Sunday, November 17, 2024
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मेट्रो से DU गए PM मोदी: शताब्दी समारोह में ‘ऐसे प्रधानमंत्री कहाँ मिलते हैं’ कविता से स्वागत, बोले- यह केवल यूनिवर्सिटी ही नहीं, आंदोलन भी

"इस विश्वविद्यालय ने अपने 100 वर्ष ऐसे समय में पूरे किए हैं, जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस यूनिवर्सिटी का इतिहास बेहद खास है। यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि एक आंदोलन है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को जिया है।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (30 जून 2023) को दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) के शताब्दी समारोह को संबोधित किया। इस दौरान विश्वविद्यालय के इतिहास का जिक्र करते हुए कहा कि यह केवल एक यूनवर्सिटी ही नहीं, बल्कि आंदोलन भी है। उन्होंने अपने हालिया अमेरिकी दौरे का जिक्र करते हुए भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की बढ़ती वैश्विक पहचान का भी उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय के नाॅर्थ कैंपस के अकादमिक ब्लाॅक सहित तीन भवनों की आधारशिला भी रखी।

प्रधानमंत्री सुबह मेट्रो से सफर कर डीयू पहुँचे। इस दौरान उन्होंने मेट्रो में मौजूद छात्रों से बातचीत भी की। उन्होंने ट्वीट कर कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय के कार्यक्रम के लिए मैं मेट्रो से जा रहा हूँ। युवाओं को अपने सह-यात्री के रूप में पाकर खुश हूँ।”

पीएम मोदी की मेट्रो यात्रा का वीडियो भी सामने आया है। वीडियो में उन्हें छात्रों के साथ बातचीत करते देखा जा सकता है। इस दौरान, छात्र काफी उत्साहित दिखाई दिए।

दिल्ली विश्वविद्यालय पहुँचने के बाद वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह ने ‘ऐसे प्रधानमंत्री कहाँ मिलते हैं…’ कविता के साथ PM मोदी का स्वागत किया। PM मोदी ने समारोह के संबोधित करते हुए कहा है, “इस विश्वविद्यालय ने अपने 100 वर्ष ऐसे समय में पूरे किए हैं, जब देश आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। इस यूनिवर्सिटी का इतिहास बेहद खास है। यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं बल्कि एक आंदोलन है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को जिया है। बीते 100 सालों में डीयू ने अपने एहसासों और अपने मूल्यों को जीवंत रखा है।”

PM ने कहा, “कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी में सिर्फ 3 ही कॉलेज थे। आज 90 से ज्यादा कॉलेज हैं। एक समय देश की अर्थव्यवस्था खस्ता हालत में थी। वहीं आज भारत की इकॉनमी टॉप-5 में पहुँच गई है। अब इस विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से कहीं अधिक है। इसका मतलब यह है कि शिक्षण संस्थाओं की जड़ें जितनी गहरी होतीं हैं, देश की शाखाएँ उतनी ही अधिक ऊँचाइयों तक फैलती हैं।” PM ने यह भी कहा है कि अगले 25 सालों में देश की आजादी के 100 वर्ष पूरे हो जाएँगे। उसी समय दिल्ली यूनिवर्सिटी अपनी स्थापना के 125 वर्ष मना रहा होगा। हमारा लक्ष्य 2047 तक देश को विकसित भारत का निर्माण करना है।

उन्होंने कहा कि हमारे एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स अब दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ी गाइडिंग फोर्स और भारत की युवा शक्ति है। एक समय था जब स्‍टूडेंट्स किसी इंस्टीट्यूट में एडमिशन से पहले केवल प्‍लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। लेकिन अब युवा कुछ नया करना चाहता है। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले देश में कुछ 100 स्‍टार्टअप थे। वहीं अब भारत में स्‍टार्टअप की संख्‍या 1 लाख पार कर गई है। AI और VR अब साइंस फिक्‍शन नहीं, हमारे जीवन का हिस्‍सा हैं। ड्राइविंग से लेकर सर्जरी तक, सभी कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संभव हो रहा है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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