वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों के चलते हाल ही में फिनटेक यूनिकॉर्न भारतपे (BharatPe) के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक (MD) अशनीर ग्रोवर को कंपनी बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा था। उससे पहले आर्थिक गड़बड़ियों के आरोप में कंपनी ने उनकी पत्नी माधुरी जैन ग्रोवर को बर्खास्त कर दिया था। अब इसी तरह की कहानी एक और भारतीय आंत्रप्रेन्योर के साथ दुहराई जा रही है। इनका नाम है- अंकिती बोस (Ankiti Bose)। सिंगापुर के हाई प्रोफाइल स्टार्टअप्स में से एक Zilingo Pte ने सीईओ अंकिती को सस्पेंड कर दिया है।
जिलिंगो पैरल मर्चेंट्स और फैक्ट्रियों को टेक्नोलॉजी की आपूर्ति करती है। कंपनी ने अकाउंटिंग में कथित तौर पर गड़बड़ियाँ मिलने के बाद अंकिती पर कार्रवाई की है। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि नई फंडिंग जुटाने की कोशिशों के दौरान एक ड्यू डिलीजेंस प्रॉसेस के बीच इन गड़बड़ियों का पता चला। हालाँकि बोस ने इन आरोपों पर ख़ारिज करते हुए अपने सस्पेंशन को चुनौती दी है। उन्होंने कंपनी के कदम को ‘विच हंट’ बताते हुए अपने निलंबन का विरोध किया और कहा कि यह कंपनी में एक निवेशक के खिलाफ उनके द्वारा की गई उत्पीड़न की शिकायतों का नतीजा है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक जिलिंगो पीटीई, गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक से 15 से 20 करोड़ डॉलर जुटाने की कोशिश कर रही थी। तभी इनवेस्टर्स ने विचार-विमर्श के दौरान उसके फाइनेंसेज पर सवाल उठाए। जिसकी वजह से बातचीत बीच में ही अटक गई। इसके बाद टेमासेक होल्डिंग्स और सिकोइया कैपिटल इंडिया जैसे इनवेस्टर्स ने उनकी फाइनेंशियल प्रैक्टिसेज की जाँच शुरू कर दी। जिलिंगो हजारों छोटे मर्चेंट्स के ट्रांजेक्शंस और रेवेन्यू के लिए जिम्मेदार है और कंपनी ने 2019 से अपने फाइनेंशियल रिटर्न फाइल नहीं किए हैं।
कैसे आया आइडिया
देहरादून में जन्मी अंकिती, मुंबई में पली-बढ़ीं और सेंट जेवियर्स (मुंबई) में गणित और अर्थशास्त्र की पढ़ाई की है। उनको साल 2018 में फोर्ब्स एशिया की 30 अंडर 30 सूची और फॉर्च्यून के 40 अंडर 40 लिस्ट में शामिल किया गया था। एक बार अंकिती छुट्टियों में बैंकॉक घूमने गई थी। वहाँ उन्होंने लोगों में फैशन के लिए प्यार देखा। बोस को शुरुआती प्रेरणा बैंकॉक के लोकप्रिय चतुचक बाजार की यात्रा से मिली, जिसमें पूरे थाईलैंड से सामान बेचने वाले 15,000 से अधिक बूथ हैं। उन्होंने महसूस किया कि विक्रेताओं के पास विस्तार करने के पर्याप्त अवसर नहीं हैं। फिर उन्होंने सोचा कि क्यों न इसके लिए एक ऑनलाइन प्लेटफॉर्म खोला जाए। 2015 में थाईलैंड और कंबोडिया में अपनी शुरुआत करने के बाद कंपनी ने 400 कर्मचारियों के साथ आठ देशों में ऑफिस खोले। कंपनी ने छोटे व्यापारियों को कस्टमर को बेचने में मदद करके शुरुआत की और फिर नए फील्ड में विस्तार किया है। कंपनी के संस्थापकों ने हजारों छोटे विक्रेताओं के साथ काम किया। उन्होंने पाया कि कई के पास टेक्नोलॉजी, पूँजी अर्थव्यवस्थाओं तक पहुँच नहीं है।
अंकिती ने भारत को क्यों नहीं चुना?
अंकिती ने इस कंपनी का स्टार्टअप शुरू करने के लिए भारत को इसलिए नहीं चुना, अपनी रिसर्च में उन्होंने पाया कि भारत में पहले से ही ऑनलाइन मार्केट में Amazon, Flipkart जैसी बड़ी कंपनियाँ बड़े लेवल पर मौजूद थे। लेकिन साउथ ईस्ट एशिया में ऐसा कोई प्लेयर नहीं था। लिहाजा उन्होंने अपनी कंपनी की शुरुआत करने के लिए साउथ ईस्ट एशिया को चुना। इस तरह 2015 में ZILINGO कंपनी की शुरुआत हुई। कंपनी ‘यूनिकॉर्न’ स्टेटस पाने के काफी करीब है।