प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (अगस्त 10, 2020) को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह के लोगों के लिए बहुत ही स्पेशल दिन बताया क्योंकि इस दिन ‘सबमरीन ऑप्टिकल फाइबर केबल (OFC)’ को लॉन्च किया गया। इसके द्वारा चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर को अंडमान एवं निकोबार द्वीपसमूह से कनेक्ट किया जाएगा। पीएम मोदी ने वीडियो कॉल के जरिए सुबह साढ़े 10 बजे OFC को लॉन्च किया।
प्रधानमंत्री ने जानकारी दी कि OFC से न सिर्फ हाई स्पीड ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी मिलेगी बल्कि इससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के विकास में भी बड़ा उछाल आएगा। उन्होंने बताया कि वहाँ के लोगों को तेज़ और विश्वस्त टेलीकॉम सेवाएँ मिलने लगेंगी। इससे डिजिटल गवर्नेंस, टेली मेडिसिन और टेली शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा। OFC के द्वारा पोर्ट ब्लेयर, स्वराज द्वीप, लिटिल अंडमान, कार निकोबार, कमोर्टा, ग्रेट निकोबार, लॉन्ग आइलैंड और रंगत को जोड़ा जाएगा।
भारत ने चेन्नई से लेकर पोर्ट ब्लेयर के बीच ‘अंडर सी केबल लिंक’ तैयार कर लिया है। इसके बाद उसे अब OFC बिछाने के लिए किसी और देश की ज़रूरत नहीं पड़ेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने 2300 किलोमीटर लम्बे इस लिंक का उद्घाटन किया। दिसंबर 2018 में पीएम मोदी ने ही इस लिंक की नींव रखी थी। ये केबल चेन्नई और पोर्ट ब्लेयर के बीच 2*200 गीगाबाइट प्रति सेकंड (Gbps) की गति से इंटरनेट सेवा देगा।
वहीं पोर्ट ब्लेयर और उसके बीच की बैंडविड्थ इसकी आधी होगी। इन केबल्स के जरिए अधिकतम 4000 Gbps स्पीड मिलने की बात कही जा रही है। इसे इस तरह से समझिए। आप 4K गुणवत्ता में 2 घंटे की कोई फिल्म डाउनलोड करना चाहते हैं और ये 160 जीबी का है। ऐसा करने में मुश्किल से 3-4 सेकण्ड्स से ज्यादा नहीं लगेंगे। इतनी देर में ही 40,000 गानों को डाउनलोड किया जा सकेगा।
12 islands of Andaman and Nicobar have been selected where high-impact projects will be expanded.
— BJP Andaman Nicobar (@BJP4AnN) August 9, 2020
Andaman and Nicobar is at a strategic location in relation to trade and blue economy. It is linked to Kerala, Kolkata and Bangladesh: PM #AndamanNicobarWithPM pic.twitter.com/Ld9yd3ieUU
OFC को अंडमान एवं निकोबार में बिछाने के लिए खास तरह की जहाजों का इस्तेमाल किया जाएगा। ऐसे एक जहाज अपने साथ 2000 किलोमीटर लम्बा केबल लेकर जा सकते हैं। हल जैसे एक उपकरण का भी प्रयोग किया जाता है, जो जहाज के साथ-साथ चलते हैं। फ्लोर केबल के जरिए पहले ज़मीन तैयार की जाती है और फिर समुद्रतल पर जहाज से इसकी निगरानी की जाती है। बिछाने के लिए भी इसका प्रयोग होता है।
टेलीकॉम केबल बिछाने के लिए रिपीटर का प्रयोग किया जाता है। इससे सिग्नल स्ट्रेंथ बढ़ाने में मदद मिलती है। दो केबल्स को आपस में क्रॉस कराने के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है। जहाँ केबल ख़त्म होता है, वहीं पर उसे उठा कर समुद्रतल से ऊपर खींच कर ले आया जाता है। आखिर में एक अंडरवॉटर व्हीकल ROV के जरिए इस बात की अच्छी तरह से जाँच की जाती है कि कहीं कोई गलती तो नहीं हुई।