पाकिस्तान में शिक्षा हासिल कर लौटने वालों को भारत में नौकरी नहीं मिलेगी। भारत के उच्च शिक्षण संस्थानों में उनका दाखिला भी नहीं होगा। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने नई गाइडलाइन में यह बात कही है। भारतीय छात्रों के लिए जारी परामर्श ने उनसे पाकिस्तान के शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन नहीं लेने को कहा गया है।
यूजीसी ने शुक्रवार (22 अप्रैल 2022) को जारी गाइडलाइन में कहा है, “पाकिस्तान जाकर तकनीकी, शिक्षा उच्च शिक्षा या अन्य किसी भी प्रकार का कोर्स करने वाला भारतीय छात्र भारत में नौकरी और आगे की पढ़ाई के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला नहीं ले सकेंगे।”
Any Indian national or Overseas Citizen of India who intends to take admission to any degree college of Pakistan shall not be eligible for seeking employment in India on the basis of such educational qualifications acquired in Pakistan
— ANI (@ANI) April 23, 2022
यूजीसी और एआईसीटीई ने यह भी स्पष्ट किया है कि ऐसे व्यक्ति जो पाकिस्तान से आए हैं, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा। पाकिस्तान से आए प्रवासी और उनके बच्चे जिन्हें भारत द्वारा नागरिकता प्रदान की गई है, वह गृह मंत्रालय की मँजूरी के बाद भारत में रोजगार पाने के पात्र होंगे। यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार (UGC Chairperson M Jagadesh Kumar) ने कहा, “यूजीसी और एआईसीटीई भारतीय छात्रों के हित में ऐसे सार्वजनिक नोटिस जारी करते हैं, जो देश के बाहर अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। हाल के दिनों में हमने देखा है कि कैसे हमारे छात्रों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, क्योंकि वे अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए विदेशों में वापस नहीं जा सके।”
एआईसीटीई के अध्यक्ष अनिल सहस्रबुद्धे के अनुसार, “भारतीय छात्रों को यह सलाह देने की जरूरत है कि उन्हें शिक्षा के लिए किन संस्थानों और देशों में जाना चाहिए, ताकि वे भारतीय नियमों के अनुरूप यहाँ अपनी डिग्री के साथ आ सकें।” उन्होंने कहा, “माता-पिता को अपनी मेहनत की कमाई को इस तरह से अपने बच्चों के ऊपर बर्बाद नहीं करनी चाहिए, जिसका भारत में कोई महत्व न हो। हमने यूक्रेन और चीन सहित अन्य देशों में इस तरह के कई मामले देखे हैं। यह सलाह इन मामलों को देखने के बाद दी गई है।”
गौरतलब है कि हर वर्ष जम्मू-कश्मीर के कई छात्र पाकिस्तान के इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन लेते हैं। अभी तक सैकड़ों कश्मीरी छात्र पाकिस्तान के तकनीकी कॉलेजों में एडमिशन ले चुके हैं। यूजीसी और एआईसीटीई ने भारतीय छात्रों के लिए चीन के शिक्षण संस्थानों के संदर्भ में भी इसी प्रकार की एडवाइजरी जारी की थी।
एआईसीटीई का कहना है कि गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों में पढ़ाई करने के बाद हासिल की गई डिग्री भारतीय संस्थानों की डिग्री के बराबर नहीं होती। इस तरह की गैर मान्यता वाले संस्थानों की डिग्री प्राप्त करने के लिए छात्रों को काफी पैसा खर्च करने के बाद भी भारत में नौकरी के अवसर प्राप्त करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं बीते वर्ष भी तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव ने इस विषय पर आधिकारिक सूचना जारी की थी कि पाकिस्तानी संस्थानों के इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रमों में दाखिले से पहले एनओसी प्राप्त करना आवश्यक है।