दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ नारेबाजी के आरोप के मामले में FIR दर्ज की है। ये विरोध प्रदर्शन रविवार (8 अगस्त, 2021) को हुआ था। पुलिस ने IPC (भारतीय दंड संहिता) की धारा-153A (विभिन्न समुदायों के बीच वैमनस्य को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया है। अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को ख़त्म करने की माँग करते हुए उक्त विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया गया था।
दिल्ली पुलिस का कहना है कि रैली निकालने के लिए आयोजकों ने पुलिस से अनुमति नहीं ली थी, इसीलिए पुलिस द्वारा FIR में IPC की धारा-188 (जानबूझ कर प्रशासन द्वारा जारी किए गए आदेश की अवहेलना करना) और कोरोना दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए आपदा प्रबन्धन अधिनियम, 2005 (DDMA Act) की धारा-51 भी लगाई गई है। इस रैली का आयोजन सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय ने किया था।
People who had gathered there had no permission. It has come to our notice that some people raised inciting & objectionable slogans. We also received a video. We've registered FIR&we're carrying out further investigation. Necessary action will be taken: DCP New Delhi Deepak Yadav pic.twitter.com/rHFLLuyGKA
— ANI (@ANI) August 9, 2021
अश्विनी उपाध्याय ने दिल्ली पुलिस को जानकारी दी है कि इस रैली में कुछ असामाजिक तत्व घुस गए थे, जिन्होंने इस कार्यक्रम को बदनाम करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि वो दोपहर 12:15 बजे ही कार्यक्रम स्थल से निकल गए थे। नई दिल्ली जिले के DCP दीपक यादव ने बताया कि मामला दर्ज करने के बाद जाँच की जा रही है। इस रैली में सैकड़ों लोग शामिल थे। मुस्लिम विरोधी नारेबाजी का भी आरोप है।
‘भारत जोड़ो आंदोलन’ की मीडिया प्रभारी शिप्रा श्रीवास्तव ने बताया कि ये विरोध प्रदर्शन अंग्रेजों के जमाने के उन कानूनों को लेकर था, जिनका इस्तेमाल कर के ब्रिटिश भारतीयों पर अत्याचार करते थे। उन्होंने कहा कि चूँकि ये कानून अभी भी मौजूद हैं, इसीलिए इस विरोध प्रदर्शन में ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ की माँग की गई, ताकि देश में सभी नागरिकों के लिए समान कानून हो। उन्होंने बताया कि उन्हें किसी भड़काऊ नारेबाजी की जानकारी नहीं है।
#भारत_जोड़ो_आंदोलन
— Ashwini Upadhyay (@AshwiniUpadhyay) August 9, 2021
प्रधानमंत्री जी से निवेदन है कि अंग्रेजी कानून समाप्त करें और समान शिक्षा समान चिकित्सा समान कर संहिता समान दंड संहिता समान श्रम संहिता समान पुलिस संहिता समान न्यायिक संहिता समान नागरिक संहिता समान धर्मस्थल संहिता समान जनसंख्या संहिता लागू करें🙏 @narendramodi pic.twitter.com/2yBChEj608
उन्होंने कहा कि जिस रैली में 5000 लोग थे, अगर वहाँ किसी कोने में 5-6 लोगों ने कुछ आपत्तिजनक नारेबाजी कर भी दी तो हम इससे खुद को अलग करते हैं। दिल्ली पुलिस का कहना है कि यहाँ और भी बड़ी संख्या में लोग आने वाले थे। अश्विनी उपाध्याय ने इससे खुद को अलग करते हुए दिल्ली पुलिस से निवेदन किया कि वो वीडियो के समय, जगह और प्रमाणिकता की जाँच करे। साथ ही उन्होंने वीडियो में आपत्तिजनक नारेबाजी कर रहे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की माँग की।
हालाँकि, अश्विनी उपाध्याय ने ये भी कहा कि जो लोग इस वीडियो को उनके नाम पर शेयर कर के फैला रहे हैं, उनके खिलाफ भी मानहानि का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। अश्विनी उपाध्याय दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता भी रहे हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखित शिकायत देकर मजहबी उन्माद फ़ैलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई का निवेदन किया है। उन्होंने कहा कि जब तक 1860 की IPC, 1861 का पुलिस एक्ट और 1872 का एविडेंस एक्ट लागू रहेगा, मजहबी उन्माद काबू में नहीं आएगा।
उन्होंने दिल्ली पुलिस को भेजे गए पत्र में लिखा है, “सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति उन्मादी भाषण दे रहा है। कुछ लोग मुझे बदनाम करने के लिए मेरा नाम लेकर यह वीडियो ट्विटर फेसबुक और व्हाट्सएप्प पर शेयर कर रहे हैं जबकि वीडियो में दिख रहे लोगों को न तो मैं जानता हूँ, न तो इनमें से किसी से मिला हूँ और न तो इन्हें बुलाया गया था। कानून बहुत ही घटिया और कमजोर है इसीलिए प्रसिद्धि पाने के लिए भी कई बार लोग उन्मादी वीडियो जारी करते हैं।”