राजस्थान के उदयपुर जिले में उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर ब्लास्ट कर बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रची गई थी। ग्रामीणों की जागरूकता से बड़ा हादसा टल गया। शनिवार (12 नवंबर 2022) को पुल पर हुए ब्लास्ट से रेलवे ट्रैक (पटरियों) पर क्रैक आ गया था। हालाँकि, अब इसे रिपेयर कर एक बार फिर ट्रेनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। राजस्थान पुलिस समेत एटीएस, एनआईए व अन्य जाँच एजेंसियाँ आतंकी एंगल से भी घटना की जाँच कर रही हैं।
#BreakingNow: उदयपुर रेल ट्रैक उड़ाने के केस में बड़ा खुलासा.. धमाके में 3 किलो डायनामाइट का इस्तेमाल हुआ, शनिवार शाम साढ़े 7 बजे हुआ था धमाका
— Times Now Navbharat (@TNNavbharat) November 14, 2022
ज्यादा जानकारी दे रहे हैं संवाददाता @bhanwarpushpen2@PreetiNegi_ @NAINAYADAV_06 #Udaipur #Rajasthan pic.twitter.com/nQwXacgFVS
‘टाइम्स नाउ नवभारत’ ने एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा है कि रेलवे पुल को उड़ाने के लिए करीब 3 किलो डायनामाइट का उपयोग किया था। वहीं, जाँच एजेंसियों को मौके से सुपरपावर 90 (Superpower 90) नामक डेटोनेटर के कुछ पैकेट हैं जिसके बाद कहा जा रहा है इसमें ‘सुपरपावर 90’ का उपयोग विस्फोटक के रूप में किया गया था।
इस मामले में जावर माइंस थानाधिकारी अनिल विश्नाई का कहना है कि रेलवे ट्रैक उड़ाने के लिए माइनिंग ब्लास्ट में काम आने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है। यहाँ देसी विस्फोटक सामग्री मिली है। पुलिस हर एंगल से जाँच कर रही है। उदयपुर एसपी का कहना है कि घटना की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि पूरी तरह से प्लानिंग करके ब्लास्ट किया गया है।
Raj | A team of NSG arrives at the spot where a railway track was attempted to be damaged using a detonator, b/w Zawar-Kharwa Chanda in Udaipur-Himmatnagar section under Ajmer division y’day.
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) November 14, 2022
Track was declared fit earlier today after ATS team gave site clearance to NW Railway. pic.twitter.com/IkAGrvK4MQ
चूँकि शुरुआती जाँच में यह सामने आया है कि पूरी घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है, इसलिए एटीएस एनआईए और एनएसजी जैसी जाँच एजेंसियों को भी मौके पर पहुँचना पड़ा। क्षतिग्रस्त हुए ट्रैक की मरम्मत के बाद एटीएस (आतंकवाद निरोधी टीम) ने जाँच करने के बाद ट्रैक को फिट घोषित किया गया है। इसके बाद इस ट्रैक में फिर से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने आतंकवादी गतिविधियों में साजिश रचने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में कहा गया है कि आम लोगों के बीच आतंक पैदा करके देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के प्रयास में ट्रैक पर विस्फोटक लगाए गए थे।
Rajasthan | Rail track started functioning from Oct 31. Such an incident creates fear among people while also questioning law & order situation. There’s intelligence failue in state. CM should be accountable. Policing should be stringent: State BJP president Satish Poonia (13.11) pic.twitter.com/yFxn04WjVo
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) November 13, 2022
इस घटना पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “31 अक्टूबर से रेल ट्रैक ने काम करना शुरू कर दिया था। इस तरह की घटना से लोगों में डर पैदा होता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठते हैं। राज्य में इंटेलिजेंस फेल है। सीएम को जवाबदेह होना चाहिए।” बता दें कि यह घटना उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर ओढ़ा रेलवे पुल की है। शनिवार (12 नवंबर, 2022) की रात करीब 10 बजे धमाके की आवाज सुनने के बाद स्थानीय युवा मौके पर पहुँच गए।
लोगों ने देखा कि रेलवे ट्रैक पर बारूद बिखरा हुआ है और पटरियाँ टूट गईं हैं। यही नहीं, रेलवे लाइन के नट-बोल्ट पर खोल दिए गए थे। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई मिली। रेलवे ट्रैक की हालत देखकर ग्रामीण यह समझ गए थे कि यदि इस ट्रैक पर कोई ट्रेन आती है तो हादसा हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी।
उल्लेखनीय है कि उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2022 को हरी झंडी दिखाकर की थी। इस ट्रैक के लिए 6 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था। पहले यहाँ मीटर गेज (छोटी लाइन) थी, जिसे हटाकर ब्रॉड गेज में तब्दील किया गया है। इसके लिए 1700 करोड़ रुपए खर्च किए गए।