हाल ही में 26/11 आतंकवादी हमले की बरसी के मौके पर कर्नाटक के मेंगलुरु की दीवारों पर भयावह बातें लिखी (ग्राफिटी) हुई थीं। एक बार फिर मेंगलुरु में ठीक इसी तरह की घटना हुई है। जिसमें खुले तौर पर चेतावनी देकर हिंसा और कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस बार तैयार की गई ग्राफिटी में चेतावनी दी गई है कि जो व्यक्ति पैगंबर मोहम्मद के बारे में कुछ भी नकारात्मक कहेगा, उसका सिर शरीर से अलग कर दिया जाएगा।
Another graffiti in Mangalore. 1st they invited ‘LeT to deal with Sanghis’ and now ”Gusthak e Rasool ki ek hi Saza, Sar Tan se Juda’. pic.twitter.com/aBPPkkjPCQ
— Facts (@BefittingFacts) November 29, 2020
इस ग्राफिटी में लिखा है, “गुस्ताख़-ए- रसूल की एक ही सज़ा, सर तन से जुदा।” ग्राफिटी मेंगलुरु स्थित अदालत परिसर की पुरानी पुलिस चौकी की दीवार पर लिखी गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ यह ग्राफिटी संभावित तौर पर शनिवार (28 नवंबर 2020) को लिखी गई थी।
हाल ही में 2008 में हुए 26/11 के आतंकवादी हमलों की बरसी के मौके पर मेंगलुरु की दीवारों पर चेतावनी दी गई थी कि ‘संघी और मनुवादियों’ को ख़त्म करने के लिए लश्कर-ए-तैय्यबा और तालिबान की मदद ली जा सकती है।
ग्राफिटी में लिखा हुआ था, “हमें इस बात के लिए मजबूर नहीं किया जाए कि हमें संघियों और मनुवादियों का सामना करने के लिए लश्कर-ए-तैय्यबा और तालिबान की मदद लेनी पड़े।” दीवार के एक हिस्से में हैशटैग बना हुआ था, जिसमें लश्कर का समर्थन करते हुए ‘लश्कर जिंदाबाद’ लिखा था। पुलिस के मुताबिक़ यह ग्राफिटी 27 नवंबर की देर रात या सुबह के आस पास देखी गई थी।
संयोग की बात है कि ठीक इसी तरह के नारे तब भी लगा जा रहे थे जब पाकिस्तान के लोग फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विरोध में उतरे थे। तहरीक-ए-लब्बैक (TLP) के हज़ारों समर्थक फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के विरोध में रावलपिंडी की सड़कों पर उतरे थे। उनका विरोध इस मुद्दे पर था कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने पैगंबर मोहम्मद का कार्टून बनाने के अधिकार का बचाव किया था।