Tuesday, November 19, 2024
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PM मोदी ने किया ₹1700 करोड़ के जिस पुल का उद्घाटन, उसे उड़ाने की गहरी साजिश: ग्रामीणों की जागरूकता से टला बड़ा हादसा, 3 kg डायनामाइट का इस्तेमाल

रेलवे ट्रैक की हालत देखकर ग्रामीण यह समझ गए थे कि यदि इस ट्रैक पर कोई ट्रेन आती है तो हादसा हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी।

राजस्थान के उदयपुर जिले में उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर बने पुल पर ब्लास्ट कर बड़ी घटना को अंजाम देने की साजिश रची गई थी। ग्रामीणों की जागरूकता से बड़ा हादसा टल गया। शनिवार (12 नवंबर 2022) को पुल पर हुए ब्लास्ट से रेलवे ट्रैक (पटरियों) पर क्रैक आ गया था। हालाँकि, अब इसे रिपेयर कर एक बार फिर ट्रेनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। राजस्थान पुलिस समेत एटीएस, एनआईए व अन्य जाँच एजेंसियाँ आतंकी एंगल से भी घटना की जाँच कर रही हैं।

टाइम्स नाउ नवभारत’ ने एक रिपोर्ट में पुलिस के हवाले से कहा है कि रेलवे पुल को उड़ाने के लिए करीब 3 किलो डायनामाइट का उपयोग किया था। वहीं, जाँच एजेंसियों को मौके से सुपरपावर 90 (Superpower 90) नामक डेटोनेटर के कुछ पैकेट हैं जिसके बाद कहा जा रहा है इसमें ‘सुपरपावर 90’ का उपयोग विस्फोटक के रूप में किया गया था।

इस मामले में जावर माइंस थानाधिकारी अनिल विश्नाई का कहना है कि रेलवे ट्रैक उड़ाने के लिए माइनिंग ब्लास्ट में काम आने वाली सामग्री का उपयोग किया गया है। यहाँ देसी विस्फोटक सामग्री मिली है। पुलिस हर एंगल से जाँच कर रही है। उदयपुर एसपी का कहना है कि घटना की स्थिति को देखकर ऐसा लगता है कि पूरी तरह से प्लानिंग करके ब्लास्ट किया गया है।

चूँकि शुरुआती जाँच में यह सामने आया है कि पूरी घटना को योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया है, इसलिए एटीएस एनआईए और एनएसजी जैसी जाँच एजेंसियों को भी मौके पर पहुँचना पड़ा। क्षतिग्रस्त हुए ट्रैक की मरम्मत के बाद एटीएस (आतंकवाद निरोधी टीम) ने जाँच करने के बाद ट्रैक को फिट घोषित किया गया है। इसके बाद इस ट्रैक में फिर से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है। इस मामले में राजस्थान पुलिस ने आतंकवादी गतिविधियों में साजिश रचने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। एफआईआर में कहा गया है कि आम लोगों के बीच आतंक पैदा करके देश की सुरक्षा को खतरे में डालने के प्रयास में ट्रैक पर विस्फोटक लगाए गए थे।

इस घटना पर भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “31 अक्टूबर से रेल ट्रैक ने काम करना शुरू कर दिया था। इस तरह की घटना से लोगों में डर पैदा होता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर भी सवाल उठते हैं। राज्य में इंटेलिजेंस फेल है। सीएम को जवाबदेह होना चाहिए।” बता दें कि यह घटना उदयपुर से करीब 35 किलोमीटर दूर ओढ़ा रेलवे पु​ल की है। शनिवार (12 नवंबर, 2022) की रात करीब 10 बजे धमाके की आवाज सुनने के बाद स्थानीय युवा मौके पर पहुँच गए।

लोगों ने देखा कि रेलवे ट्रैक पर बारूद बिखरा हुआ है और पटरियाँ टूट गईं हैं। यही नहीं, रेलवे लाइन के नट-बोल्ट पर खोल दिए गए थे। ट्रैक पर लोहे की पतली चादर भी उखड़ी हुई मिली। रेलवे ट्रैक की हालत देखकर ग्रामीण यह समझ गए थे कि यदि इस ट्रैक पर कोई ट्रेन आती है तो हादसा हो जाएगा। ऐसे में उन्होंने स्थानीय प्रशासन को सूचना दी, जिसके बाद ट्रैक पर ट्रेनों की आवाजाही पर रोक लगाई गई थी।

उल्लेखनीय है कि उदयपुर-अहमदाबाद ट्रेन की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 अक्टूबर, 2022 को हरी झंडी दिखाकर की थी। इस ट्रैक के लिए 6 साल लंबा इंतजार करना पड़ा था। पहले यहाँ मीटर गेज (छोटी लाइन) थी, जिसे हटाकर ब्रॉड गेज में तब्दील किया गया है। इसके लिए 1700 करोड़ रुपए खर्च किए गए।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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