बांग्लादेश में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने बीसीसीआई से अनुरोध किया है कि वो अक्टूबर माह में होने वाले महिला क्रिकेट-20 विश्व कप का आयोजन उसकी जगह पर कर ले, लेकिन बीसीसीआई ने उसके अनुरोध को खारिज कर दिया है।
दरअसल, अगले ही महीने भारत को बांग्लादेश के साथ टेस्ट सीरीज खेलनी है, जिसमें बांग्लादेश की टीम भारत आएगी, तो उसके बाद अक्टूबर महीने में बांग्लादेश में महिला क्रिकेट टी-20 विश्वकप का आयोजन होना है। लेकिन बांग्लादेश में अस्थिरता की वजह से ऐसा होना दिख नहीं रहा है।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में साफ किया है कि बांग्लादेश की तरफ से प्रस्ताव आया था कि बीसीसीआई अक्टूबर महीने के टी-20 महिला क्रिकेट विश्वकप को होस्ट कर ले, लेकिन हमने (बीसीसीआई) ने साफ मना कर दिया।
जय शाह ने कहा, “अभी भारत में मानसून का समय चल रहा है। अगरे साल भारत खुद 50 ओवरों का महिला क्रिकेट विश्व कप होस्ट कर रहा है। मैं ये बिल्कुल नहीं चाहूँगा कि हमारे बारे में ये राय बने कि हम लगातार विश्वकप आयोजन अपने ही देश में चाहते हैं।”
इस बीच, जय शाह से अगले महीने होने वाले भारत-बांग्लादेश टेस्ट सीरीज को लेकर सवाल पूछा गया कि क्या ये सीरीज लटक सकती है? इसके जवाब में जय शाह ने साफ तौर पर कहा कि अभी ऐसी कोई खबर नहीं है। बांग्लादेश में नई सरकार अभी आई है। वो (बांग्लादेश क्रिकेट) हमसे जरूर इस सीरीज को लेकर संपर्क करेंगे। अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो हम अपनी तरफ से संपर्क करेंगे। हमारे लिए बांग्लादेश के साथ सीरीज बहुत जरूरी है। हम इसके आयोजन के लिए पूरी कोशिश करेंगे।
इस दौरान जय शाह ने ये भी बताया कि बेंगलुरु में एनसीए (नेशनल क्रिकेट अकादमी) का सेंटर बनकर तैयार हो चुका है, जो बहुत भव्य है और बहुत बड़ा है। इस बड़े सेंटर में सिर्फ क्रिकेट ही नहीं, बल्कि ओलंपिक खेलों से जुड़े खिलाड़ी भी ट्रेनिंग ले सकेंगे। यहाँ सारी व्यवस्थाएँ की गई है। इसके अलावा उन्होंने वाराणसी में क्रिकेट स्टेडियम और सेंटर के साथ ही भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्यों में क्रिकेट की सुविधाओं को बढ़ाने पर जोर दिया।
एनसीए सेंटर के बनने में लगे सवाल पर उन्होंने कहा कि बीसीसीआई ने 2008 में ही जमीन खरीद ली थी, लेकिन इस पर काम मेरे दूसरे कार्यकाल में शुरू हुआ, लॉकडाउन के बाद जब बीसीसीआई का दफ्तर शुरू हुआ तब। जय शाह ने साफ कहा कि उन्हें नहीं पता कि एनसीए पर काम उनके पूर्ववर्तियों ने क्यों नहीं कराया।