Monday, November 18, 2024
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कहीं देवी-देवताओं की मूर्ति पर हथौड़े से वार, कहीं आग में जलता रथ: आंध्र प्रदेश में मंदिरों पर हुए हालिया हमले

21 जनवरी 2020 को उपद्रवियों ने पूर्वी गोदावरी जिले के पीथापुरम शहर में देवी-देवताओं की मूर्तियों और बैनरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। रिपोर्ट्स में बताया गया कि हमलवारों ने हथौड़ों का इस्तेमाल कर भगवान गणेश, हनुमान जी, साईबाबा, दुर्गा माता की मूर्ति को तोड़ा।

पिछले कुछ समय से लगातार आंध्र प्रदेश में हिंदू मंदिरों पर हमले की घटनाएँ सामने आ रही हैं। कहीं मूर्तियों को तोड़ा जा रहा है, तो कहीं रथों को आग में जलाकर राख किया जा रहा है। हम ऐसे 5 मामले लेकर आए हैं जिनमें आंध्र प्रदेश में हाल में मंदिरों को निशाना बनाया गया है।

चित्तूर में नंदी की मूर्ति तोड़ी

27 सितंबर 2020 यानी कल गंगाधारा नेल्लोर पुलिस स्टेशन को एक शिव मंदिर पर हमले की खबर मिली। यह घटना चित्तूर जिले के गंगाधारा नेल्लोर मंडल में अगारा मंगलम गाँव में घटी। रिपोर्टों के अनुसार, मंदिर में नंदी की मूर्ति को 26 और 27 सितंबर की रात कुछ बदमाशों ने तोड़ा। मूर्ति के टुकड़े पास रखी कुर्सी पर बिखरे हुए पाए गए। इस घटना की शिकायत होने के बाद पुलिस ने फिलहाल मामला दर्ज कर लिया है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि हमले के पीछे कौन था।

कृष्णा में काशी विश्वेश्वर स्वामी मंदिर पर हमला

चित्तूर से पहले 16 सितंबर को कुछ बदमाशों ने प्रदेश के कृष्णा जिले के मक्कापेटा गाँव में काशी विश्वेश्वर स्वामी मंदिर पर हमला किया था। रिपोर्टों के अनुसार, इस हमले में हमलावरों ने 12 वीं शताब्दी से मंदिर में स्थापित नंदी की मूर्ति के एक हिस्से को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस घटना के बारे में मंदिर के केयरटेकर को भी 17 सितंबर की सुबह पता चला, वो भी तब जब उन्होंने मंदिर में दर्शन के लिए दरवाजे खोले।

पुलिस ने इस घटना की सूचना पाते ही सीआरपीसी की धारा 427, 457 और 153 (ए) के तहत मामला दर्ज किया था और मामले में जाँच शुरू कर दी थी। इस मंदिर को लेकर मान्यता है कि काकतीय शासकों ने 12 वीं शताब्दी में मंदिर में वीरभद्र स्वामी की मूर्ति स्थापित की थी।

इसी घटना के एक दिन बाद येलश्वरम के एक मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति को तोड़ दिया गया था। वहीं विजयवाड़ा में कनक दुर्गा मंदिर के रथ से उच्च मूल्य की चाँदी की मूर्तियाँ चोरी हो गईं थी। उन मूर्तियों का वजन 3.3 किलोग्राम था।

अंतरवेदी में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर

6 सितंबर 2020 को अंतरवेदी में श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में एक सदी से भी पुराना रथ जलकर राख हो गया था। इस घटना पर कई लोगों ने संदेह जताया था कि रथ में लगी आग एक साजिश का परिणाम थी। हालाँकि, प्रदेश सरकार ने लोगों की नाराजगी देखने के बाद मंदिर के कार्यकारी अधिकारी (ईओ) को निलंबित कर दिया था। साथ ही नया रथ बनाने के लिए 95 लाख रुपए की मँजूरी दी थी। इस घटना के बाद वहाँ कुछ साम्प्रदायिक हिंसा के भी मामले आए थे। मंदिर से जुड़े लोगों ने आरोप लगाया था कि जब वे विरोध कर रहे थे, तब कुछ बाहरी लोगों ने पथराव किया जिससे तनाव पैदा हुआ।

नेल्लोर में श्री प्रसन्ना वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का रथ

14 फरवरी 2020 को नेल्लोर में श्री प्रसन्ना वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर के रथ को कुछ उपद्रवियों ने देर रात जलाया। मगर, तभी स्थानीय लोगों ने जलते रथ को देख लिया और अधिकारियों को तुरंत बुलाया। हालाँकि, फिर भी आग बुझाते-बुझाते रथ कोयले के टुकड़ों में बदल चुका था। इस मामले को भी शुरू में दुर्घटना बताने का प्रयास हुआ किंतु स्थानीय लोगों ने बात मानने से इनकार कर दिया। मामले के तूल पकड़ने पर जाँच शुरू हुई।

पूर्वी गोदावरी जिले में मूर्तियाँ क्षतिग्रस्त

21 जनवरी 2020 को कुछ उपद्रवियों ने पूर्वी गोदावरी जिले के पीथापुरम शहर में देवी-देवताओं की मूर्तियों और बैनरों को क्षतिग्रस्त कर दिया था। रिपोर्ट्स में बताया गया कि हमलवारों ने हथौड़ों का इस्तेमाल कर भगवान गणेश, हनुमान जी, साईबाबा, दुर्गा माता की मूर्ति को मंदिर में तोड़ा। यह मंदिर अग्रहरम के सुरवरपु सड़क (Suravarapu street ) पर खुले में बना था। इसके साथ हमलावरों ने भगवानों की तस्वीर वाले बैनर को भी नष्ट कर दिया था। पुलिस ने मामले की सूचना पाकर केस को दर्ज किया था और आस-पास के इलाकों से सीसीटीवी फुटेज एकत्र किए थे।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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