‘भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI)’ के अध्यक्ष पद पर अब सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी लेंगे। सौरव गांगुली अक्टूबर 2019 में BCCI के अध्यक्ष बने थे और 3 साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद उन्होंने साफ़ कर दिया है वो अगले चुनाव का हिस्सा नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई हमेशा-हमेशा के लिए नहीं खेल सकता और न ही प्रशासक रह सकता है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट प्रशासक के रूप में उन्होंने इस जिम्मेदारी का लुत्फ़ उठाया।
सौरव गांगुली ने ‘बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन’ के अध्यक्ष के रूप में अपने 5 वर्ष के कार्यकाल को भी याद किया। उन्होंने कहा कि ऐसे पदों पर रहने के बाद आपको फिर उन्हें छोड़ना होता है और जाना होता है। उन्होंने कहा कि एक प्रशासक के रूप में आपको ज्यादा से ज्यादा योगदान देना होता है और टीम की बेहतरी के लिए कार्य करना होता है। उन्होंने कहा कि लंबे समय तक खिलाड़ी रहने के कारण उन्हें इन चीजों का अनुभव था।
पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी अब BCCI का अध्यक्ष पद सँभालेंगे, जो 1983 की विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा रहे हैं। वहीं अरुण धूमल की जगह भाजपा विधायक आशीष शेलार को संस्था का कोषाध्यक्ष बनाया जा सकता है। जय शाह BCCI के सेक्रेटरी के पद पर बने रहेंगे। मुंबई के ट्राइडेंट होटल में मंगलवार (12 अक्टूबर, 2022) को संस्था के देश भर के अधिकारी जुटे और नॉमिनेशंस फाइल किए गए। 18 अक्टूबर को चुनाव होना है।
कॉन्ग्रेस नेता राजीव शुक्ला BCCI के उपाध्यक्ष के पद पर बरक़रार रहेंगे। 67 वर्षीय रोजर बिन्नी फ़िलहाल ‘कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन’ के अध्यक्ष हैं। सौरव गांगुली ने भविष्य में ‘बड़ा करने’ की बात की है। माना जा रहा है कि ICC (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) में उन्हें अध्यक्ष का पद मिल सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि सौरव गांगुली दोबारा अध्यक्ष न बनाए जाने के कारण नाराज़ हैं और BCCI से उनकी तकरार चल रही है।
I keep telling everyone, the best days were when I played for the country: Sourav Ganguly | #BCCI #Cricket https://t.co/g6t1UnPYbb
— India Today Sports (@ITGDsports) October 13, 2022
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है, “कुछ बड़ा करने के लिए आपको बहुत कुछ देना पड़ता है। इतिहास में मेरा विश्वास नहीं रहा है, लेकिन मेरी नज़र इस बात पर रही है कि पूरब में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने वाले प्रतिभाओं की कमी रही है। कोई भी एक दिन में अंबानी या नरेंद्र मोदी नहीं बन जाता है। आपको ऐसा बनने के लिए सालों तक मेहनत करनी पड़ती है। मैं 15 साल तक देश के लिए खेलता रहा, जो मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय था।”