रिपब्लिक टीवी के संस्थापक अर्नब गोस्वामी पर पिछले दिनों हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए यूथ कॉन्ग्रेस के दोनों कार्यकर्ताओं को मुंबई के भोजवाड़ा कोर्ट ने सोमवार को जमानत दे दी। कोर्ट ने दोनों को 15-15 हजार रुपए के बांड पर जमानत दी है। इससे पहले सोनिया गाँधी पर की गई टिप्पणी मामले में अर्नब गोस्वामी पूछताछ के सिलसिले में मुंबई पुलिस के सामने पेश हुए। इतना ही नहीं पूछताछ के बाद अर्नब विक्ट्री साइन दिखाते हुए थाने से बाहर आए थे।
Mumbai: Two people who were arrested in connection with the attack on Republic TV Editor Arnab Goswami have been granted bail by Bhoiwada Court.
— ANI (@ANI) April 27, 2020
वहीं पालघर मामले में सोनिया गाँधी के चुप्पी साधने पर सवाल खड़े करने वाले अर्नब के खिलाफ में महाराष्ट्र सरकार में कॉन्ग्रेस कोटे से मंत्री नितिन राउत की ओर से एक एफआईआर दर्ज कराई गई थी। राउत ने मामला नागपुर में दर्ज कराया था। इसके बाद मुंबई पुलिस ने 12 घंटे के अंदर अर्नब को 2 नोटिस जारी किए थे।
जिस पर रिपब्लिक टीवी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि मुंबई पुलिस ने पिछले 12 घंटे में अर्नब को 2 नोटिस भेजे हैं। कानून का पालन करने वाले नागरिक के रूप में अर्नब पूछताछ के लिए गए। हालाँकि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को मुंबई ट्रांसफर करने का आदेश दिया था।
बता दें कि एक शो के दौरान अर्नब गोस्वामी की टिप्पणी से बौखलाए कॉन्ग्रेसियों ने अर्नब के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी। वहीं कुछ मीडिया रिपोर्ट में बताई गई कि छत्तीसगढ़ के 27 जिलों में ही 101 FIR दर्ज कराई गई है। इसके अलावा अर्नब गोस्वामी के खिलाफ पंजाब, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड के अलग-अलग थानों में एक दर्जन से अधिक FIR कॉन्ग्रेस नेताओं के द्वारा दर्ज कराई गई थी।
Arnab Goswami speaks outside NM Joshi Marg Police station before interrogation for Sonia comment by Mumbai Police; Tune in to watch #LIVE here – https://t.co/rGQJsiKgt2 pic.twitter.com/T4EnrlXEDd
— Republic (@republic) April 27, 2020
नागपुर में दंगे भड़काने के आरोप में अर्नब के खिलाफ आईपीसी की धारा 153, 153A, 153B, 295A, 208, 500, 504, 505(2), 506, 120B और 117 में केस दर्ज किया गया। इसके बाद अपने खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज एफआईआर को लेकर अर्नब ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्नब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर 3 सप्ताह के लिए रोक लगा दी है। इस दौरान वे अग्रिम जमानत भी माँग सकते हैं।
गौरतलब है कि 22-23 अप्रैल की रात एडिट कॉल निपटा कर लौटते हुए अर्नब गोस्वामी और उनकी पत्नी पर कॉन्ग्रेस के दो मोटरसाइकिल सवार गुंडों ने हमला किया था। रिपब्लिक टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी ने खुद इस हमले की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी कार के आगे अपनी मोटरसाइकिल खड़ी कर दी और फिर हमला किया।
दोनों आरोपितों की पहचान प्रतीक कुमार श्याम सुंदर मिश्रा और अरुण दिलीप बुराडे के रूप में हुई थी। इतना ही नहीं दोनों आरोपितों ने स्वीकार किया था कि वे लोग यूथ कॉन्ग्रेस से हैं। अर्नब का आरोप है कि उन्हें शिकायत दर्ज कराने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी क्योंकि उन पर हमला करने वाले लोग वे थे, जो सत्ताधारी पार्टी से जुड़े थे। इसलिए बार-बार कहने पर भी उनकी बात को अनसुना किया जाता रहा।
दरअसल, मॉब लिंचिंग पर सोनिया गॉंधी की चुप्पी को लेकर अर्नब ने कहा था, “सोनिया गाँधी तो खुश हैं। वो इटली में रिपोर्ट भेजेंगी कि देखो, जहाँ पर मैंने सरकार बनाई है, वहाँ पर हिन्दू संतों को मरवा रही हूँ। वहाँ से उन्हें वाहवाही मिलेगी। लोग कहेंगे कि वाह, सोनिया गाँधी ने अच्छा किया। इनलोगों को शर्म आनी चाहिए। क्या उन्हें लगता है कि हिन्दू चुप रहेंगे? आज प्रमोद कृष्णन को बता दिया जाना चाहिए कि क्या हिन्दू चुप रहेंगे? पूरा भारत भी यही पूछ रहा है। बोलने का समय आ गया है।”