obtained from medical colleges located in Pakistan Occupied Jammu-Kashmir & Ladakh (PoJKL) will not be registered & persons possessing such certificates won’t be allowed to practice modern medicine in India”
— Jammu-Kashmir Now (@JammuKashmirNow) August 13, 2020
– Medical Council of India pic.twitter.com/YkcAiEgIlp
बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (BoG) ने अगस्त 10, 2020 को एक सार्वजनिक सूचना में कहा कि समूचा जम्मू कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है। पाकिस्तान ने इन क्षेत्रों के हिस्सों पर अवैध और जबरन कब्जा कर रखा है।
बीओजी के महासचिव डॉक्टर आरके वत्स ने जारी नोटिस में कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर और लद्दाख क्षेत्र स्थित किसी भी चिकित्सा संस्थान को भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 के तहत अनुमति और मान्यता की जरूरत है। पीओजेकेएल स्थित ऐसे किसी भी चिकित्सा संस्थान को इस तरह की अनुमति नहीं दी गई है।
जारी सूचना में कहा गया है कि पीओजेकेएल के इन इलाकों में स्थित चिकित्सा कॉलेजों से शिक्षा प्राप्त करने वाला व्यक्ति भारत में आधुनिक चिकित्सा की प्रैक्टिस करने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम 1956 के तहत पंजीकरण हासिल करने के योग्य नहीं होगा।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान बीते कई सालों से कश्मीरी युवाओं तक अपनी पहुँच बनाने के लिए कश्मीरी स्टूडेंट्स को कम कीमत में शिक्षा का लालच देता रहा है। जिसके बाद कई ऐसे मामले सामने आ चुके हैं, जब कश्मीरी युवा पढ़ाई के लिए लीगल चैनल से पाकिस्तान या पीओजेके गए, लेकिन उसके बाद आतंकी कैंपों में ट्रेनिंग लेकर लाइन ऑफ कंट्रोल के रास्ते से लौटे।
जम्मू-कश्मीर के बहुत सारे युवक पाकिस्तान में मेडिसिन की पढ़ाई करने जाते थे, जिनमें से कई सारे अलगाववादी नेताओं की सिफारिश पर जाया करते थे और पाकिस्तान सरकार ने उन मेडिकल इंस्टीट्यूट्स में जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए आरक्षण भी तय कर दिया था। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के इस नीतिगत फैसले से पाकिस्तान को गहरी चोट लगी है।