पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद वामपंथी लोगों द्वारा दी गई प्रतिक्रिया देश में विभाजन के बीज बोने का एक ठोस प्रयास प्रतीत होता है। जब पूरा देश सदमे की स्थिति में है और शहीदों के परिवार के साथ चट्टान के रूप में खड़ा है, तब इस तरह की घटिया प्रतिक्रिया वामपंथियों के असली चेहरे को हमारे सामने ला देता है।
दर्दनाक पुलवामा आतंकवादी हमले में शहीदों की संख्या 40 के करीब होने के बाद सोशल मीडिया के अलग-अलग माध्यमों में लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। अधिकांश लोगों ने इस कायराने घटना में शहीद जवानों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और सुरक्षा में लगे जवानों के प्रति अपना समर्थन व्यक्त किया। लेकिन सोशल मीडिया पर एक खास तरह के वर्ग ने अपने घटिया स्तर की राजनीति के लिए सस्ती टिप्पणियों का सहारा लिया।
Could this be a conspiracy? The man can do anything.
— Sanjukta Basu (@sanjukta) February 14, 2019
कई उदारवादी मीडिया की स्तंभकार, TEDx स्पीकर और फेलो, संजुक्ता बसु के ने ट्वीट करके कहा कि आतंकवादी हमले प्रधानमंत्री मोदी द्वारा रची गई साजिश हो सकती है क्योंकि ये आदमी कुछ भी कर सकता है।
बसु की ट्वीट में की गई टिप्पणियाँ भयानक हैं। बसु चाहती हैं कि लोग यह मानें कि भारतीय सशस्त्र बलों ने नरेंद्र मोदी के इशारे पर अपने ही सैनिकों की हत्या कर दी है। और सोचने वाली बात यह है कि बसु ने यह ट्वीट जैश-ए-मुहम्मद द्वारा हमले के लिए जिम्मेदारी का दावा करने के लंबे समय बाद पोस्ट किया है। ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी के अंध-विरोध में बिना कुछ सोचे-समझे ही बसु ने लापरवाह और अपमानजनक टिप्पणी की है। बसु ने ऐसे समय में सशस्त्र बलों का अनादर किया है जब इस कायराने घटना के बाद वो गम में हैं।
I got this msg 2days back from a person in jammu
— Devashish Jarariya (@jarariya91) February 15, 2019
Msg was sent at 2.43am saying urgent something bad is going to happen.
He even asked me to convey this msg to higher authorities.
But before i could understand this incident occurred.
Now i am confused b/w coincidence or conspiracy pic.twitter.com/0XLBfzz5Ku
यही नहीं, कॉन्ग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू द्वारा आतंकवादियों को शरण देने और पोषण करने पर पाकिस्तान को लगभग क्लीन चिट देने के कुछ घंटे बाद, एक अन्य कॉन्ग्रेस प्रवक्ता ने एक यह सवाल पूछने के अंदाज में प्रधानमंत्री के ख़िलाफ़ अफवाह फैलाने की कोशिश की। कॉन्ग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि क्या पुलवामा आतंकी हमला मोदी की साजिश थी?
CRPF jawans killed today in #KashmirTerrorAttack – All of them are from poor families and almost all of them are low caste, Dalit, tribal or Muslim. They are the ones who get killed in wars, not the ones who scream for war in TV studios. pic.twitter.com/y4PzRdqbzd
— Ashok Swain (@ashoswai) February 14, 2019
इसके बाद कुछ प्रतिष्ठित उदारवादी बुद्धिजीवी, जो विदेशों से बैठकर अपने देश में नफरत फैलाने के बारे में सोचते रहते हैं, ऐसे लोगों ने जाति के आधार पर हमारे सैनिकों की शहादत का भी राजनीतिकरण करने का प्रयास किया।
पाकिस्तानी मीडिया ने पहले प्रधानमंत्री मोदी को नीचा दिखाने के लिए अशोक स्वैन के ट्वीट का इस्तेमाल किया है। विदेश में बैठे स्वैन ने अपने ट्वीट में जोर देकर कहा था कि नरेंद्र मोदी चुनाव से पहले पाकिस्तान के साथ सीमा टकराव में भारत को मजबूर करेंगे। पाकिस्तानी मीडिया ने तब उन ट्वीट्स को लाइक किया था और कहा था कि पाकिस्तान शांति चाहता है जबकि भारत सरकार संघर्ष चाहती है।
इसके अलावा कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्होंने ट्वीट करके कहा है कि पुलावामा की घटना में शहीद होने वाले जवानों में से एक भी ब्राह्मण नहीं है।
कश्मीर में मरने वाले जवानों मे १ भी ब्राम्हण नही है। pic.twitter.com/MENDYgrsWU
— Nitin Meshram (@nitinmeshram_) February 14, 2019
वास्तव में, देश के भीतर उस समय विभाजन के बीज बोने का ठोस प्रयास किया जा रहा है, जब पूरा देश सदमे की स्थिति में है और हमारे शहीदों के परिवार के पीछे चट्टान के रूप में खड़ा है।