उद्योगपति मुकेश अंबानी के मुंबई स्थित घर एंटीलिया के बाहर 20 जिलेटिन छड़ें रखी हुई स्कॉर्पियो कार बरामद हुई थी। इस गाड़ी के मालिक मनसुख हिरेन की कुछ ही दिनों बाद संदिग्ध अवस्था में लाश मिली। इस पूरे मामले की साजिश रचने के आरोप में सचिन वाजे को NIA ने गिरफ्तार किया। उन्हें सस्पेंड भी किया गया। स्पेशल NIA कोर्ट ने सचिन वाजे की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने अपने वकील से मिलने देने का अनुरोध किया था।
शुक्रवार (मार्च 19, 2021) को उनके वकील ने कोर्ट में कहा कि अभी जब जाँच महत्वपूर्ण चरण में है, सचिन वाजे के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन न करते हुए उन्हें उनके वकील से मिलने दिया जाए। अनुरोध किया गया कि वो आपने वकील से उस समय मिलेंगे, जब उनसे पूछताछ न हो रही हो। कोर्ट ने कहा कि पूछताछ के दौरान कुछ दूरी पर वकील को उपस्थित करने की अनुमति है। वाजे की बहन अनुराधा ने भी एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि मीडिया ट्रायल से परिवार को प्रताड़ित किया जा रहा है।
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक NIA को शक है कि इस पूरे प्रकरण की साजिश पुलिस मुख्यालय और असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर (API) सचिन वाजे के ठाणे स्थित घर पर रची गई थी। मनसुख हिरेन पुलिस मुख्यालय में पहले भी जाते-आते रहे थे। वहाँ से NIA को मिली एक वीडियो रिकॉर्डिंग में मनसुख हिरेन और सचिन वाजे को एक ही कार में जाते हुए देखा गया है। इसके सबूत मिले हैं कि मुकेश अम्बानी के घर के बाहर सचिन वाजे ने ही विस्फोटक लदी कार रखवाई थी।
जाँच में खुलासा हुआ है कि वाजे ही स्कॉर्पियो चला कर ले गए और उसे पार्क करने के बाद निकल कर इनोवा में बैठ कर फरार हुए। NIA ने सचिन वाजे के सिर पर साफा बाँध कर और उन्हें कुर्ता पहना कर पूरे दृश्य को रिक्रिएट किया। मौके पर आम लोगों को रोक कर डमी स्कॉर्पियो लाया गया। CCTV कैमरों को धोखा देने के लिए सचिन वाजे ने PPE किट की तरह दिख रहा कुर्ता-पायजामा पहन रखा था।
मुंबई पुलिस हेडक्वार्टर में स्थित CIU के दफ्तर में भी NIA ने छापेमारी की थी। महाराष्ट्र ATS को शक है कि मनसुख हिरेन की हत्या में सचिन वाजे शामिल हैं और वो पता लगा रही है कि 4-5 मार्च को आखिर हुआ क्या था। वहीं सचिन वाजे ने FIR को आधारहीन बता कर खुद को फँसाने का आरोप लगाते हुए याचिका में कहा था कि उस समय वो दक्षिण मुंबई के डोंगरी में थे। NIA ने 2 मर्सिडीज सहित 5 वाहन जब्त किए हैं।
Exclusive: More trouble for Sachin Vaze, NIA takes over Mansukh murder probe
— India TV (@indiatvnews) March 19, 2021
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DCP विजयकांत सागर ने बताया कि 2018 में 25 लाख रुपए के रंगदारी मामले में सचिन वाजे के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई थी। वसई पुलिस थाने के इस मामले में वाजे जमानत लेने में कामयाब रहे थे। पुलिस हिरासत में ख्वाजा यूनुस की मौत के बाद सचिन वाजे ने सबूत मिटाने में अनिल यादव और अमोल पाटिल की मदद की थी। वो यादव से गुजरात में मिले थे, जहाँ एक कार में सबूत मिटाए गए थे।
अब NIA उस पुलिस अधिकारी को खोज रही है, जिसका नाम मनसुख हिरेन की पत्नी विमला ने लिया है। उन्होंने बताया था कि किसी ‘तावड़े’ ने फोन कर उनके पति को बुलाया था। टेक्निकल और ह्यूमन इंटेलिजेंस की 20 टीमें जाँच में लगी हुई है। कंदवाली पुलिस थाने के हर कर्मचारी के डिटेल्स NIA ने लिए हैं। इस मामले की लीड सचिन वाजे से आगे बढ़ ही नहीं रही है क्योंकि ‘तावड़े’ नाम का कोई पुलिस अधिकारी उस थाने में मिला ही नहीं।
उधर सचिन वाजे को ‘बेहद ईमानदार और योग्य अधिकारी’ बता कर क्लीनचिट देने के बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने राष्ट्रीय जाँच एजेंसी पर संदेह जताया। उन्होंने कहा कि एनआईए केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रही है। शिवसेना नेता ने कहा कि जाँच एजेंसियों को ‘कुछ जिलेटिन की छड़ों’ के बजाय खतरनाक आतंकी गतिविधियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। राउत ने कहा कि वह सचिन वाजे के लिए जवाब नहीं दे सकते, लेकिन केवल जाँच एजेंसियाँ ही ऐसा कर सकती है।