भारतीय वायुसेना द्वारा पाकिस्तान के भीतर आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक करने के बाद पाकिस्तान ने आज बुधवार (फरवरी 27, 2019) को जवाबी हमला किया। भारतीय विदेश मंत्रालय के अनुसार, पाकिस्तान ने भारतीय मिलिट्री इंस्टॉलेशंस को निशाना बनाया। जबकि पाकिस्तान के अनुसार उन्होंने खाली जगह पर हमला कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान ने अपने देश को सम्बोधित करते हुए कहा:
“मैं कल सुबह से अभी तक हुए घटनाक्रम को लेकर देश को विश्वास में लेना चाहता था। पुलवामा (आत्मघाती हमला) में जो कुछ हुआ उसके बाद हमने भारत को शांति की पेशकश की। मैं उन परिवारों के दर्द को समझता हूँ, जिन्होंने पुलवामा में परिवार के सदस्यों को खो दिया। मैंने अस्पतालों का दौरा किया है और हिंसा से प्रभावित लोगों के दर्द को नज़दीक से देखा है।”
पुलवामा हमले के बाद अपने पाकिस्तान द्वारा की गई कथित पेशकश के बारे के बारे में बात करते हुए इमरान ख़ान ने कहा:
“हमने भारत को प्रस्ताव दिया कि हम जाँच करेंगे। हम सहयोग करना चाहते थे और ऐसा करने के लिए तैयार थे। मुझे डर था कि भारत इसके बावजूद भी कार्रवाई करेगा, और मैंने इसलिए भारत को आक्रामकता दिखाने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी थी।”
#LiveNow: Prime Minister @ImranKhanPTI addressing the nation to take the nation into confidence on the #current sit… https://t.co/4dyMKixDNT
— Radio Pakistan (@RadioPakistan) February 27, 2019
पाक पीएम ने कहा कि वह अधिकारियों से बात कर भारत द्वारा किए गए एयर स्ट्राइक में हुए नुक़सान रहे थे। बकौल ख़ान, ये प्रक्रिया पूरी करने के बाद पाकिस्तानी सेना ने जवाबी कार्रवाई की। आज के घटनाक्रम पर बोलते हुए ख़ान ने कहा:
“हमारी कार्रवाई केवल यह बताने के लिए थी कि यदि आप हमारे देश में आ सकते हैं, तो हम भी ऐसा कर सकते हैं। हमारे एयर स्पेस में भारतीय जेट पीछा करते आ गए थे, हमारी कार्रवाई में उनके (भारत) दो मिग को मार गिराया गया। यहाँ से, यह जरूरी है कि हम अपने दिमाग का उपयोग करें और बुद्धिमता के साथ कार्य करें।
इमरान ख़ान ने प्रथम विश्व युद्ध का उदाहरण देते हुए कहा कि उसे हफ़्तों में ख़त्म हो जाना चाहिए था लेकिन 6 वर्ष लग गए। ख़ान ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ चल रही लड़ाई के बारे में कहा कि इसे 17 वर्षों तक नहीं खिंचना चाहिए था। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के पास मौजूद हथियारों को देखते हुए स्थिति बदतर होने पर प्रधानमंत्री मोदी और उनके (इमरान)- दोनों के ही हाथ से बाहर निकल सकती है।
Imran Khan: “We are inviting India again to talk to us. We are waiting – if you want to start a dialogue about Pulwama. I think better sense should prevail. We should sit down and talk.”
— BBC News India (@BBCIndia) February 27, 2019
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अंत में उन्होंने बातचीत की वकालत करते हुए एक साथ बैठने की बात कही। इमरान ख़ान ने कहा कि वह जाँच और बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह पुलवामा हमले के दुःख और दर्द को समझते हैं।