साल 2020 में हुए हिंदू विरोधी दिल्ली दंगों (Delhi Riots 2020) के दौरान दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल की हत्या करने के अपराध में एक महिला को गिरफ्तार किया गया है। यह महिला गिरफ्तारी से बचने के लिए पिछले ढाई सालों से वेश बदलकर छिप रही थी।
इस महिला पर दिल्ली पुलिस ने 50,000 रुपए का ईनाम भी घोषित किया था। 27 वर्षीय यह महिला अपराधी दिल्ली के भजनपुरा स्थित सुभाष मोहल्ला की रहने वाली है। इसे गुरुवार (13 अक्टूबर 2022) की शाम करीब 05:30 बजे नोएडा के सेक्टर-63 स्थित कॉगेंट बिल्डिंग के इलाके से गिरफ्तार किया गया।
कॉन्स्टेबल की हत्या और उस मामले में उसे आरोपित बनाए जाने के बाद वह महिला अपने घर से भाग गई। पुलिस को चकमा देने के लिए वह अलग-अलग इलाके के किराए के मकानों में रह रही थी।
इस दौरान एक व्यक्ति से निकाह भी किया। उस शख्स ने आरोपित महिला के लिए नोएडा की एक कंपनी में कस्टमर केयर एक्जीक्यूटिव की नौकरी की व्यवस्था की थी। नौकरी के दौरान वह अपने परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों से लगातार संपर्क में थी। इसके लिए वह कंपनी के कस्टमर केयर नंबर का इस्तेमाल करती थी।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (DCP) संजय कुमार सैनी ने बताया कि इस महिला को गिरफ्तार करने के लिए एक स्पेशल टीम बनाई गई थी। ऑपरेशन विंग दंगों के दौरान हत्या के मामले में फरार आरोपियों की तलाश में जुटी थी।
A woman, who had been on the run in connection with the murder case of #DelhiPolice Head Constable Ratan Lal, who was killed while pacifying North East Delhi's rioters, had been arrested from #Noida.@DelhiPolice pic.twitter.com/qlCj7mItlw
— IANS (@ians_india) October 14, 2022
महिला की तलाश में दिल्ली पुलिस की टीम उसके रिश्तेदारों पर भी नजर रख रही थी। इसी बीच उसका एक करीबी रिश्तेदार अपने मोबाइल से नोएडा वाली कंपनी के कस्टमर केयर नंबर पर बार-बार कॉल करता था। पुलिस ने जब उसकी CDR खंगाली तो उसे संदेह हुआ और इस आधार पर महिला को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान महिला ने अपना अपराध कबूल कर लिया है। उसने बताया कि फरवरी 2020 में दंगों के दौरान वह CAA-NRC के विरोध प्रदर्शनों में सक्रिय रूप से शामिल थी। वहीं, लापता होने के बाद दिल्ली पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया था।
बता देें कि दिल्ली दंगों के दौरान मुख्य वजीराबाद रोड स्थित चाँद बाग में ड्यूटी के दौरान इस्लामी कट्टरपंथियों की भीड़ ने रतन लाल को पीट-पीट कर मार डाला था। रतन लाल के अलावा इस हमले में शाहदरा के तत्कालीन DCP अमित शर्मा और गोकुलपुरी के तत्कालीन ACP अनुज कुमार को भी गंभीर चोटें आई थीं। इनके साथ ही 50 अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे।
गौरतलब है कि 42 वर्षीय रतन लाल राजस्थान के सीकर जिले के फतेहपुर तिहवाली गाँव के निवासी थे। वे साल 1998 में दिल्ली पुलिस में कॉन्स्टेबल पद पर बहाल हुए थे और गोकुलपुरी पुलिस स्टेशन में तैनात थे। वे अपने परिवार के साथ दिल्ली के बुराड़ी इलाके में रहते थे।