गुजरात के द्वारका में अतिक्रमण के खिलाफ प्रशासन की कार्रवाई जारी है। लाखों वर्ग मीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया जा रहा है। अतिक्रमण विरोधी अभियान के बीच सैकड़ों की संख्या में मछुआरे गुजरात के गिर-सोमनाथ जिले के मुल द्वारका बंदरगाह के गाँवों में अवैध रूप से प्रवेश कर रहे हैं। खबरों के अनुसार करीब 200 नावों के साथ 1000 से अधिक लोग अवैध रूप से तटीय गाँवों में दाखिल हुए हैं। इनके अवैध रूप से गाँवों में दाखिल होने से स्थानीय लोगों को इलाके की शांति भंग होने का डर सता रहा है।
द्वारका जिले में पिछले कुछ दिनों में कई स्थानों पर बुलडोजर चलाकर लाखों वर्ग मीटर जमीन को अवैध कब्जे से मुक्त कराया गया है। गुजरात सरकार द्वारा गिर-सोमनाथ, द्वारका के कल्याणपुर और तटीय इलाकों में बनाए गए अवैध घरों को गिरा दिया गया है। इसके लिए एक महीने पहले ही अल्टीमेटम दे दिया गया था। इस कार्रवाई के बाद हजारों मछुआरे अवैध रूप से गिर-सोमनाथ के मुल द्वारका बंदरगाह के आसपास के गाँवों के पास डेरा डालने लगे हैं।
मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि करीब 200 नावों और 1 हजार मछुआरों के मुल द्वारका बंदरगाह के पास पहुँचने से आसपास के गाँवों में भय का वातावरण बनने लगा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि अवैध रूप से इलाके में पहुँचे लोगों को यहाँ रहने की अनुमति नहीं दी जा सकती। ग्रामीणों का कहना है कि अवैध रूप से डेरा डाले ये लोग इतने ढीठ हैं कि हल्की बातचीत भी बड़े विवाद का कारण बन सकती है। स्थानीय लोगों ने सरकार से अपील की है कि बाहरी लोगों को यहाँ से हटाया जाए।
एक स्थानीय नेता ने जानकारी दी कि प्रशासन द्वारा अवैध कब्जों पर कार्रवाई के बाद बेट द्वारका, नौदरा, मियाना और हर्षद जैसे इलाकों से लोग कोडिनार के मुल द्वारका पहुँचने लगे हैं। हफ्ते भर से वे लोग यहाँ पहुँच रहे हैं। रात के वक्त अवैध रूप से अपने रहने के लिए घरों का निर्माण कर रहे हैं। स्थानीय लोगों ने पुलिस और प्रशासन से मामले में दखल देने की अपील की है। उनका कहना है कि यदि समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो माहौल खराब हो सकता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया तो वे विरोध-प्रदर्शन भी करेंगे।