Monday, December 23, 2024
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निर्धारित समय पर भारत को मिलेगा S-400 एयर डिफ़ेन्स सिस्टम

भारत के एयर डिफेन्स सिस्टम पुराने हो चुके हैं अतः अब हमें नए उन्नत हथियारों से अपने आयुध भंडार को लैस करने की आवश्यकता है ऐसे में रूस द्वारा S-400 की समय पर डिलीवरी देने का आश्वासन देना शुभ संकेत है।

रूस के उप विदेश मंत्री सर्जे रयाब्कोव ने बुधवार (जनवरी 9, 2019) को कहा कि रूस भारत को S-400 एयर डिफ़ेन्स मिसाइल सिस्टम पूर्व निर्धारित समय पर ही देगा तथा डिलीवरी में किसी भी प्रकार की देर नहीं की जाएगी।

गत सप्ताह सरकार ने लोक सभा में यह सूचना दी कि भारत को अगले वर्ष अक्टूबर से S-400 एयर डिफेन्स मिसाइल सिस्टम मिलना आरंभ हो जाएगा तथा वर्ष 2023 तक डिलीवरी पूरी कर दी जाएगी। भारत-रूस के मध्य 40,000 करोड़ रुपये में S-400 ट्रायंफ खरीदने का समझौता गत वर्ष सम्पन्न हुआ था जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आए थे।

S-400 एक इंटीग्रेटड मिसाइल सिस्टम है जो दूर और पास दोनों प्रकार के लक्ष्यों को भेद सकता है। युद्धनीति के दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह एक प्रतिरक्षात्मक प्रणाली है अर्थात इसका प्रयोग पहले हमला करने के लिए नहीं किया जाता।

S-400 सतह से हवा में मार करने वाला एयर डिफेन्स मिसाइल सिस्टम है जिसका अर्थ होता है ऐसी मिसाइल जो हवा से आक्रमण कर रहे किसी भी हथियार को मार गिराने में सक्षम हो। कुछ मिसाइलें बैलिस्टिक प्रणाली पर कार्य करती हैं अर्थात वे पृथ्वी के वायुमंडल में बहुत ऊपर तक जाकर फिर गुरुत्वाकर्षण बल के कारण लक्ष्य पर गिरती हैं। अंतर्महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) इसी श्रेणी की मिसाइलें हैं।

कुछ मिसाइलें रिमोट द्वारा नियंत्रित की जाती हैं जिन्हें गाइडेड मिसाइल कहा जाता है। S-400 बैलिस्टिक और गाइडेड दोनों प्रकार की मिसाइलों से हमारी रक्षा कर सकने में सक्षम है। यही नहीं S-400 मानव रहित विमानों और लड़ाकू विमानों को भी मार गिराने में भी सक्षम है।

यह एयर डिफेन्स मिसाइल सिस्टम 30 किमी की ऊँचाई तक चार अलग रेंज की मिसाइलें एक ही लॉन्चर से दाग सकता है। S-400 की इन चार मिसाइलों की रेंज है: 40 किमी, 120-150 किमी, 200-250 किमी और 400 किमी। S-400 को कहीं भी ले जाया जा सकता है और इसकी एक बैटरी में आठ लॉन्चर होते हैं।

यह एयर डिफेन्स मिसाइल सिस्टम 30 किमी की ऊँचाई तक चार अलग रेंज की मिसाइलें एक ही लॉन्चर से दाग सकता है। S-400 की इन चार मिसाइलों की रेंज है: 40 किमी, 120-150 किमी, 200-250 किमी और 400 किमी

S-400 के रडार L और UHF फ़्रिक्वेन्सी बैंड पर काम करते हुए एक साथ सौ लक्ष्यों पर निगरानी रख सकते हैं। इसके रडार इतने उन्नत हैं कि वे आती हुई मिसाइल या विमान की रेंज में आने से पूर्व ही उस पर हमला कर सकते हैं।

अल्माज़ आंतेय (Almaz Antey) नामक कम्पनी द्वारा निर्मित अतिउन्नत S-400 मिसाइल सिस्टम के बारे में विशेषज्ञों की राय है कि यह क्रूज़ मिसाइलों के आक्रमण को भी असफल कर सकता है। S-400 को तुलनात्मक रूप से THAAD और पैट्रियट PAC3 मिसाइल सिस्टम से बेहतर माना जाता है।

भारत के एयर डिफेन्स सिस्टम पुराने हो चुके हैं अतः अब हमें नए उन्नत हथियारों से अपने आयुध भंडार को लैस करने की आवश्यकता है ऐसे में रूस द्वारा S-400 की समय पर डिलीवरी देने का आश्वासन देना शुभ संकेत है।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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