हिमाचल प्रदेश स्थित कांगड़ा के सीआरपीएफ जवान तिलक राज 14 फ़रवरी को पुलवामा हमले में वीरगति को प्राप्त हो गए। जिस दिन उन्होंने मातृभूमि के लिए प्राण न्योछावर किए, उसी दिन उनकी चौथी मैरिज एनिवर्सरी भी थी। यही कारण है कि उनकी पत्नी सावित्री देवी अपने वीरगति को प्राप्त पति के पार्थिव शरीर के पास दुल्हन वाले कपड़ों में बैठी थी। उनके दूसरे बेटे का जन्म हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ है। उनके एक बेटा 3 वर्ष का है। तिलक के पिता ने कहा कि उन्हें अपने बेटे की वीरगति पर गर्व है लेकिन पाकिस्तान को करारा जवाब मिलना चाहिए।
निशब्द ? ?
— ?Babita Singh? (@BabitaS7621) February 16, 2019
दुल्हन के जोड़े में सावित्री ने शहीद पति तिलक राज को अंतिम विदाई दी। माहौल बेहद गमगीन हो गया। पति की पार्थिव देह देख कर सावित्री बेसुध हो गई।
जय हिंद ….?? ?? ?? pic.twitter.com/t5juqWxebc
जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा तिलक के परिजनों से मिलने पहुँचे, तब सावित्री ने उनसे कहा- ‘साहब, मुझे भी सीआरपीएफ की नौकरी दे दो।‘ एक माह से भी कम उम्र के बच्चे को अपनी गोद में लेकर बैठी सावित्री की आवाज़ में गज़ब की दृढ़ता थी। उस से पहले जब उन्हें उनके पति की वीरगति पाने की सूचना मिली, तो वो एकदम से बेसुध हो गई। 22 दिन का बच्चा माँ के दूध के लिए रोता रहा। रिश्तेदार माँ व बच्चा- दोनों को ही चुप कराने में व्यस्त थे।
बहुत कम लोगों को पता है कि तिलक राज एक अच्छे गायक भी थे। उनके एक वीडियो को 12 लाख से भी अधिक बार देखा गया है। लोकगीतों के शौकीन तिलक जब भी घर आते, उनका समय गाने लिखने व संगीत बनाने में ही जाता था। इसके अलावा वह एक अच्छे कबड्डी खिलाड़ी भी थे। हिमाचल की लोकगीतों को आवाज़ देने वाले तिलक ने कई हिट गानों का निर्माण किया था। उनके रूप में भारत ने एक वीर जवान ही नहीं बल्कि हिमाचल ने एक लोकगायक को भी खो दिया।
तिलक परिवार ने माँग की है कि बड़े होने पर उनके बेटे को सरकारी नौकरी दी जाए। वहीं डलहौजी पब्लिक स्कूल ने फ़ैसला लिया है कि तिलक राज के बच्चों की पढ़ाई-लिखाई वहाँ होती है तो सारा ख़र्च स्कूल ही वहन करेगा। स्कूल ने कहा कि अगर परिजन चाहते हैं तो बच्चों को पूरे सम्मान के साथ विद्यालय में दाख़िल किया जाएगा और उनके हॉस्टल का ख़र्च भी स्कूल ही वहन करेगा।
आज प्रातः शहीद तिलक राज भाई के घर पर
— Er.Naresh Kanwar @BJP4india (@kanwar_er) February 16, 2019
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तिलक राज के परिवार में कुल पाँच लोग भारतीय सुरक्षा बलों में सेवाएँ दे रहे हैं। चचेरे भाइयों में सबसे बड़े शहीद तिलक साल 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनके बाद में उनके अन्य भाई भी सेना और अर्धसेना बल में चले गए। तिलक के भाई तेज सिंह भारतीय सेना की डोगरा रेजिमेंट में हैं। राकेश कुमार, रविंद्र कुमार और केवल आईटीबीपी में सेवाएँ दे रहे हैं। इसके अलावा शहीद तिलक का साला भी सीआरपीएफ में है।
तिलक राज के गाँव पहुँचे मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गाँव के स्कूल का नाम का नाम तिलक राज की याद में रखने की घोषणा की। साथ ही, उन्होंने स्कूल को अपग्रेड कर उनका दर्जा मिडिल स्कूल से है स्कूल कर दिया। मुख्यमंत्री ने परिजनों को ₹20 लाख की सहायता देने की भी घोषणा की।
कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले में कांगड़ा, हिमाचल प्रदेश के वीर सपूत शहीद तिलक राज जी ने वीरगति प्राप्त की ।
— Jagat Prakash Nadda (@JPNadda) February 16, 2019
आज उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और उनके परिजनों से मिलकर उनको ढांढस बंधाया।
इस हमले के लिए ज़िम्मेदार लोगों को एक एक शहादत का हिसाब देना पड़ेगा। pic.twitter.com/mAbbZBURb9
तिलक राज के बलिदान पर पूरे हिमाचल प्रदेश में शोक की लहार है और लोग सरकार से बदले की माँग कर रहे हैं। उनके अंतिम संस्कार में ‘अमर जवान’ से लेकर ‘पाकिस्तान मुर्दाबाद’ तक कई नारे लगे।