महिलाओं का घर-घर जाकर वोट माँगना और किसी के लिए चुनाव प्रचार करना इस्लाम में हराम है और शरिया तथा इस्लामी क़ानूनों के खिलाफ है। चुनाव में भाग लेने वाली पार्टियों को महिलाओं को चुनाव प्रचार के लिए नहीं भेजने दिया जाएगा। यह फतवा एक मौलाना ने पाकिस्तान चुनावों के लिए दिया है।
यह फतवा पाकिस्तान के ख़ैबर पख्तूनख्वा राज्य में कोहिस्तान के मुफ़्ती गुल शहजादा समेत तमाम मौलानाओं ने दिया है। इनमें से अधिकांश मौलाना ‘जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल)’ से सम्बन्ध रखते हैं। इन्होंने पाकिस्तान में 8 फरवरी, 2024 को होने वाले आगामी आम चुनावों के लिए महिलाओं के वोट माँगने पर रोक लगा दी है। कोहिस्तान में मौलानाओं की एक बैठक में मुफ़्ती गुल शहजाद ने कहा, “महिलाओं को वोट मँगाने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे ले जाना गैर इस्लामी और शरिया के विरुद्ध है। अगर कोई भी इस्लामी सोच के खिलाफ वोट देता है, इसका मतलब है कि वह झूठे बयानों पर विश्वास कर रहा है। यह इस्लामी शरिया के विरुद्ध है और कुफ्र है।”
मुफ़्ती गुल शहज़ाद के इस फतवे को 400 से अधिक मौलानाओं का समर्थन मिला है। इसके अलावा इसे 30 मौलानाओं के समूह ने इसको सर्वसम्मति से पारित किया है। मौलानाओं ने यह भी कहा है कि जो भी फतवे का विरोध करेंगे वह इस्लाम के खिलाफ माने जाएँगे। मौलानाओं ने यह भी कहा है कि कुरान पर हाथ रखवा कर लोगों को वोट के लिए राजी करना इस्लाम के विरुद्ध है और अपराध है।
पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट ‘डॉन‘ ने बताया है कि इस बार के पाकिस्तान के आम चुनावों में कोहिस्तान से दो महिलाएँ भी चुनाव लड़ रही हैं। इन दोनों महिलाओं को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘तहरीक ए इंसाफ’ पाकिस्तान का समर्थन मिला है। यह फतवा इन्हीं को निशाने पर लेकर जारी किया गया है, ऐसा माना जा रहा है।
यह फतवा जिन मौलानाओं ने जारी किया है वह ‘जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल)’ से सम्बन्ध रखते हैं। यह पार्टी पाकिस्तान के बड़े मौलाना और नेता फ़ज़लुर्रहमान की पार्टी है। यह भी इन चुनावों में हिस्सा ले रही है। यह सुन्नी इस्लाम के बल पर जीतने का दावा करती है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में आगामी 8 फरवरी को आम चुनाव होने हैं। इसके लिए सारी पार्टियाँ अपना जोर लगा रही हैं। इस चुनाव में पाकिस्तान की सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी ‘तहरीक-ए-इंसाफ’ का चुनाव चिन्ह बल्ला छीन लिया है। उनके सारे उम्मीदवार अब निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
ऐसा फतवा पहली बार नहीं आया है, इससे पहले भी मौलाना कई अजीब फतवे जारी करते रहे हैं। इससे पहले मौलाना जाकिर नाईक ने नवंबर 23, 2020 को उसने इस्लाम और हस्तमैथुन पर अपनी व्याख्या दी थी। उससे व्हाट्सएप्प के जरिए किसी ने पूछा था कि इस्लाम में हस्तमैथुन हराम है या हलाल। मौलाना ने इस पर बताया था कि अगर किसी व्यक्ति की बीवी नहीं है और वो उसके बारे में सोचते हुए हस्तमैथुन करता है तो ये हराम नहीं है। पोर्न देखते हुए अगर किसी ने हस्तमैथुन किया है तो ये हराम है।
मौलाना जाकिर नाइक ने बताया था, “पैगंबर मुहम्मद ने लोगों को अपने प्राइवेट पार्ट्स को जब तक उसकी इच्छा हो, तब तक छूने की अनुमति दी है, बशर्ते वो बाएँ हाथ से किया गया हो। पैगंबर मुहम्मद ने कहा है कि ये आपका द्रव है और आप जब चाहें तब उसे निकाल सकते हैं।”