इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हाल में एक इम्तियाज अंसारी नाम के मुस्लिम शख्स की जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इम्तियाज पर आरोप है कि उसने हिंदू लड़की को हिंदू बनने का नाटक करके फँसाया और उसके बाद उसे इस्लाम में परिवर्तित कराने की कोशिश करने लगा।
लॉ बीट की रिपोर्ट के अनुसार, जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने अंसारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसपर लगे आरोपों की गंभीरता पर गौर किया। अंसारी के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 467, 468 और 471 में मामला दर्ज है। इसके अलावा अंसारी पर उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धारा 3/5(1) भी लगी है।
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से बताया गया कि बरेली के लाडपुर उस्मानपुर के इम्तियाज अंसारी ने कुमकुम नाम की लड़की के नाम पर फर्जी आवास प्रमाण बनवाया था और इसमें उसकी मदद गाँव की प्रधान नरगिस खातून और उसके पति तस्लीम ने की थी। दस्तावेजों में बताया गया था कि कुमकुम एक मुस्लिम महिला है और लाडपुर उस्मानपुर में रहती है जबकि पिता का नाम इम्तियाज अहमद है।
अभियोजन पक्ष ने जानकारी दी कि कुमकुम के बारे में लगाए गए दस्तावेज गलत थे। वह गोपाल नागर और सुषमा देवी की बेटी है जो सरिता विहार के राजस्थानी कैंप में रहती है। उसने दिल्ली के सरकारी स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की थी और फिर फैक्ट्री में काम करने लगी थी। इसी फैक्ट्री में इसकी मुलाकात अंसारी से हुई।
शुरू में अंसारी ने कुमकुम से अपनी पहचान छिपाई। वो अपने हाथ में कलावा बाँधकर उसे गुमराह करता था। जब कुमकुम पहली बार उस्मानपुर गई तब उसे अंसारी की हकीकत के बारे में पता चला और ये भी जानकारी हुई कि कैसे उसकी पहचान से खिलवाड़ किया जा रहा है। एडवोकेट जनरल ने इस दौरान कुमकुम को इस्लाम में परिवर्तन कराने की कोशिशों के बारे में भी बताया।
हाईकोर्ट ने अभियोजन पक्ष की दलीलों और लड़की द्वारा दर्ज कराए गए बयान पर गौर करते हुए अंसारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और माना कि अंसारी ने जिस तरह से लड़की का धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की वो धोखेबाजी में आता है।