भारत और चीन की सेना के बीच हुए सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन के प्रति अपना रवैया साफ़ कर दिया है। फिलहाल पूरे देश में चीन को लेकर नाराज़गी का माहौल है, जिसके बाद लोगों ने हर मोर्चे पर चीन का बहिष्कार करने का फैसला लिया। उत्पादों से शुरू हुए बहिष्कार की अगुवाई अब सरकार कर रही है। सरकार ने कुछ दिनों पहले चीन की 59 एप्लीकेशन पर प्रतिबंध लगा दिया था। विरोध की यह पहल सिर्फ इतने तक ख़त्म नहीं होती है, बहिष्कार की इस मुहिम से अब औद्योगिक घराने के लोग भी जुड़ चुके हैं।
जेएसडब्ल्यू सीमेंट के मैनेजिंग डायरेक्टर पार्थ जिंदल ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए गुस्सा जताया। ट्वीट में उन्होंने एलएसी में 20 भारतीय जवानों के मारे जाने वाली घटना पर भी गुस्सा जताया। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि चीनी सैनिकों का बिना कारण भारतीय सैनिकों पर किया गया हमला हमारी आँखें खोलने के लिए बहुत है।
चीन के इस कृत्य के बाद जेएसडब्ल्यू समूह इस बात की शपथ लेता है कि आने वाले 2 सालों में चीन से होने वाले $400 मिलियन आयात को पूरी तरह ख़त्म कर देगा। दरअसल, जेएसडब्ल्यू समूह सीमेंट बनाने के लिए चट्टान और धातुमल का आयात चीन से ही करता है जिसकी मदद से सीमेंट बनाई जाती है।
The unprovoked attack by the Chinese on Indian soil on our brave jawaans has been a huge wake up call and a clarion call for action – we @TheJSWGroup have a net import of $400mn from China annually and we pledge to bring this down to zero in the next 24 months #BoycottChina
— Parth Jindal (@ParthJindal11) July 2, 2020
इसके ठीक पहले चीन के मीडिया समूह ‘ग्लोबल टाइम्स’ के संपादक हू जिजिन (Hu Xijin) ने भारत सरकार के 59 चीनी एप्लीकेशंस पर प्रतिबंध लगाने के फैसले का ट्वीट करके मज़ाक उड़ाया था।
उन्होंने ट्वीट में कहा कि चीन के लोग भारतीय उत्पादों का बहिष्कार चाह कर भी नहीं कर सकते हैं क्योंकि बाज़ार में भारतीय उत्पाद मिलते ही नहीं है। फिर इसका जवाब देते हुए महिंद्रा समूह के मुखिया आनंद महिंद्रा ने कहा, “यह टिप्पणी भारतीय व्यावसायिक समूहों के लिए सबसे प्रभावी और प्रेरणात्मक कारण साबित हो सकता है। इस तरह से भड़काने के लिए शुक्रिया, यह हमारे लिए और कारगर साबित होगाl”
I suspect this comment might well be the most effective & motivating rallying cry that India Inc. has ever received. Thank you for the provocation. We will rise to the occasion…🙏🏽 https://t.co/LZbQhS8xVW
— anand mahindra (@anandmahindra) June 30, 2020
हाल ही में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन की कुल 59 एप्लीकेशंस पर पाबंदी लगाने का फैसला लिया था। जिसमें टिकटोक जैसी एप्लीकेशन भी शामिल थी। इसके अलावा भारतीय रेलवे ने भी चीन के साथ हुए 471 करोड़ रूपए का करार ख़त्म कर दिया था।
बीएसएनएल ने भी ऐलान किया था कि वह चीन को 4 जी सेवाएँ देने वाला अनुबंध भी रद्द कर देंगे। साथ ही दूरसंचार विभाग ने भी चीन की कंपनी हुआवे को 5जी स्पेक्ट्रम से बाहर रखने का फैसला किया है। इसके पहले केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी कहा था कि भारत में राष्ट्रीय राजमार्ग बनाने का ठेका चीनी कंपनी को नहीं दिया जाएगा।
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