Sunday, December 22, 2024
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कौन हैं ब्राजील के आचार्य जोनास मैसेट्टी, जिनसे पीएम मोदी ने G20 में की मुलाकात: कैसे रियो की पहाड़ियों में पढ़ाने लगे वेदान्त और योग

जोनास मैसेट्टी मूल रूप से ब्राजील के रहने वाले हैं। उन्होंने ब्राजील में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह योग और वेदों की तरफ आने से पहले स्टॉक मार्केट में काम करते थे। जोनास मैसेट्टी भारत आने से पहले काफी समृद्ध थे।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में ब्राजील की राजधानी रियो डी जेनेरियो की यात्रा की। इस यात्रा के दौरान वैश्विक नेताओं के साथ मुलाक़ात की। इन नेताओं के अलावा पीएम मोदी एक ऐसे व्यक्ति से मिले, जिनका जन्म तो ब्राजील में हुआ लेकिन अब वह भारतीय संस्कृति को दुनिया तक पहुँचा रहे हैं। पीएम मोदी ने रियो में आचार्य जोनास मैसेट्टी से मुलाक़ात की। आचार्य मैसेट्टी का जिक्र पीएम मोदी इससे पहले एक बार मन की बात में भी कर चुके हैं। आचार्य मैसेट्टी योग और गीता से दुनिया को परिचित करवा रहे हैं।

पीएम मोदी ने जोनास मैसेट्टी से मिल कर लिखा, “जोनास मैसेट्टी और उनकी टीम से मुलाकात हुई। मैंने मन की बात कार्यक्रम के दौरान वेदान्त और गीता के प्रति उनकी श्रृद्धा का जिक्र किया था। उनकी टीम ने संस्कृत में रामायण की झलकियाँ प्रस्तुत कीं। यह सराहनीय है कि कैसे भारतीय संस्कृति पूरी दुनिया में प्रभाव डाल रही है।”

कौन हैं जोनास मैसेट्टी?

जोनास मैसेट्टी मूल रूप से ब्राजील के रहने वाले हैं। उन्होंने ब्राजील में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। वह योग और वेदों की तरफ आने से पहले स्टॉक मार्केट में काम करते थे। जोनास मैसेट्टी भारत आने से पहले काफी समृद्ध थे। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि उनके पास पश्चिमी देशों में हर आदमी को जिन चीजों की जरूरत होती है, वह सब कुछ उनके पास था। जोनास मैसेट्टी अपने इस जीवन से खुश नहीं थे। वह कुछ सालों पहले भारत आ गए थे, इसके बाद से वह सनातन से प्रभावित हो गए।

क्यों चुना सनातन का रास्ता?

जोनस मैसेट्टी ने जागरण को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि वह पश्चिमी देशों के जीवन से प्रसन्न नहीं थे और उनका मन नहीं लगता था। ऐसे में वह वेदान्त की तरफ मुड़ गए। वह भारत आए और तमिलनाडु के कोयम्बटूर में आचार्य दयानंद सरस्वती के आश्रम में वेदान्त पढ़ने लगे। यहाँ मैसेट्टी को आचार्य का दर्जा मिला। सनातन से प्रभावित होने के बाद विश्व विद्या नाम का एक संस्थान खोला और सनातन का प्रचार करने लगे। इसकी स्थापना उन्होंने ब्राजील की राजधानी रियो के पास के स्थान में की थी।

अब कर रहे संस्कृति का प्रचार

जोनास मैसेट्टी भारतीय संस्कृति में ढलने के बाद आचार्य विश्वनाथ हो गए हैं। मैसेट्टी अब वेदान्त की शिक्षा विदेशों में देते हैं। वह विदेशी छात्रों को योग और गीता पढ़ाते हैं। वह रामायण आदि की कहानियाँ भी लोगों को बताते हैं। उन्हें आयुर्वेद के बारे में भी समझाते हैं। मैसेट्टी ब्राजीम में अपने आश्रम में कई छात्रों को सनातन की धार्मिक शिक्षा देते हैं। वह और उनके साथी रामायण का मंचन भी करते हैं और झांकियों के जरिए लोगों को हिन्दू धर्म के विषय में समझाते हैं।

पीएम मोदी ने भी मैसेट्टी का किया था जिक्र

पीएम मोदी ने जोनास मैसेट्टी का जिक्र 2020 में मन की बात में किया था। पीएम मोदी ने जोनास मैसेट्टी जैसे लोगों को ‘भारत का सांस्कृतिक राजदूत’ करार दिया था। पीएम मोदी ने उनको लेकर कहा,”भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए, तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए। मुझे ‘जोनास मैसेट्टी’ के काम के बारे में जानने का मौका मिला, जिन्हें ‘विश्वनाथ’ के नाम से भी जाना जाता है।”

पीएम मोदी ने आगे बताया, “जोनास ब्राजील में लोगों को वेदांत और गीता सिखाते हैं। वे विश्वविद्या नाम की एक संस्था चलाते हैं, जो रियो डी जेनेरियो से घंटे भर की दूरी पर पेट्रोपोलिस के पहाड़ों में स्थित है। जोनास ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, स्टॉक मार्केट में अपनी कंपनी में काम किया, बाद में उनका रुझान भारतीय संस्कृति और खासकर वेदान्त की तरफ हो गया। स्टॉक से लेकर के धार्मिकता तक वास्तव में उनकी एक लंबी यात्रा है।”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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