Monday, November 18, 2024
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देश के युवाओं को तीन साल सेना में ट्रेनिंग देने की पहल का आनंद महिंद्रा ने किया समर्थन, कहा- फिर हम देंगे नौकरी

महिन्द्रा ने सेना को भेजे एक मेल में कहा कि मुझे हाल ही में भारतीय सेना के 'टूर ऑफ ड्यूटी' नाम के उस प्रस्ताव के बारे में मालूम हुआ जिसमें शारीरिक रूप से फिट युवा नागरिकों को सेना में 3 साल की सेवा देना आवश्यक होगा। मुझे लगता है ये बेहद अच्छा कदम होगा। ऐसे में इसके बाद महिंद्रा ग्रुप उन्हें नौकरी देने पर विचार करेगा।

भारतीय सेना द्वारा ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ प्लान को लेकर चल रही तैयारियों पर उद्योगपति आनंद महिन्द्रा ने अपना समर्थन दिया है। साथ ही इसे लेकर महिंद्रा ने सेना से बात भी की है। उन्होंने कहा कि उन्हें सेना में तीन साल की सेवा पूरी कर चुके युवाओं को अपने यहाँ नौकरी देने में खुशी होगी।

महिन्द्रा ने सेना को भेजे एक मेल में कहा कि मुझे हाल ही में भारतीय सेना के ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नाम के उस प्रस्ताव के बारे में मालूम हुआ जिसमें शारीरिक रूप से फिट युवा नागरिकों को सेना में 3 साल की सेवा देना आवश्यक होगा। मुझे लगता है ये बेहद अच्छा कदम होगा। ऐसे में इसके बाद महिंद्रा ग्रुप उन्हें नौकरी देने पर विचार करेगा।

दरअसल, हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक भारतीय सेना पिछले कई वर्षों से अधिकारियों की कमी का सामना कर रही है और जल्द से जल्द इसे दूर करना चाहती है। लघु सेवा आयोग ने पहले पाँच साल की न्यूनतम सेवा अवधि के साथ शुरू किया था, लेकिन फिर इसे और अधिक आकर्षक बनाने के लिए इसे 10 साल तक बढ़ा दिया गया था।

आपको बता दे टीओडी योजना, अधिकारियों के लिए लगभग 100 रिक्तियों और जवानों के लिए 1000 के साथ शुरू की जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम भारतीय सशस्त्र बलों के लिए प्रशिक्षण, वेतन और भत्ते के रूप में बड़ी लागत बचा सकता है। नए मॉडल के तहत शामिल होने वाले लोगों पर 80-85 लाख रुपए खर्च होंगे, जबकि शार्ट सर्विस कमीशन के एक अधिकारी पर 6 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो जाते हैं जो 14 वर्ष तक सेवा प्रदान करते हैं।

गौरतलब है कि भारतीय सेना ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ नामक प्रोग्राम लॉन्च करने की तैयारी में है। इसका मकसद आम लोगों को सेना में सेवा करने का मौका देना है। यदि इस प्रस्ताव पर मुहर लगती है तो आम लोग भी 3 साल तक सेना में काम कर सकेंगे।

बुधवार (13 मई 2020) को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि आम नागरिकों को सेना भर्ती करने का विचार तब आया जब उन्होंने कॉलेजों और विश्वविद्यालयों का दौरा करने पर पाया कि युवा सेना के जीवन का अनुभव करने के लिए हमेशा उत्सुक रहते है। उन्होंने कहा, “जब हमारे अधिकारियों ने कॉलेजों में युवाओं को संबोधित किया, तो यह महसूस किया कि विद्यार्थी सेना के जीवन का अनुभव करना चाहते हैं, लेकिन कैरियर के रूप में नहीं।”

सेना प्रमुख ने कहा कि इससे हमारे दिमाग में यह विचार आया कि क्यों न युवाओं को दो-तीन साल तक अपने देश की सेवा करने का अवसर दिया जाए। देश के बेस्ट टैलेंट को अपनी कुनबे में शामिल करने से भारत को अत्यधिक लाभ होगा। साथ ही यह समाज को भी अनुशासित और लाभान्वित करेगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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