भारत की अवनी लेखरा ने महिलाओं की 10 मीटर एयर राइफल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता है। अवनी ने अंतिम राउंड में 249.7 का स्कोर करके यह उपलब्धि हासिल की है। यह पैरालंपिक का नया रिकॉर्ड है। इसके अलावा, भारत की मोना अग्रवाल ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। अवनी के पिता ने बताया कि रामचरितमानस की चौपाई ने उनकी बेटी को ताकत दी, जिसके कारण उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।
अवनी के पिता प्रवीण लेखरा ने कहा कि उन्होंने रामचरितमानस की एक चौपाई लिखकर अपनी बेटी को दी थी। यह चौपाई है- ‘कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं’। इससे अवनी शक्ति और प्रेरणा मिली। बता दें कि पेरिस पैरालंपिक से पाँच महीने पहले 22 वर्षीय शूटर अवनी लेखरा को पथरी निकालने के लिए ऑपरेशन करवाना पड़ा था। इससे उनकी ट्रेनिंग भी प्रभावित हुई थी।
ये श्री प्रवीण लेखरा हैं, जिनकी बेटी #अवनी_लेखरा ने आज पैराओलंपिक में गोल्ड मैडल जीतकर देश को खुशियां दी हैं। प्रवीण जी कह रहे हैं कि #रामचरितमानस की इस चौपाई ने अवनी को शक्ति दी – कवन सो काज कठिन जग माहीं। जो नहिं होइ तात तुम्ह पाहीं॥
— Shastri Kosalendradas (@Kosalendradas) August 30, 2024
यह धर्म की अमोघ शक्ति है, जो ऊंचाई देती है। pic.twitter.com/I7N7ja9nFg
यह पैराओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने के बाद अवनी के खाते में कुल तीन पदक शामिल हो गए हैं। इससे पहले उन्होंने तीन वर्ष पहले टोक्यो में आयोजित प्रतियोगिता में स्वर्ण और कांस्य पदक जीता था। टोक्यो पैरालिंपिक में अवनी ने इतिहास रच दिया था। वह एक ही पैरालंपिक में कई पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय बनी थीं। इससे पहले जोगिंदर सिंह सोढ़ी ने 1984 में यह कारनामा किया था।
इतना ही नहीं, एक कार दुर्घटना में अवनी की रीढ़ में चोट लग गई थी। इसके कारण उनके कमर के नीचे का हिस्सा पैरालाइज हो गया था। साल 2011 में वह अपने माता पिता के साथ कार से जा रही थी। उस समय उसकी उम्र लगभग 11 साल रही थी। जयपुर-धौलपुर हाइवे पर कार का एक्सीडेंट हो गया था। इसके बाद उन्हें 90 दिन तक जयपुर और दिल्ली के इंडियन स्पाइनल इंजरी सेंटर में बीताना पड़ा था।
प्रवीण लेखरा ने बताया कि इस दौरान अवनी टीवी पर डांस देखती थी और किताबें पढ़ती थी। उसे सामान्य होने में लगभग 3 साल का लंबा वक्त हो गया। दुर्घटना के तीन साल बाद अवनी ने जगतपुरा शूटिंग रेंज में अपनी शूटिंग शुरू की और फिर 2016 में किराए की एयर राइफल के साथ कोच शेखर से प्रशिक्षण लेना शुरू किया। मांसपेशियों में कमजोरी के बावजूद उन्होंने एक साल के भीतर रजत पदक जीत लिया।
अवनि ने साल 2022 में पेरिस में पैरा विश्व कप के दौरान फाइनल में 250.6 के नए विश्व रिकॉर्ड स्कोर के साथ भारत के लिए पहला पैरालंपिक कोटा हासिल किया था। पिछले साल दिल्ली में पैरा शूटिंग विश्व कप में उन्होंने कांस्य पदक जीता था। इसमें भारत की ही मोना अग्रवाल ने स्वर्ण पदक जीता था। हालाँकि, उन्हें लगातार दर्द की समस्या रही थी।