पिछले कुछ समय से ऐसा माना जाने लगा था कि चुनाव लड़ना सिर्फ़ अमीरों तक ही सीमित रह गया है लेकिन 2019 चुनावी नतीजों में कुछ ऐसा देखने को मिला जिससे ये धारणा खारिज होती दिख रही है। आँध्र प्रदेश में वाईएसआर कॉन्ग्रेस पार्टी के 22 सासंदों में से किसान, सर्किल इंस्पेक्टर, फिजिकल एजुकेशन टीचर और ग्रुप 1 ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं। इन्हीं जीते हुए सांसदों में एक नाम नंदीगम सुरेश का भी है। बापटला लोकसभा क्षेत्र से चुने गए नए सांसद नंदीगम सुरेश बीपीएल कार्ड धारक हैं जो अमरावती क्षेत्र उड्डानडरायुनीपालेम गाँव में केले की खेती करते हैं।
#YsJagan Made A BPL Card Holder As A Member Of Parliament ( MP ) ?? https://t.co/4BgxLGnDNP
— JaganArmy® (@JaganArmy) May 27, 2019
नवभारत टाइम्स में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक सुरेश संयुक्त परिवार से आते हैं। उनके परिवार के पास केवल 2 एकड़ जमीन है जो उनकी आजीविका का साधन है। सुरेश पार्ट टाइम फोटोग्राफर के रूप में काम करते हैं और अपने परिवार का सहयोग भी करते हैं।
Inspiring, Meet Below Poverty Line ( BPL) card holder MP Nandigam Suresh from AP.
— Milind Khandekar (@milindkhandekar) May 27, 2019
Suresh cultivates bananas in Uddandarayunipalem, a village in the Amaravati region. His family owns 2 acres in the village where the joint family ekes out a livelihood. https://t.co/evNWFNc1fC
साल 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद सुरेश जगमोहन रेड्डी (वाईएस राजशेखर रेड्डी के बेटे) के समर्थक बन गए थे। जब जगन ने वाईएसआर कॉन्ग्रेस का गठन किया तो सुरेश को यूथ विंग का नेता बनाया गया। इसके बाद पिछले वर्ष जगन ने सुरेश को बापटला लोकसभा क्षेत्र का इंचार्ज बना दिया।हालाँकि हिंदी और अंग्रेजी न जानने के कारण उन्होंने जगनमोहन से आग्रह किया कि उन्हें ये पोस्ट न दी जाए लेकिन फिर भी जगन को इंचार्ज बनाए रखा और उन्हें क्षेत्र से उम्मीदवार बना दिया।
सुरेश बताते हैं, “जगन अन्ना ने मुझसे हाथ जोड़कर लोगों से मिलने के लिए कहा और विधानसभा के उम्मीदवारों के साथ सहयोग रखने की सलाह दी। बाकी जो हुआ वह इतिहास है।” बता दें सुरेश ने पूर्व आईटी कमिश्नर और टीडीपी सांसद माल्याद्री श्रीराम को लोकसभा चुनाव में करारी हार का मुँह दिखाया।