इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रेप के लिए हिंदू देवी-देवताओं का संदर्भ देने वाले अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (Aligarh Muslim University- AMU) के निलंबित प्रोफेसर को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी है। साल 2022 में फोरेंसिक मेडिसन की क्लास में रेप पर लेक्चर देते हुए डॉक्टर जितेंद्र कुमार ने देवी-देवताओं का संदर्भ दिया तो माहौल गरमा गया था। इसके बाद AMU ने प्रोफेसर को निलंबित कर दिया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश विक्रम डी. चौहान की एकल पीठ ने प्रोफेसर जितेंद्र कुमार द्वारा दायर आपराधिक विविध अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया है। याचिका में जितेंद्र कुमार ने अलीगढ़ के सिविल लाइन्स थाने में IPC की धारा 153A, 295A, 298, 505(2) के तहत दर्ज FIR में अग्रिम जमानत देने की प्रार्थना की गई थी।
जितेंद्र कुमार के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि आवेदक के खिलाफ़ कक्षा में विद्यार्थियों को ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य में बलात्कार के विषय पर पढ़ाने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। आवेदक द्वारा कक्षा में व्याख्यान में धार्मिक अर्थ वाले कुछ उदाहरण भी दिए गए हैं। आवेदक विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर हैं। उनका किसी व्यक्ति की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने का इरादा नहीं था।
दरअसल, बलात्कार विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में शामिल विषयों में से एक है। बाबा साहब डॉ. अंबेडकर सम्पूर्ण वाङ्मय भाग-8 नामक पुस्तक के पृष्ठ 176 और 302 पर इसका संदर्भ दिया गया है। जितेंद्र कुमार ने कक्षा में पढ़ाई जा रही सामग्री के ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को प्रस्तुत करने के लिए गीता प्रेस, गोरखपुर द्वारा प्रकाशित ‘ब्रह्मवैवर्त पुराण’ के पृष्ठ 183 का भी हवाला दिया है।
आरोपित के वकील ने अदालत में यह भी तर्क दिया गया कि विश्वविद्यालय की फैक्ट फाइंडिंग में यह नहीं पाया गया कि उन्होंने हिंदू पौराणिक कथाओं का कोई जानबूझकर संदर्भ दिया है। वहीं, सरकारी वकील ने इसका विरोध किया और प्रस्तुत किया कि यद्यपि बलात्कार का विषय पाठ्यक्रम में था, लेकिन पाठ्यक्रम में किसी भी ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य का कोई संदर्भ नहीं था।
तमाम तर्कों को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई तक प्रोफेसर को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। कोर्ट ने कहा कि आवेदक की गिरफ्तारी की स्थिति में उसे निम्नलिखित शर्तों के साथ संबंधित न्यायालय की संतुष्टि के लिए 25,000 रुपए के व्यक्तिगत बांड और समान राशि के दो जमानतदार प्रस्तुत करने पर अंतरिम अग्रिम जमानत पर रिहा किया जाएगा। इसके साथ ये शर्तें भी लागू होंगी-
(i) आवेदक को आवश्यकतानुसार पुलिस थाने द्वारा पूछताछ के लिए बुलाए जाने पर स्वयं को उपलब्ध कराना होगा।
(ii) आवेदक मामले के तथ्यों से परिचित किसी भी व्यक्ति को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कोई प्रलोभन, धमकी या वादा नहीं करेगा, जिससे वह ऐसे तथ्यों को न्यायालय या किसी पुलिस कार्यालय को बताने से विमुख हो जाए।
(iii) आवेदक संबंधित न्यायालय की पूर्व अनुमति के बिना भारत नहीं छोड़ेगा।
(iv) आवेदक वर्तमान मामले के लंबित रहने के दौरान विश्वविद्यालय की शैक्षणिक परिषद द्वारा अनुमोदित किए जाने तक धार्मिक अर्थ वाले कोई ऐतिहासिक संदर्भ नहीं देगा।
(v) यदि आवेदक अपना आवासीय पता बदलता है, तो आवेदक को संबंधित न्यायालय/जांच अधिकारी को लिखित रूप में नए आवासीय पते के बारे में सूचित करना होगा।
बता दें कि डॉक्टर जितेंद्र कुमार AMU से संबद्ध जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर कार्यरत हैं। वह 5 अप्रैल 2022 को सेक्सुअल ऑफेंस पर लेक्चर दे रहे थे। इसी दौरान हिंदू पौराणिक घटनाओं का संदर्भ लेते हुए एक स्लाइड शो शेयर किया। इसमें उन्होंने ब्रह्मा, इंद्र और भगवान विष्णु के चरित्र पर सवाल उठाए थे।
लेक्चर के दौरान प्रोफेसर जितेंद्र ने कहा कि ब्रह्मा ने अपनी पुत्री के साथ रेप किया। इंद्र ने गौतम ऋषि को धोखा देते हुए उनकी पत्नी के साथ संबंध बनाए। दैत्यराज जलंधर की पत्नी के साथ विष्णु ने संबंध जोड़ा। लेक्चर के दौरान इन संदर्भों को देखकर विद्यार्थियों ने हंगामा शुरू कर दिया। टिप्पणी के बाद माहौल गरमाया तो जिंतेंद्र कुमार ने माफी माँग ली।
विश्वविद्यालय और मेडिकल कॉलेज ने भी डॉक्टर जितेंद्र कुमार के इस कारनामे की निंदा की थी। हालाँकि, हंगामे को देखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने डॉक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। विश्व हिंदू परिषद ने डॉक्टर जितेंद्र कुमार के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाने की माँग की थी।