जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 की ‘पावर’ को खत्म करके मोदी सरकार ने जो ऐतिहासिक कार्य कर दिखाया है, उससे पाकिस्तान में उथल-पुथल मच गई है। पाकिस्तान लगातार भारत के इस फैसले पर अपनी टिप्पणी कर रहा है। जिसपर मोहाजिर के वरिष्ठ नेता नदीम नुसरत की ओर से पाकिस्तान को दो टूक जवाब आया है। नदीम की मानें तो “पाकिस्तान को कश्मीरियों के बारे में बोलने का कोई हक नहीं, क्योंकि उसने खुद अपने नागरिकों को मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा।”
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक अमेरिका में स्थित प्रवासी मोहाजिरों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक समूह वॉयस ऑफ कराची के अध्यक्ष नदीम नुसरत ने पाकिस्तान की टिप्पणियों पर बयान दिया है कि पाकिस्तान को तब तक कश्मीरियों के हक के लिए बोलने का कोई अधिकार नहीं है, जब तक कि वह खुद अपने यहाँ मुहाजिर, बलूच, पश्तून और हजारा समुदाय के लोगों को उनके अधिकार नहीं दे देता।
उल्लेखनीय है कि इस समय भारत में इतना बड़ा फैसला आने के बाद पाकिस्तान में भी स्वायत्त क्षेत्र की माँग उठने लगी है। अमेरिका-आधारित समूह ‘वॉयस ऑफ कराची’ ने सोमवार को प्रवासी मुहाजिरों का प्रतिनिधित्व करते हुए पाकिस्तान की सरजमीं पर एक स्वायत्त ग्रेटर कराची के निर्माण का आह्वान किया है।
Voice of Karachi’s Nadeem Nusrat has called for the creation of autonomous ‘Greater Karachi’ within Pakistan, says,”Until Pak gives same rights it’s demanding for Kashmiris to its own Mohajirs,Baloch,Pashtuns&Hazaras citizens,it has no moral right to speak on behalf of Kashmiris” pic.twitter.com/Jy3IO3uHlZ
— ANI (@ANI) August 6, 2019
इसी के मद्देनजर नदीम नुसरत ने पाकिस्तान के आलाकमानों से सवाल किया है कि पाकिस्तान कश्मीर में जनमत संग्रह की बात करता है, लेकिन क्या वह यही अधिकार अपने यहाँ के उन अल्पसंख्यकों को देने के लिए तैयार है, जो सांस्कृतिक व जातीय भिन्नता के कारण हाशिए पर हैं?
मोहाजिर प्रवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले नदीम पाकिस्तान सरकार के कई मंत्री व शीर्ष अधिकारी विदेशों में कश्मीरी अलगाववादी नेताओं से मिलते हैं और अस्थिरता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा पाकिस्तान के पुनर्गठन की माँग में अपने प्रयासों को तेज करने के लिए वैश्विक अभियान शुरू किया जाएगा। उनकी मानें तो उनका संगठन ग्रेटर कराची के प्रस्तावित नक्शे को पहले ही प्रकाशित कर चुका है और जल्द ही पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस से एक दिन पूर्व अपने प्रस्ताव का मुख्य लेख जारी करेगा।