Sunday, November 17, 2024
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बिलकुल शुद्ध है पटना महावीर मंदिर का ‘नैवेद्यम’ प्रसाद, हर 3 महीने में होती है जाँच: तिरुपति विवाद के बाद आचार्य कुणाल किशोर का बयान, प्रमाण पत्र भी दिखाए

महावीर मंदिर में हर महीने लगभग 1.25 लाख किलो नैवेद्यम की खपत होती है, जिससे मिलने वाली आय का उपयोग गरीब मरीजों की सेवा में किया जाता है। आचार्य किशोर ने भक्तों को शुद्धता और स्वच्छता के प्रति आश्वस्त किया है।

तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में आपत्तिजनक वस्तुओं की मिलावट की खबरों ने पूरे देश में आस्था से जुड़े लोगों में हड़कंप मचा दिया है। इस विवाद के बीच, पटना के महावीर मंदिर ने अपने प्रसाद ‘नैवेद्यम’ की शुद्धता पर जोर देते हुए बयान जारी किया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने स्पष्ट किया कि महावीर मंदिर का नैवेद्यम प्रसाद पूरी तरह से शुद्ध और स्वच्छ है।

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि महावीर मंदिर में नैवेद्यम गाय के शुद्ध घी से तैयार किया जाता है, जो कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के ‘नंदिनी’ ब्रांड से आता है। उन्होंने कहा, “नैवेद्यम की गुणवत्ता की हर तीन महीने में जाँच होती है और कर्नाटक मिल्क फेडरेशन से हर खेप की गुणवत्ता रिपोर्ट प्राप्त की जाती है।”

प्रसाद कैसे तैयार होता है?

नैवेद्यम को तैयार करने की प्रक्रिया में पूर्ण स्वच्छता और शुद्धता का पालन किया जाता है। पहले चना दाल से बेसन तैयार किया जाता है, जिसे शुद्ध घी में पकाकर बूंदी बनाई जाती है। इसमें काजू, किशमिश और इलायची का सही अनुपात में मिश्रण कर लड्डू तैयार किए जाते हैं। यह पूरी प्रक्रिया मशीनों के जरिए होती है, जिससे किसी भी प्रकार के हाथों के सीधे संपर्क की गुंजाइश नहीं रहती।

आचार्य किशोर कुणाल ने यह भी बताया कि महावीर मंदिर में नैवेद्यम हर दिन तिरुपति के लगभग 100 दक्ष कारीगरों द्वारा ब्रह्म मुहूर्त में स्नान और पूजा के बाद तैयार किया जाता है। नैवेद्यम की माँग दिन-ब-दिन बढ़ रही है और इससे प्राप्त आय का उपयोग महावीर कैंसर संस्थान समेत सात अस्पतालों में गरीब मरीजों की सेवा में किया जाता है।

महावीर मंदिर के प्रसाद नैवेद्यम को भारत सरकार के ‘भोग’ सर्टिफिकेट से मान्यता प्राप्त है। यह सर्टिफिकेट पूजा स्थलों की स्वच्छता और शुद्धता की गारंटी देता है, जो खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत आता है। आचार्य किशोर कुणाल ने यह भी बताया कि तिरुपति के बाद सबसे ज्यादा लड्डू की बिक्री महावीर मंदिर के नैवेद्यम की होती है। यहां हर महीने लगभग 1.25 लाख किलो लड्डू की खपत होती है, जिसके लिए 15 हजार किलो शुद्ध घी का उपयोग किया जाता है।

उन्होंने कहा, “बाजार में शुद्ध घी के बहुत सारे ब्रांड हैं, लेकिन गाय के दूध से तैयार होने और एकदम शुद्ध होने के कारण कर्नाटक मिल्क फेडरेशन के नंदिनी घी का ही इस्तेमाल महावीर मंदिर में किया जा रहा है। यहाँ प्रसाद बनता है तो उसमें मिलाने के लिए इस्तेमाल होने वाले पानी की भी हर 3 महीने में जाँच होती है।”

आचार्य किशोर कुणाल कौन हैं?

आचार्य किशोर कुणाल एक प्रतिष्ठित धर्माचार्य और महावीर मंदिर न्यास के सचिव हैं। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (IPS) से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर धार्मिक और सामाजिक सेवा की दिशा में काम किया। उनके नेतृत्व में महावीर मंदिर ने कई धार्मिक और सामाजिक कार्यों को अंजाम दिया है। वो भारत सरकार द्वारा बनाई गई अयोध्या सेल के भी सदस्य रहे हैं, साथ ही अयोध्या विवाद के समय ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी के पद पर भी तैनात रहे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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