केरल में RSS कार्यकर्ता की दिन-दहाड़े हत्या केस में एक और गिरफ्तारी, 6 अभी भी फरार: परिजनों ने कहा- पुलिस कर रही लापरवाही, NIA करे जाँच

ए संजीत की हत्या मामले में अब तक दो गिरफ्तार (साभार: इंडिया टुडे)

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के कार्यकर्ता ए संजीत की निर्मम हत्या के मामले में केरल पुलिस ने हाल ही में PFI के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया था। अब इस मामले में एक अन्य आरोपित को गिरफ्तार किया गया है। इसके पहले, मृतक के परिवार वालों ने इस हत्याकांड की जाँच में देरी पर नाराजगी जताई थी और अब मामले की जाँच NIA से कराने की माँग की है।

टाइम्स नाऊ की रिपोर्ट के मुताबिक, संजीत के परिजनों ने आरोप लगाया कि बेरहमी से की गई इस हत्या को अंजाम देने में 8 आरोपित शामिल थे, लेकिन अभी तक केवल दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस संगीन अपराध को अंजाम देने वाले 6 आरोपित अभी भी फरार हैं। इस क्राइम में 3 लोग सीधे तौर पर शामिल थे, जबकि बाकी के 5 लोगों ने फंडिंग और हथियारों की सप्लाई की थी।

संजीत के भाई सरत ने आरोप लगाया, “हम सिर्फ यही कह सकते हैं कि पुलिस सही तरीके से जाँच नहीं कर रही है। वो केवल इस घटना में शामिल लोगों पर ही कार्रवाई कर रही है, जबकि बाकी लोगों से पूछताछ नहीं कर रही है। कोई भी घटना हो, यहाँ के लोगों की जानकारी के बिना कभी नहीं हो सकती।”

उन्होंने आगे कहा, “ये लोग बाहरी लोग हैं या कोई और, हमें इसकी जानकारी नहीं है। 2 लोगों को गिरफ्तार किया गया है सिवाय कोई अपडेट नहीं है। 1.5 साल पहले संजीत के सामने उसके साथ एक घटना घटी थी। इसके बाद 2-3 बार संजीत पर भी हमला हुआ। 1.5 साल पहले उसके हाथ में चोट लग गई थी।” बहरहाल, पीड़ित परिवार ने इस मामले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) से जाँच कराने की माँग की है।

RSS कार्यकर्ता ए संजीत की बेरहमी से हत्या

15 नवंबर को केरल के एलाप्पल्ली के रहने वाले RSS कार्यकर्ता ए संजीत की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) के गुंडों ने हत्या कर दी थी। घटना पलक्कड़ जिले के एलापल्ली में सुबह साढ़े नौ बजे हुई। संजीत सोमवार (नवंबर 15, 2021) की सुबह करीब 9 बजे अपनी पत्नी के साथ बाइक पर कहीं जाने के लिए बाहर निकले थे, तभी उन पर हमला हुआ। हमलावर एक कार में आए थे।

आरोपितों ने पहले संजीत की बाइक रुकवाई और उनकी पत्नी के सामने ही उन पर हमले कर दिए। गंभीर रूप से घायल अवस्था में संजीत को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। 18 नवंबर को पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल की गई खून से सनी तलवारों को बरामद किया था। इसके बाद 22 नवंबर को पुलिस ने मामले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के एक पदाधिकारी को गिरफ्तार किया था। हालाँकि, पुलिस ने उसकी पहचान जाहिर नहीं की है, लेकिन जिला पुलिस प्रमुख आर विश्वनाथ ने पलक्कड़ में मीडियाकर्मियों को बताया कि PFI का गिरफ्तार सदस्य सीधे तौर पर हत्या में शामिल था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया