अभी लोग कोरोना महामारी (Pandemics) से उबर भी नहीं सके थे और दुनिया में एक नई और बड़ी महामारी का खतरा मंडराने लगा है। माना जा रहा है कि इस बार खतरा कोरोना महामारी से भी खतरनाक हो सकता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि फ्रांस के वैज्ञानिकों ने रूस में जमी हुई झील के नीचे दबे 48,500 साल पुराने जॉम्बी वायरस (Zombie Virus) को जिंदा किया है। वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि ‘जॉम्बी वायरस’ बहुत अधिक संक्रामक है। जो तेजी के साथ फैल सकता है।
‘ब्लूमबर्ग’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने रूस के साइबेरिया क्षेत्र में पर्माफ्रॉस्ट से एकत्रित प्राचीन नमूनों की जाँच की है। रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिकों ने 13 रोगजनक वायरसों की विशेषता बताते हुए उन्हें जिंदा कर दिया। इन्हें ‘जॉम्बी वायरस’ नाम दिया गया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि कई शताब्दियों तक जमीन के नीचे बर्फ में दबे रहने के बावजूद भी वायरस संक्रामक बने रहे हैं।
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ के अनुसार, बहुत प्राचीन अज्ञात वायरस के जीवित होने से पौधों, पशुओं और मनुष्यों में घातक रोग उत्पन्न हो सकते हैं। शुरुआती शोध के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण स्थायी रूप से जमे हुए वो इलाके पिघल रहे हैं जो उत्तरी गोलार्ध के एक-चौथाई हिस्से को कवर करती हैं। शोधकर्ता कहते हैं, “10 लाख सालों तक जमे कार्बनिक पदार्थों के इलाके में पुनर्जीवित सेलुलर रोगाणुओं जैसे प्रोकैरियोट्स, यूनिसेल्यूलर, यूकेरियोट्स के साथ-साथ वायरस भी शामिल हैं, जो प्रागैतिहासिक काल से निष्क्रिय रहे हैं।”
48,500-year-old zombie virus revived by scientists in Russia
— ANI Digital (@ani_digital) November 30, 2022
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वैज्ञानिक लंबे समय से ग्लोबल वॉर्मिंग को दुनिया के लिए खतरा बता रहे हैं। लगातार चेतावनी दी जा रही है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण जमी हुई बर्फ पिघलने से जलवायु परिवर्तन होगा जिससे पारिस्थितिक तंत्र बिगड़ जाएगा। इतना ही नहीं जलवायु परिवर्तन से जमीन में दबी मीथेन विघटित हो जाएगी, जिससे ग्रीनहाउस प्रभाव पड़ेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लोबल वार्मिंग से यह संभावना है कि प्राचीन परमाफ्रॉस्ट (बर्फ से ढके इलाके) पिघलने पर कई अज्ञात वायरस बाहर आ जाएँगे। जिसका दुनिया पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है।
जाँच अभी शुरुआती दौर में है। इसके बाद वैज्ञानिक प्रकाश, गर्मी, ऑक्सीजन और अन्य बाहरी पर्यावरणीय माहौल के संपर्क में आने पर इन अज्ञात विषाणुओं की संक्रामकता के स्तर का आकलन करेंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे पुराना वायरस जिसे पैंडोरावायरस येडोमा कहा जाता है, इसकी उम्र 48,500 साल से ज्यादा बताई जा रही है। इस वायरस ने इसी टीम द्वारा 2013 में खोजे गए उस वायरस का भी रिकॉर्ड तोड़ दिया जिसकी उम्र 30,000 साल से ज्यादा बताई गई थी।