भारत की अंतरिक्ष एजेंसी ISRO एक के बाद एक कर के सफलता के नए दास्ताँ लिख रही है, जिसमें ‘चंद्रयान 3’ का चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना भी शामिल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो को अब नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि 2035 तक चाँद पर ‘भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन’ स्थापित करने और और 2040 तक किसी भारतीय को चन्द्रमा की सतह पर भेजने का लक्ष्य होना चाहिए। साथ ही उन्होंने अन्य ग्रहों से संबंधित मिशन पर भी काम तेज़ करने के लिए कहा।
इसमें वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर मिशन भी शामिल है। यानी, शुक्र और मंगल ग्रहों पर पहुँचने के लिए भारत अब तैयार है। केंद्रीय अंतरिक्ष मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह और ISRO प्रमुख एस सोमनाथ के साथ पीएम मोदी ने एक बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने इसमें ‘गगनयान’ और अन्य अंतरिक्ष अभियानों के भविष्य की समीक्षा की। अब पीएम मोदी द्वारा दी गई डेडलाइन के हिसाब से इसरो काम करेगा। इसमें अगले ‘चंद्रयान’ मिशन, नेक्स्ट जनरेशन लॉन्च व्हीकल (NGLV), नए लॉन्चपैड का निर्माण और ह्यूमन सेंट्रिक लेबोरेटरीज की स्थापना शामिल हैं।
इस बैठक में अंतरिक्ष विभाग के अधिकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक पूरा खाका पेश किया कि ‘गगनयान’ मिशन को लेकर अब तक क्या-क्या किया गया है और आगे क्या योजना है। HLVM3 (ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल) के माध्यम से 3 बिना क्रू वाले टेस्ट अभी किए जाने हैं। कुल 20 टेस्ट किए जाने हैं। 21 अक्टूबर को पहला ऐसा मिशन टेस्ट होगा। इसके तहत आउटर स्पेस में भेजकर क्रू मॉड्यूल को वापस धरती पर लाया जाएगा।
इसके बाद ‘व्योममित्र’ नाम के एक हुमानोइड रोबोट को विकसित किया जाएगा, जिसे मिशन में भेजा जाएगा। 2025 में 2-3 खगोलविदों के साथ अंतिम मिशन टेस्ट किया जाएगा। पीएम मोदी ने इस बैठक में अंतरिक्ष में नई ऊँचाइयों को छूने की भारत की क्षमता पर भी बात की। अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही अंतरिक्ष में किसी व्यक्ति को भेज पाए हैं। इसके लिए 5.3 टन का एयरक्राफ्ट डिजाइन किया जा रहा है। 2023 में ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ की भी टेस्टिंग की जाएगी।
It was an honour to host Somanath sir at our residence today 😇 and was nice to discuss about Pragyan rover and received the replica of LVM 3!🤩
— Praggnanandhaa (@rpragchess) October 16, 2023
Wishing the very best to ISRO Team for all the future missions! 🇮🇳 @isro pic.twitter.com/1rONXx6sbR
उधर इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने भात के धुरंधर चेस खिलाड़ी प्रज्ञानानंद से भी बातचीत की। उन्होंने इस दौरान एशिया कप में रजत पदक जीतने वाले प्रज्ञानानंद को GSLV रॉकेट का एक छोटा सा मॉडल भेंट किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि चाँद पर भले ही ‘प्रज्ञान’ रोवर सो रहा है लेकिन भारत के प्रज्ञानानंद को देश को गौरव दिलाने के लिए सक्रिय रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रज्ञानानंद युवाओं को अंतरिक्ष सेक्टर ज्वाइन करने के लिए प्रेरित करेंगे। इसी दौरान उन्होंने जनवरी 2024 के मध्य में ‘आदित्य L1’ के अपने लक्ष्य तक पहुँचने की भी जानकारी दी।