युवराज सिंह T20 में एक ओवर में 6 छक्के मार चुके हैं और 2011 के वनडे वर्ल्ड कप में भी अपने ऑलराउंड परफॉर्मेंस की वजह से जाने गए। वहीं महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने कई बड़े ICC टूर्नामेंट्स अपने नाम किया। एक समय इन दोनों की जोड़ी को साथ बल्लेबाजी करते हुए देखने के लिए भीड़ उमड़ पड़ती थी। वहीं अब युवराज सिंह ने कह दिया है कि MS धोनी से कभी उनकी करीबी दोस्ती नहीं रही। हालाँकि, जब वो साथ खेलते थे तब दोनों के बीच अच्छी-खासी केमिस्ट्री देखने को मिलती थी। हालाँकि, युवराज के पिता योगराज हमेशा धोनी पर हमलावर रहे हैं।
युवराज सिंह और MS धोनी भले ही 2 विश्व कप की जीतों में साथ रहे हों, लेकिन अब पूर्व क्रिकेट ऑलराउंडर ने कह दिया है कि पूर्व कप्तान उनके करीबी दोस्त नहीं हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि उन दोनों की लाइफस्टाइल भी काफी अलग है। उन्होंने कहा, “मैं और माही करीबी दोस्त नहीं हूँ। हमारी लाइफस्टाइल एकदम अलग-अलग है। उनकी लाइफस्टाइल मेरे उलट है। हम सिर्फ क्रिकेट की वजह से दोस्त बने थे। ज़रूरी नहीं है कि जो टीम में आपके साथ हैं वो मैदान से बाहर भी आपके अच्छे दोस्त हों।”
युवराज सिंह ने ये भी कहा कि सभी की लाइफस्टाइल और स्किल सेट अलग-अलग होते हैं। उन्होंने युट्यूबर रणवीर अलहाबादिया के साथ बात करते हुए ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि जब भी वो और एमएस धोनी मैदान पर गए, तब-तब उन्होंने देश के लिए शत प्रतिशत से अधिक देने की कोशिश की। उन्होंने याद दिलाया कि वो उप-कप्तान हुआ करते थे और धोनी कप्तान। युवराज सिंह ने कहा कि ऐसे में दोनों के बीच निर्णयों को लेकर मतभेद होना स्वभाविक है।
Yuvraj Singh on his friendship with dhoni 😯 pic.twitter.com/O0Indl23oY
— Vishvajit (@RutuEra7) November 4, 2023
युवराज सिंह ने कहा कि MS धोनी ने कुछ ऐसे निर्णय लिए जो उन्हें पसंद नहीं आए। हालाँकि, उन्होंने कहा कि कई बार उन्होंने भी कई ऐसे फैसले लिए जो धोनी को पसंद नहीं आए। उन्होंने दावा किया कि ये हर टीम में होता है। उन्होंने बताया कि करियर के अंतिम दौर में उन्हें जब कुछ समझ नहीं आ रहा था तब उन्होंने धोनी से सलाह ली, जिन्होंने बताया कि चयनकर्ताओं का पैनल उन्हें विकल्प के रूप में नहीं देख रहा है। उन्होंने कहा कि इसके बाद करियर को लेकर तस्वीर तस्वीर साफ़ हुई।
युवराज सिंह का कहना है कि ये 2019 में हुए वर्ल्ड कप के पहले की बात है। उन्होंने कहा कि एक तरह के लोग एक तरह के लोगों के साथ दोस्ती करते हैं। वहीं टीम में कुछ लोग ईगो साथ लेकर आते हैं, कुछ नहीं। उन्होंने याद किया कि जब धोनी चोटिल थे तो वो उनके लिए रनर भी बने। उन्होंने याद किया कि एक बार वो 90s में थे तो रनर के रूप में उन्होंने डाइव किया, ताकि वो शतक पूरा करने के लिए धोनी को स्ट्राइक दिला सकें। इसी तरह उन्होंने याद दिलाया कि नीदरलैंड्स के खिलाफ वो 48 पर थे, तब धोनी ने 2 डॉट बॉल खेल कर उन्हें स्ट्राइक दी, ताकि वो फिफ्टी पूरा कर सकें।