उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध हालात में मौत हो गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महंत का शव बाघमबरी मठ में सोमवार (20 सितंबर 2021) को फाँसी के फंदे से लटकता मिला। हालाँकि, अभी तक यह हत्या है या आत्महत्या इसका खुलासा नहीं हो पाया है।
सूचना पाकर मौके पर पहुँचे आईजी केपी सिंह सहित तमाम आला अधिकारी मामले की जाँच में जुट गए हैं। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है। महंत के निधन के बाद से साधु संतों में शोक की लहर है और पूरे इलाके में तनाव फैल गया है। महंत नरेंद्र गिरी के शिष्य आनंद गिरि ने कहा कि उनकी हत्या षडयंत्र के तहत की गई है। वहीं, साधु संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएँ आनी शुरू हो गई हैं।
पत्रकार नरेंद्र नाथ मिश्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, ”नरेन्द्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी ने कहा है कि उनकी मौत आत्महत्या नहीं हत्या है। टीवी रिपोर्ट के अनुसार नरेन्द्र गिरि का सुसाइड नोट बरामद किया गया है। इसमें उन्होंने अपने ही करीबियों पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने करने का आरोप लगाया है।”
नरेन्द्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी ने कहा,उनकी मौत आत्महत्या नहीं हत्या है।
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) September 20, 2021
टीवी रिपोर्ट के अनुसार नरेन्द्र गिरि का सूयसायड नोट बरामद। मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप। अपने ही क़रीबियों पर लगाया आरोप
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) September 20, 2021
यूपी विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने महंत नरेंद्र गिरि के निधन पर शोक व्यक्त किया। वहीं, उनके समर्थकों का कहना है कि महंत नरेंद्र गिरी आत्महत्या नहीं कर सकते। इस मामले में सीबीआई जाँच की माँग भी की जा रही है।
बीते दिनों अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नाम से बने फर्जी अकाउंट से कई विवादित ट्विट किए गए थे। इसे लेकर नरेंद्र गिरी ने काफी आश्चर्य जताया था और उन्होंने दारागंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इससे पहले निरंजनी अखाड़े से निष्कासित योग गुरु आनंद गिरि और अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि के बीच मठ-मंदिरों की जमीनों को लेकर भी घमासान काफी सुर्खियों में रहा था। आनंद गिरि ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृहमंत्री को पत्र भेजकर अखाड़े के विवाद की जानकारी दी थी।
गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरी देश भर में अपने बयान से सुर्खियों में रहते थे। महंत ने कोरोना महामारी के चलते यूपी की योगी सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा पर रोक लगाने के फैसले का स्वागत किया था। गिरि ने बकरीद पर मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की थी कि कोरोना में वे मस्जिदों से ऐलान करें कि लोग अपने घरों में ही नमाज अदा करें। इसके अलावा उन्होंने मुनव्वर राना के बंगाल जाने वाले बयान पर उन्हें नसीहत दी थी। महंत नरेंद्र गिरि ने कहा था कि सूबे में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार है और बीजेपी की सरकार में पिछले साढ़े चार सालों में कोई दंगा भी नहीं हुआ है। योगी ही होंगे उत्तर प्रदेश के अगले सीएम, मुनव्वर राना बंगाल जा सकते हैं।